अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा ने अपनी बेहतरीन काम की मदद से बॉलीवुड में अपनी सफल जगह बना ली है. टिस्का को बॉलीवुड में २३ साल हो चुके हैं. हाली में उन्होंने एक शार्ट फिल्म चटनी में भी काम किया है जिससे उनको दुनिया को देखने का एक नया दृष्टिकोण्ड मिला. उनकी इस फिल्म को फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड से सम्मानित किया गया है.टिस्का का कहना है कि उन्हें कहानियाँ सुनाना उन्हें सबसे ज़्यादा पसंद है.
टिस्का के अनुसार किसी भी फिल्म में सफलता प्राप्त करने के लिए ज़रूरी है की अभिनेता या अभिनेत्री स्वयं को न भूले क्योंकि उनकी खामियां
उन्हें अद्वितीय बनाती हैं. टिस्का काफी समय से बुद्धिज़्म को मानती आ रही हैं. उन्होंने अपने इस धर्म के विषय में कहा कि बुद्धिज़्म उनका मार्गदर्शन करता है क्योंकि एक्टिंग एक ऐसी फील्ड है जहाँ इनसान अकेला पड़ सकता है.
तारें ज़मीन पर में टिस्का चोपड़ा ने एक माँ का किरदार निभाया. इस फिल्म ने उनको दर्शकों की आँखों में बहुत ही लोकप्रिय बना दिया. सिनेमा के बारें में टिस्का का कहना है की सिनेमा को निरंतर परिवर्तन की ओर बढ़ना चाहिए क्योंकि यदि सिनेमा ऐसी फिल्म नही बनाएगा जो लोगों को सोचने पे मजबूर करें तो सिनेमा का काम व्यर्थ है. सिनेमा में बदलाव आने पर ही समाज में बदलाव आ सकता है.
उन्होंने शी.डी.पीपल.टीवी द्वारा लिए गए इन्तर्विएव में ये भी कहा कि वह ऐसे किरदार करने पसंद करती हैं जिनमें उन्हें महत्वव मिले. वह अमिताभ बच्चन कि माँ का किरदार निभाने के लिए भी तैयार हैं अगर उस किरदार से उनकी लोकप्रियता और बढ़ती है.
टिस्का के पति एक पायलट हैं. अपने काम में व्यस्त रहने के बावजूद भी वह इस प्रकार से योजनाएँ बनाते हैं जिससे वह एक दुसरे और अपनी बेटी के साथ अधिकतम समय बिता सकें. वह वास्तविक जीवन में एक पत्नी और एक माँ का किरदार बहुत अच्छे से निभाती हैं.उनका परिवार और उनके दोस्त उनके जीवन में एक अहम भूमिका निभाते हैं.
समाज में महिलाओं के विषय में उन्होंने कहा कि जबभी महिलाएँ किसी विषय में अपनी आवाज़ उठाना चाहती हैं, तो उनको चुप करा दिया जाता है. वह बॉलीवुड में उस समय का इंतज़ार कर रही हैं जब कोई अभिनेत्री एक असामान्य महिला का किरदार निभाए और उससे लोगों से लोकप्रियता मिलें.
इतने विविध किरदार निभाने के लिए और सदा दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए टिस्का की सराहना करते हैं और आशा करते हैं की यह बॉलीवुड में अपना स्थान बनाएँ रखें