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भारतीय महिला हॉकी टीम 36 वर्षों में पहली बार हुई ओलिंपिक चुनौती में शामिल

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Swati Bundela
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भारतीय टीम बनी है 2016 में होने वाले रियो ओलिमपिक्स में प्रतिभागी. यह हमारे देश एआं टीम की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा अवसर है, जो पिछले कई महीनों से निरंतर कठिन परिश्रम में लगी थी. नील हॅगुड क्वालिफाइयिंग मॅच के कुच्छ हफ्तों पहले ही टीम से एक वर्ष के अंतरकाल के बाद दोबारा जुड़े. उनके नये, बेहतर आइडियास से टीम में काफ़ी सुधार आया है.

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भारतीय महिला हॉकी टीम 36 वर्षों में पहली बार हुई ओलिंपिक चुनौती में शामिल

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इससे पहले भारतीय महिला टीम को ओल्यपिक्स में प्रदर्शन का अवसर 1980 में मिला था. तब भी उन्हे आमंत्रित किया गया था. उसके बाद 2012 लंडन ओलिमपिक्स में यह टीम क्वालिफाइयर के आखरी पड़ाव में साउत आफ्रिका से हार गयी थी. इस टीम की कप्तानी हरयाणा की ऋतु रानी कर रही हैं, और वे बहुत खुश हैं. अपनी टीम के प्रदर्शन पे सभी अभिमान महसूस करते हैं.



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यह खेल पिछले कुच्छ वर्षों में महिलाओं के लिए काप्फी फलदायक साबित हुआ है.



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"में पिछले 10 वर्षों से ओलिंपिक में खेलने का सपना देख रही थी. इस टीम की प्रधानी करना मेरे लिए आदर की बार है. इनमें से कई लड़कियाँ पिछले साल की जूनियर वर्ल्ड कप की विजयी टीम का हिस्सा थी. कई अंतरराष्ट्रीय टीम्स के साथ इनके जोखिम के रहते ह्यूम पता है के हम क्या उम्मीद कर कर सकते हैं”, ऋतु ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा.



यह खेल पिछले कुच्छ वर्षों में महिलाओं के लिए काप्फी फलदायक साबित हुआ है. हूमें इस खेल का समर्थन करने व इसे आगे ले जाने की आवश्यकता है क्योंकि इसके द्वारा कई लड़कियाँ देश के विभिन्न प्रदेशों के गावों से बाहर निकालकर अपनी पहचान बनाने का अवसर पाती हैं.

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