आज महबूबा मुफ़्ती ने जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री की शपथ लेकर एक नया इतिहास कायम किया| आज़ाद भारत के 28 राज्यों में आज तक 16 महिलायें इस पद के लिए चुनी जेया चुकी हैं| आइए नज़र डालते हैं ऐसी कुच्छ ऐतिहासकी महिलाओं पर, जिनमें से 2 महिलायें इस चुनाव में फिर नज़र आएँगी||
महबूबा मुफ़्ती, जम्मू-कश्मीर
पिता मुफ़्ती मुहम्मद सयीद की लंबी बीमारी और इंतेकाल के बाद उनकी पुत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा ने ऐसी दुखद परिस्थितियों में देश की बागडोर संभाली| उन्होने अपना राजनैतिक कौशल सन् 90 के अपने शुरुआती दौर से ही शुरू कर दिया था| पिछले 3 महीनों से भाजपा के साथ चल रही उनकी समझौता वार्ता आख़िर मोदिजि से उनकी मुलाकात के बात समाप्त हुई| खास तौर पे इस राज्य को ऐसे कठिन दौर में अपनी पहली महिला मुख्यमंत्री मिलना बहुत बड़ी बात है||
ममता बानेर्जी, पश्चिम बेंगल
तृणमूल कॉंग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बानेर्जी हमेशा से ही अपनी तेजतर्रारी के लिए जानी जाती हैं| इनके नेतृत्व के चलते ही तृणमूल को 2011 चुनाव में भारी जीत प्राप्त हुई जिससे वे 30 वर्षों से चल रहे वाँ शासन को ख़तम कर पाए||
इस महीने जब राज्य दोबारा वोट करेगा, सवाल यह उठता है की क्या यह मिज़ाज वाम-पक्ष और कॉंग्रेस के मिले जुले संयुक्त को हरा पाएगा| वोटिंग के पहले चरण की शुरुआत आज हुई||
'दीदी' एक लेखिका और कलाकार के रूप में भी जानी जाती हैं, परंतु वे एक राजनैतिक उत्तरजीवी भी हैं| हाल ही में कलकत्ता में गिरे फ्लाइ-ओवर के लिए वे न्यूज़ में थी, जिसका इल्ज़ाम उन्होने पिछली सरकार पर डाला| उसके अलावा, पार्क स्ट्रीट बलात्कार घटने के लिए भी उनकी गहरी आलोचना हुई, जिसे उन्होने एक राजनैतिक साजिश बताया||
वसुंधरा राजे, राजस्थान
भाजपा की वसुंधरा राजे 2013 से राजस्थान की मुख्यमंत्री हैं| यह उनकी दूसरी बार है, इससे पहले वे 2003-08 में भी मुख्यमंत्री रह चुकी हैं| वे गर्व से महिलाओं और युवा पीढ़ी के हित में काम करती हैं, जिसके लिए वे काफ़ी मशहूर भी हैं| अपना काफ़ी समय उन्होने राज्य में निवेश आमंत्रित करने में खर्च किया है||
इससे पहले उनपर कई राजनीओटिक हमले हुए, जिसमें से आई पी एल प्रमुख ललित मोदी के साथ उनकी मित्रता को लेकर था||
पर यह सब झेल कर वे और मज़बूत बाहर आई हैं| हाल ही में उन्होने ने राज्य बजेट पेश किया, जिसमें राजस्थान 'बीमारू' श्रेणी से बाहर आता नज़र आया, हलाकी अभी भी कई आर्थिक चुनौतियाँ हैं जिनको सुधारने की आवश्यकता है||
जयललिता, तमिल नाडु
AIADMK प्रमुख जयललिता का राजनैतिक लोहा समय समय पर सभी ने माना है| लोग उनकी पार्टी में चलते व्यक्तित्व पंथ के लिए उनकी काफ़ी आलोचना करते हैं, परंतु सच तो यह है की वे 5 बार देश के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं| उन्हे प्यार से अम्मा भी कहा जाता है, और सरकार की कई योजनायें उनके नाम से चलती हैं| जैसे अम्मा कॅंटीन, जो सिर्फ़ महिलायें चलाती हैं और 1 रुपये की अम्मा इडली बेचती है| ऐसी योजनायें ना सिर्फ़ मशहूर और कामयाब होती हैं, कई राज्य इनका अनुकरण करने की कोशिश भी करते हैं||
2015 में जयललिता को एक बड़ी क़ानूनी बढ़ा का सामना करना पड़ा था, जब कर्नाटका हाइ कोर्ट ने उनपर आए से अधिक संपत्ति होने का प्रभार लगाया (उन्हे मुख्यमंत्री पद छोड़ना भी पड़ा था)| हलाकी हर चुनाव में मानो DMK और AIDMK अपने पद मानो बदलते हैं, 16 मई को होने वाले सिंगल फेज़ पोल्स में किसकी जीत होगी देखना दिलचस्प होगा||
आनंडिबेन पटेल, गुजरात
भाजपा से सन् 1987 से जुड़ी आनन्दी गुजरात की पहली महिला मुखमंत्री हैं| पटेल को कई बार गुजरात की लौह महिला भी कहा जाता है| पर्यवेक्षकों की माने तो आनन्दी एक कुशल प्रशासक के रूप में उभरी हैं| ख़ास तौर पे शिक्षा के क्षेत्र में उनका काम काफ़ी सराहा जेया रहा है||
इससे पहले उन्होने गुजरात के मुख्य मंत्री केशुभाई पटेल के साथ भी काम किया है, जहाँ उन्हे दो विभागों की ज़िम्मेदारी दी गयी, शिक्षा और महिला एवं बाल कल्याण| जब नरेंद्र मोदिजि सत्ता में आए, आनन्दिबेन के हाथ में राजस्व, सड़क एवं इमारत और शहरी आवास जैसे महत्वपूर्ण संविभाग संभालने को आए||