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शाची इर्दे : महिलाओ को सलाह की वो अपने करियर को अलग तरह के दृष्टिकोण से देखे

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Swati Bundela
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प्रकृति से संरक्षक, शाची इर्दे, कॅटलिस्ट इंडिया की एग्ज़िक्युटिव डाइरेक्टर है और कॅटलिस्ट इंडिया सलाहकार बोर्ड की सदस्य है जो बंगलोर मे है. इर्दे एक केंद्रीय पाइलट है संस्था की, जो महिलाओ के साथ काम करता है और महिलाओ के लिए सुविधाए बढ़ाने  की कोशिश करता है.

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इर्दे एक अनुभव पृष्ठभूमि लाती है व्यापार विकास, मार्केटिंग और मानव संसाधन मे. वो कहती है की ६७% नियोक्ताओं नौकरी को भरने मे संघर्ष कर रही है और बड़े प्रतिभा को रखने की चिंता कर रही है. इस शर्मनाक स्थिति का उपाय उनके अनुसार सिर्फ़ यही है की उन्हे इस बारे मे पढ़ाया जाए और इस बात पर प्रकाश डाला जाए की हमे विविध लोगो की ज़रूरत है.



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शाची इर्दे : महिलाओ को सलाह की वो अपने करियर को अलग तरह के दृष्टिकोण से देखे



मेरा नाम शाची इर्दे है और मे कॅटलिस्ट इंडिया की एग्ज़िक्युटिव डाइरेक्टर हू. मेरी पृष्ठभूमि बहुत विविध तरह की क्षेत्र मे है जैसे मैने मेरा करियर सेल्स मे चालू किया और फिर मे अड्वर्टाइज़िंग कम्यूनिकेशन्स, कर्मचारी संबंध की तरफ मूडी और मे एक एचआर भी थी कुछ सालो के लिए.  कॅटलिस्ट इंडिया मे शामिल होने से पहले मे इन्फ़ोसीस मे वैश्विक विविधता के भूमिका मे काम करती थी.

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 डिजिटल उछाल काफ़ी अछा साबित हो रहा है अर्थव्यवस्था के लिए, महिलाओ के लिए, समाज के लिए और कंपनीज़ के लिए.  



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डिजिटल इंडिया एक उछाल है काफ़ी लोगो के लिए जहा हर रोज कुछ नयी चीज़े आ रही है. आज कल कोई भी चीज़ तक पहुचना आसान हो गया है और हम ह्मारे ग्राहक तक आसानी से पहुच रहे है बिना कोई मुश्किल और एजेंट के जो बीच मे शामिल होते है. अगर मे महिलाओ की और देखु जो टीएर २ और टीएर ३ शहरो से है तो उनके लिए काफ़ी सारी चीज़ो तक पहुचना आसान हो गया है. हाल ही मे मैने कुछ विवरण पढ़े जहा कुछ कंपनीज़ या वेबसाइट्स कैसे उनकी मदत कर रही है पढ़ाई या सुविधाओ के बारे मे जानने के लिए. उसी प्रकार जब नये फैशन की बात आती है, डिजिटल प्लॅटफॉर्म ने इसे उनके काफ़ी नज़दीक लाया है, आज वो घर बैठे हुए इन सारी चीज़ो की जानकारी ले सकते है.  डिजिटल उछाल काफ़ी अछा साबित हो रहा है अर्थव्यवस्था के लिए, महिलाओ के लिए, समाज के लिए और कंपनीज़ के लिए.



 कॅटलिस्ट इंडिया मे शामिल होने से पहले मे इन्फ़ोसीस मे वैश्विक विविधता के भूमिका मे काम करती थी.

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कठिनाइयों का सामना करने के बारे मे कहु तो उदाहरण: मेरे सेल्स करियर के दौरान मे अकेली सेल्स महिला थी और क्या होता था की सेल्स से जुड़े सारे निर्णय धूम्रपान क्षेत्र मे लिए जाते थे क्युकि सारे लोग धूम्रपान करते थे. कुछ देर मैने ऐसे ही चलने दिया लेकिन जब इस बात ने मेरे सेल्स प्रभावशीलता और चॅनेल पार्ट्नर संबंध के उपर असर करना चालू किया तब उनसे बात की जगह मैने उनको अनुसरण करना चालू किया और मे उनके साथ एक निष्क्रिय धूम्रपान करने लगी. मैने लड़को के साथ घूमती थी और उनके साथ धूम्रपान क्षेत्र मे जाती थी क्युकि मे चाहती थी की मुझे सारी बातें पता होनी चाहिए जो दूसरो को पता है. आज मे ये बताना चाहूँगी की मे बदल गयी हू और मे अपनी आवाज़ लोगो तक पहुचाना जानती हू और मुझे शामिल किया जाए जो भी निर्णय और आयोजन लिए जाए उसमे. मे बाकी संगठन को प्रोत्साहित करना चाहूँगी की वो सम्मिलित करे की ऐसे बातें कहा होती है और यह कहना चाहूँगी की सभी टीम के लोगो को निर्णय प्रक्रिया लेने मे शामिल करे.



 

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