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शिवानी शाह ने कम्युनिकेशन की पढाई की है. मुंबई में पांच साल तक काम करने के अनुभव के साथ साथ उनके पास लॉ की डिग्री भी है। लेकिन उनके बचपन और वयस्कता की स्पष्ट यादें - एक कोने में बैठने की और कुछ लिखने की हैं, "यह मैंने हमेशा किया है और हमेशा करना चाहता थी। इसलिए मैंने अपनी नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया."
इसके तुरंत बाद, उनकी एक पुरानी दोस्त जूही पांडे, उनके पास एक ऐसा प्लेटफ्रॉम शुरू करने के विषय में बात करने आयीं जो उस शहर के लोगों और वस्तुओं के विषय में बात करे. उस समय उनके पास उसे देने के लिए कोई नाम नहीं था. परन्तु उन दोनों ने काफी समय तक उस योजना के बारे में सोचा.
इस समय तक उनकी तीसरी को-फाउंडर जेनेसिआ अल्वेस ने भी उनके साथ काम करने का निर्णय लिया. इसी प्रकार "द सिटी स्टोरी" की शुरुआत हुई.
यह एक अनोखी वेबसाइट है जो लोगों के उनके शहर के साथ अनुभवों को और बेहतर करना चाहती है.
शिवानी का कहना है कि मुंबई और लंदन पर मुख्य रूप से फोकस करने के दो कारण थे- "मुंबई और लंदन दोनों ही जीवंत और संपन्न शहरों को पेश करते हैं। उनके बारे में बताने के लिए कहानियों की कोई कमी नहीं है. हमने डेढ़ साल पहले इस प्लेटफ्रॉम को शुरू किया था और अभी भी हमारे पास कहानियों की कमी नहीं है."
जेनेसिआ और मैं बॉम्बे में रहते हैं. और जूही बॉम्बे और लंदन के बीच ट्रेवल करती रहती है. एक छोटी सी टीम के साथ, वेबसाइट को चलाने और उस जगह पर ध्यान केंद्रित करना आसान है जहां हम स्थित हैं।
द सिटी स्टोरी के लिए उन्हें मल्टीटास्क करना पड़ता है. एक ही बार में कई चीजों पर ध्यान देना होता है. कहानियों की कमीशनिंग, उन्हें संपादित करना, पाठकों में लगातार विकसित करने और आकर्षित करने के तरीकों के विषय में सोचना, भागीदारों के साथ संबंध बनाना, वित्तीय और करों और कानूनी आवश्यकताओं के बारे में जानकारी रखना.
वह कहते हैं, "सब कुछ महत्वपूर्ण है, और आप लगातार इन चीज़ों के बीच जगल करते हैं। परन्तु टीम में हम अपनी स्ट्रेंथ्स के अनुसार अलग अलग चीज़ों पर ध्यान देते हैं. हम एक टीम के रूप में काम करते हैं - एक दूसरे पर भरोसा करते हैं, एक-दूसरे की सुनते हैं और एक-दूसरे को चुनौती देते हैं.
"जब लोग हमसे संपर्क करते हैं या हमारे फेसबुक पेज पर टिप्पणी करते हैं कि उनकी कहानी किस तरह उनके साथ प्रतिध्वनित करती है, यह जानकर हमें बहुत अच्छा लगता है कि हम लोगों के दिलों तक पहुँच रहे हैं। ऐसे बहुत लोग हैं जो हमसे पूछते हैं की क्या वह हमारे लिए लिख सकते हैं. हमारे लेखक होने के साथ साथ वह हमारे करीबी दोस्त भी हैं."
हालांकि शिवानी ने लिखने के लिए अपनी नौकरी छोड़ी थी, लेकिन वह हर कुछ महीनों में एक बार ही ऐसा कर पाती हैं क्योंकि वेबसाइट चलाने में उनका काफी समय निकल जाता है.
एक उद्यमी होने के बारे में, वह कहती है, "आपको अपनी कम्फर्ट जोन से बाहर निकाल दिया जाता है और आपको उन चीजों को करना पड़ता है जिनके बारें में आप कुछ भी नहीं जानते हैं. आपको शुरुआत से इतनी सारी चीज़ें सीखनी होंगी. अपनी क्षमताओं और अपनी सीमाओं का एहसास होना और अपने उत्पाद या व्यवसाय की वृद्धि और एक व्यक्ति के रूप में आपके विकास को देखकर बहुत सशक्त महसूस होता है."
वह आजकल अपनी वेबसाइट का विस्तार करने के विषय में सोच रही है.
वह बताती हैं, "मैं दुनिया भर के शहरों में सिटी स्टोरी को देखना चाहती हूं। जहाँ तक मेरे जीवन का सवाल है, मैं प्रतिदिन जीने में और योजनाएं बनाने में विश्वास रखती हूँ. लेकिन मैं कह सकती हूं कि मैं खुद सिटी स्टोरी के लिए ही काम करने की कप्लना करती हूँ.
इसके तुरंत बाद, उनकी एक पुरानी दोस्त जूही पांडे, उनके पास एक ऐसा प्लेटफ्रॉम शुरू करने के विषय में बात करने आयीं जो उस शहर के लोगों और वस्तुओं के विषय में बात करे. उस समय उनके पास उसे देने के लिए कोई नाम नहीं था. परन्तु उन दोनों ने काफी समय तक उस योजना के बारे में सोचा.
इस समय तक उनकी तीसरी को-फाउंडर जेनेसिआ अल्वेस ने भी उनके साथ काम करने का निर्णय लिया. इसी प्रकार "द सिटी स्टोरी" की शुरुआत हुई.
यह एक अनोखी वेबसाइट है जो लोगों के उनके शहर के साथ अनुभवों को और बेहतर करना चाहती है.
शिवानी का कहना है कि मुंबई और लंदन पर मुख्य रूप से फोकस करने के दो कारण थे- "मुंबई और लंदन दोनों ही जीवंत और संपन्न शहरों को पेश करते हैं। उनके बारे में बताने के लिए कहानियों की कोई कमी नहीं है. हमने डेढ़ साल पहले इस प्लेटफ्रॉम को शुरू किया था और अभी भी हमारे पास कहानियों की कमी नहीं है."
जेनेसिआ और मैं बॉम्बे में रहते हैं. और जूही बॉम्बे और लंदन के बीच ट्रेवल करती रहती है. एक छोटी सी टीम के साथ, वेबसाइट को चलाने और उस जगह पर ध्यान केंद्रित करना आसान है जहां हम स्थित हैं।
" हम एक टीम के रूप में काम करते हैं - एक दूसरे पर भरोसा करते हैं, एक-दूसरे की सुनते हैं और एक-दूसरे को चुनौती देते हैं."
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द सिटी स्टोरी के लिए उन्हें मल्टीटास्क करना पड़ता है. एक ही बार में कई चीजों पर ध्यान देना होता है. कहानियों की कमीशनिंग, उन्हें संपादित करना, पाठकों में लगातार विकसित करने और आकर्षित करने के तरीकों के विषय में सोचना, भागीदारों के साथ संबंध बनाना, वित्तीय और करों और कानूनी आवश्यकताओं के बारे में जानकारी रखना.
वह कहते हैं, "सब कुछ महत्वपूर्ण है, और आप लगातार इन चीज़ों के बीच जगल करते हैं। परन्तु टीम में हम अपनी स्ट्रेंथ्स के अनुसार अलग अलग चीज़ों पर ध्यान देते हैं. हम एक टीम के रूप में काम करते हैं - एक दूसरे पर भरोसा करते हैं, एक-दूसरे की सुनते हैं और एक-दूसरे को चुनौती देते हैं.
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"जब लोग हमसे संपर्क करते हैं या हमारे फेसबुक पेज पर टिप्पणी करते हैं कि उनकी कहानी किस तरह उनके साथ प्रतिध्वनित करती है, यह जानकर हमें बहुत अच्छा लगता है कि हम लोगों के दिलों तक पहुँच रहे हैं। ऐसे बहुत लोग हैं जो हमसे पूछते हैं की क्या वह हमारे लिए लिख सकते हैं. हमारे लेखक होने के साथ साथ वह हमारे करीबी दोस्त भी हैं."
अपनी क्षमताओं और अपनी सीमाओं का एहसास होना और अपने उत्पाद या व्यवसाय की वृद्धि और एक व्यक्ति के रूप में आपके विकास को देखकर बहुत सशक्त महसूस होता है."
हालांकि शिवानी ने लिखने के लिए अपनी नौकरी छोड़ी थी, लेकिन वह हर कुछ महीनों में एक बार ही ऐसा कर पाती हैं क्योंकि वेबसाइट चलाने में उनका काफी समय निकल जाता है.
एक उद्यमी होने के बारे में, वह कहती है, "आपको अपनी कम्फर्ट जोन से बाहर निकाल दिया जाता है और आपको उन चीजों को करना पड़ता है जिनके बारें में आप कुछ भी नहीं जानते हैं. आपको शुरुआत से इतनी सारी चीज़ें सीखनी होंगी. अपनी क्षमताओं और अपनी सीमाओं का एहसास होना और अपने उत्पाद या व्यवसाय की वृद्धि और एक व्यक्ति के रूप में आपके विकास को देखकर बहुत सशक्त महसूस होता है."
वह आजकल अपनी वेबसाइट का विस्तार करने के विषय में सोच रही है.
वह बताती हैं, "मैं दुनिया भर के शहरों में सिटी स्टोरी को देखना चाहती हूं। जहाँ तक मेरे जीवन का सवाल है, मैं प्रतिदिन जीने में और योजनाएं बनाने में विश्वास रखती हूँ. लेकिन मैं कह सकती हूं कि मैं खुद सिटी स्टोरी के लिए ही काम करने की कप्लना करती हूँ.
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