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अनुष्का शर्मा की प्रोडक्शन में बनी फ़िल्म बुलबुल का ट्रेलर आ चुका है और हमें ये एक देखने लायक हॉरर फ़िल्म लग रही है। अन्विता दत्त द्वारा डायरेक्टेड इस फ़िल्म में राहुल बोस, पाओली, अविनाश तिवारी, पारंब्रता चटर्जी और तृप्ति डिमरी मेन रोल्स में हैं।
हिंट देता है ट्रेलर
ट्रेलर हिंट देता है बच्चों पर होने वाले जुर्म और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं के इर्द गिर्द बुनी हुई कहानी की। 24 जून को नेटफ्लिक्स पर बुलबुल प्रीमियर होने जारही है।
Folklores से प्रेरित अलग कहानी
अनुष्का शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर ये ट्रेलर शेयर किया है जिसके कैप्शन में वो लिखती हैं,"क्या होगा अगर हमारी बचपन की बेडटाइम कहानियां सच होजाएं।"
क्या है ट्रेलर में?
फ़िल्म के ट्रेलर के शुरुआत में बच्चा एक कहानी सुनाने को कहता है जो एक डरावना मोड़ ले लेती है। उल्टे पैर पेड़ों पर चलते हुए दिखाई देते हैं और कहानी सुनाने वाली आवाज़ कहती है, "बहुत समय पहले की बात है ...एक चुड़ैल थी।"
कैमेरा फिर एक छोटी सी दुल्हन के ऊपर ज़ूम होता है जो अपने से बहुत बड़े दूल्हे से बात कर रही है।
एक टाइम लीप के बाद उसी दुल्हन को एक mysterious महिला के रूप में दिखाया जाता है जो अब घर की मालकिन बन चुकी है।
उसके बाद शुरू होता है घर के पुरुषों के मरने का सिलसिला। इसके बाद के सीन्स पहेली की तरह है जो कि फ़िल्म देखने के बाद ही सुलझ पाएगी।
एक्सपेरिमेंट होरहा है हॉरर genre के साथ
कुछ डायरेक्टर्स को छोड़ कर हिंदी सिनेमा के बहुत कम डायरेक्टर्स ने हॉरर genre में experiment किये हैं।
अमर कौशिक की फ़िल्म स्त्री भी ऐसा ही एक प्रयोग थी। बुलबुल का बैकग्राउंड haunted म्यूजिक और edgy नैरेटिव तो है ही पर उसके साथ सोशल इश्यूज जैसे चाइल्ड मैरिज और abusive मकानमालिक की भी बात करती दिख रही है।
बंगाल का है बैकग्राउंड
बाल विवाह की कुप्रथा भारत मे बहुत दशकों से रही है। इस फ़िल्म को पश्चिम बंगाल की पृष्ठभूमि पर बनाया गया है जहां सबसे ज़्यादा बाल विवाह के मामले पाए जाते हैं। आज भी कई मामले हैं जिनको रिपोर्ट नहीं किया जाता।
और पढ़िए- गुंजन सक्सेना की बायोपिक पर बनी जाह्नवी कपूर की फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ के लिए तैयार
हिंट देता है ट्रेलर
ट्रेलर हिंट देता है बच्चों पर होने वाले जुर्म और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं के इर्द गिर्द बुनी हुई कहानी की। 24 जून को नेटफ्लिक्स पर बुलबुल प्रीमियर होने जारही है।
Folklores से प्रेरित अलग कहानी
अनुष्का शर्मा और डायरेक्टर अन्विता दत्त इसे अलग कहानी बता रही हैं जो folklores से प्रेरित हैं और सोशल मैसेज भी देती है।
अनुष्का शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर ये ट्रेलर शेयर किया है जिसके कैप्शन में वो लिखती हैं,"क्या होगा अगर हमारी बचपन की बेडटाइम कहानियां सच होजाएं।"
क्या है ट्रेलर में?
फ़िल्म के ट्रेलर के शुरुआत में बच्चा एक कहानी सुनाने को कहता है जो एक डरावना मोड़ ले लेती है। उल्टे पैर पेड़ों पर चलते हुए दिखाई देते हैं और कहानी सुनाने वाली आवाज़ कहती है, "बहुत समय पहले की बात है ...एक चुड़ैल थी।"
कैमेरा फिर एक छोटी सी दुल्हन के ऊपर ज़ूम होता है जो अपने से बहुत बड़े दूल्हे से बात कर रही है।
एक टाइम लीप के बाद उसी दुल्हन को एक mysterious महिला के रूप में दिखाया जाता है जो अब घर की मालकिन बन चुकी है।
उसके बाद शुरू होता है घर के पुरुषों के मरने का सिलसिला। इसके बाद के सीन्स पहेली की तरह है जो कि फ़िल्म देखने के बाद ही सुलझ पाएगी।
एक्सपेरिमेंट होरहा है हॉरर genre के साथ
कुछ डायरेक्टर्स को छोड़ कर हिंदी सिनेमा के बहुत कम डायरेक्टर्स ने हॉरर genre में experiment किये हैं।
2018 में अनुष्का शर्मा की फ़िल्म परी भी इसी experiment का हिस्सा थी। परी भी supernatural हॉरर genre की फ़िल्म थी। आजकल हॉरर का प्रयोग एक सोशल मैसेज देने के लिए किया जारहा है।
अमर कौशिक की फ़िल्म स्त्री भी ऐसा ही एक प्रयोग थी। बुलबुल का बैकग्राउंड haunted म्यूजिक और edgy नैरेटिव तो है ही पर उसके साथ सोशल इश्यूज जैसे चाइल्ड मैरिज और abusive मकानमालिक की भी बात करती दिख रही है।
बंगाल का है बैकग्राउंड
बाल विवाह की कुप्रथा भारत मे बहुत दशकों से रही है। इस फ़िल्म को पश्चिम बंगाल की पृष्ठभूमि पर बनाया गया है जहां सबसे ज़्यादा बाल विवाह के मामले पाए जाते हैं। आज भी कई मामले हैं जिनको रिपोर्ट नहीं किया जाता।
और पढ़िए- गुंजन सक्सेना की बायोपिक पर बनी जाह्नवी कपूर की फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ के लिए तैयार