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आर्मी ने वीमेन पायलट्स को इनडक्ट करने का फैसला लिया

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Swati Bundela
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15 जनवरी को सेना दिवस के बाद, भारतीय सेना ने घोषणा की है कि वह जल्द ही महिलाओं को पायलट के रूप में अपने एविएशन विंग में शामिल करेगी। थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवने ने मंगलवार को कहा कि पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम से गुजरने वाले अधिकारियों के साथ सेना उड्डयन वाहिनी में महिलाओं की भर्ती का प्रस्ताव इस साल जुलाई से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारी 2021 से परिचालन कर्तव्यों में शामिल हो सकेंगी।

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अभी सेना के एविएशन विंग में महिलाओं को केवल ग्राउंड वर्क के लिए तैनात किया जाता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल नरवन के हवाले से कहा गया, "एडजुटेंट जनरल की शाखा, सैन्य सचिव शाखा और एविएशन डायरेक्टरेट इस सहमति पर पहुंचे हैं कि महिला अधिकारी फ्लाइंग ड्यूटी के लिए फ्लाइंग ब्रांच में हो सकती हैं।" अभी इंडियन एयर फाॅर्स (IAF) में 1875 महिला अधिकारियों की संख्या है।

फोर्सेस में महिलाओं को मौका देना

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भारतीय सेनाओं में शामिल होने के बाद से ही महिलाएं नए आसमान छू रही हैं। 1955 में, विंग कमांडर (retd) विजयलक्ष्मी रमनन भारतीय वायु सेना में कमीशन पाने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा।



अगस्त 1966 में, IAF चिकित्सा अधिकारी, फ्लाइट लेफ्टिनेंट कांता हांडा, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपनी सेवा के लिए प्रशंसा प्राप्त करने वाली पहली महिला IAF अधिकारी बनीं। 1994 में आईं, महिलाएं वायु सेना में सहायक भूमिका में पायलट के रूप में शामिल हुईं। गुंजन सक्सेना और श्रीविद्या राजन कारगिल युद्ध के दौरान युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरने वाली पहली महिला बनीं।
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अभी हाल ही में, 2012 में, राजस्थान की निवेदिता चौधरी (फ्लाइट लेफ्टिनेंट), भारतीय वायुसेना की पहली महिला बनीं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह किया। 2019 में, रडार कंट्रोलर स्क्वाड्रन लीडर मिन्टी अग्रवाल 27 फरवरी, 2019 को विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को नियंत्रित करने के लिए युध सेवा पदक प्राप्त करने वाली पहली महिला बनीं, जब उन्होंने एफ -16 की शूटिंग की।



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