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कोविशील्ड की पहली खुराक कोवैक्सिन की तुलना में ज़्यादा कारगर : ICMR प्रमुख

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Swati Bundela
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कोविशील्ड की खुराक ज्यादा कारगर - देश भर में बढ़ते कोरोना के कहर और वैक्सीन की कमी ने स्थिति को काफी संकटमय बना दिया है। ऐसे में कोविड - 19 की पर काम कर रहे एक्सपर्ट्स और एनटीएजीआई की सलाह पर सरकार ने हाल ही में कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का फैसला लिया गया है। हालांकि, Covaxin के लिए खुराक अंतराल को नहीं बदला है, चार सप्ताह ही रहने दिया है।

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कोवैक्सिं के मुकाबले है कोविशील्ड ज्यादा फायदेमंद



कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतराल को बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि कोविशील्ड की पहली खुराक कोवैक्सीन के मुकाबले इम्यूनिटी मजबूत बनाती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव के अनुसार, कोविशील्ड की पहली खुराक के बाद प्रतिरोधक क्षमता मजबूत पाई गई है और तीन महीने का अंतराल सबसे अच्छा परिणाम देगा।

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हालांकि, कोवैक्सिन की पहली खुराक के बाद इम्यूनिटी लेवल का नहीं बढ़ता है। इसीलिए इसके खुराक के प्लीज के अंतर को चार सप्ताह ही रहने दिया गया है।

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टीकाकरण का निर्माण कहां हुआ है ?



Covishield, Covaxin और Sputnik V तीन टीके हैं जिन्हें DGCI ने देश में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी गई है। Covaxin एक स्वदेशी वैक्सीन है जिसका निर्माण हैदराबाद स्थित जैव प्रौद्योगिकी (biotechnology) कंपनी, भारत बायोटेक द्वारा किया जा रहा है। वहीं पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन के स्थानीय संस्करण कोविशील्ड का निर्माण कर रहा है। स्पुतनिक वी को डॉ रेड्डीज द्वारा रूस से इंपोर्ट करने की मंजूरी दे दी गई है, लेकिन यह अभी भी देश में व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है।
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कोविशील्ड चिंपैंजी के मल से अलग किए गए एडेनोवायरस से बनाया गया है जिसे आनुवंशिक (genetic) रूप से बदल दिया गया है ताकि यह इंसानों में न बढ़े। वही अध्ययन से अधिक डेटा उपलब्ध हुआ तो पता चला कि खुराक के अंतराल को 4-8 सप्ताह तक बढ़ाने से कुछ फायदा हो सकता है।



कोविशील्ड की खुराक ज्यादा कारगर
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