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डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर (Kamalpreet Kaur) ने ओलंपिक में 64 मीटर के प्रयास से भारत को महिला डिस्कस थ्रो फाइनल में जगह दिलाई। उसके पहले अटेम्प्ट में 60.29 के बाद, उसने अपने दूसरे अटेम्प्टमें 63.97 की दूरी हासिल की, जबकि योग्यता अंक 64.00 था। वह अमेरिकी वैलेरी ऑलमैन के ठीक बाद योग्यता में दूसरे स्थान पर रही।
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जानिये ओलम्पिक में डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर की जीत से जुड़ी ये 10 बातें :
- आपको बता दे कि कौर टोक्यो में ओलंपिक खेलों में सुर्खियों में आने वाली भारतीय डिस्कस थ्रोअर हैं।
- कौर को 65.06 मीटर के प्रयास के साथ डिस्कस थ्रो में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने के लिए जाना जाता है।
- उन्होंने 21 जून 2021 को पंजाब के पटियाला में आयोजित फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपने ही रिकॉर्ड को 66.59 को तोड़ा था।
- ओलंपिक में गोल्ड जीतने की चाहत रखने वाले 25 वर्षीय खिलाड़ी का यह शानदार प्रदर्शन है।
- वह युनाइटेड स्टेट्स वेलेरिया ऑलमैन के एथलीट के साथ फाइनल में प्रवेश पाने वाली दो खिलाड़ियों में शामिल थीं।
- अब डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर का मुकाबला ऑलमैन से होगा।
- कमलप्रीत कौर पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने घरेलू धरती पर डिस्कस में 65 मीटर के निशान को पार किया और फिर अब 66 का भी निशान छू लिया।
- 2016 में U-18 और U-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के खिताब अपने नाम किए।
- वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में, वह 2017 में छठे स्थान पर रही।
- 2019 में दोहा में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में, वह पांचवें स्थान पर रही।
डिस्कस थ्रो किसे कहते है ?
यह एक एथलेटिक्स इवेंट है जिसमें एक एथलीट एक भारी डिस्क फेंकता है – जिसे डिस्कस कहा जाता है – प्रतियोगिता में अन्य सभी की तुलना में अधिक दूरी तय करने के प्रयास में। प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम तीन मौके मिलते हैं। यह सदियों से खेला जाने वाला खेल है और प्राचीन ग्रीस के पहले ओलंपिक खेलों का भी हिस्सा था। यहा पढ़े कमलप्रीत कौर की कहानी।
फीचर इमेज क्रेडिट : TOI