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Nipaah Virus Alert : निपाह वायरस के चलते ज़मीन पर गिरे और बिना धुले फल खाने को लेकर एक्सपर्ट ने चेतावनी दी

Nipaah Virus  - भारत में निपाह वायरस तेजी से फेल रहा है और सभी के लिए अभी ध्यान देने वाली बात बन चुका है। हाल में ही AIIMS के एक्सपर्ट ने कहा है कि ज़मीन पर गिरे हुए और बिना धुले हुए फल न खाएं। ऐसा करने से आप बीमार पढ़ सकते हैं और यह निपाह वायरस को जानवर से इंसानों तक फैला सकता है। इस संडे को एक 12 साल के लड़के की निपाह वायरस के चलते केरल के कोझिकोड में जान चली गयी।

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ज़मीन पर गिरे और बिना धुले फल क्यों हैं नुकसानदायक? (Nipaah Virus)



ऐसा एक्सपर्ट्स इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जो फल ज़मीन पर गिरे फल होते हैं या धुले नहीं होते हैं उन पर जानवर जैसे चमगादड़ का थूक मौजूद हो सकता है। इसलिए फलों को खाने से पहले अच्छे से तरीके से धोना बेहद जरुरी हो जाता है।

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क्या निपाह वायरस चमकादड़ से और जानवरों को भी हो सकता है?



निपाह वायरस फैलने का मुख्या कारण फलों वाली चमगादड़ होती हैं इसलिए इनसे सतर्क रहना बहुत जरुरी हो जाता है। यह चमगादड़ से अन्य जानवर जैसे सूअर, बकरी, घोड़ा और बिल्ली को भी हो सकता है।
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इस से पहले निपाह वायरस कहाँ और कब फैला था?



इससे पहले भी केरल में 2018 में निपाह वायरस का घातक प्रकोप देखा गया था, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई थी। संक्रमण से मृत्यु दर 70 प्रतिशत है। निपाह वायरस एक ऐसा वायरस है जो जानवरों के ज़रिये इंसानो में फैलता है। यह वायरस चमगादड़ और सूअर में पाया जाता है, जो अगर इंसान के संपर्क में आ जाये तो उसके शरीर में भी ये वायरस प्रवेश कर सकता है। यही नहीं अगर संक्रमित चमगादड़ या सूअर किसी फल का सेवन करते है तो उस फल के ज़रिये भी ये इंसानो में फ़ैल सकता है।



निपाह वायरस का सबसे पहला मामला मलेशिया में पाया गया था, उसके बाद यह वायरस सिंगापूर और बांग्लादेश जैसे देशो में भी फ़ैल गया था। भारत में यह 2001 में सबसे पहले पश्चिम बंगाल में फैला था।
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