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क्यों बढ़ रहे है केरल में कोरोना के केस? कैसे ये बन सकता है पूरे भारत के लिए खतरनाक?

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Swati Bundela
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भारत में अभी तक कोरोना की महामारी ख़त्म नही हुई है। जुलाई में केरल में कोरोना के प्रति दिन 13,500 केसेस सामने आए और करीबन 19,500 केसेस प्रति दिन अगस्त में दर्ज हुए। केरल के हेल्थ बुलेटिन के हिसाब से केरल के कई इलाकों में कोरोना की टेस्टिंग शुरू है और बढ़ते कोरोना केसेस के वजह से इन्फेक्शन के फैलाव पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

शनिवार को भारत में 46,759 नए कोरोना वायरस केसेस दर्ज हुए। केरल में ज्यादा केसेस पिछले 2 महीने में दर्ज हुए ओनम के महोत्सव के बाद। दक्षिण भारत में कोरोना वायरस के केसेस कम होने का नाम नहीं ले रहे बल्कि शनिवार को केरल में 70% ज्यादा केसेस सामने आए। जब बुधवार की रिपोर्ट सामने आई तो केरल में 31,445 केसेस का पता चला।

केरल में क्यों बढ़ रहे हैं कोरोना वायरस के केसे? (Kerala Covid-19 Cases)

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केरल में कोरोना वायरस के फैलने की सबसे बड़ी वजह बनी ओनम का त्योहार। इस त्योहार के दौरान लोगो ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करते हुए त्योहार मनाया और इसका अंजाम बना बढ़ते कोरोना के केसेस।

केरल के आरोग्य मंत्री के हिसाब से केरल के लोगो ने कोरोना के नियमो का बिल्कुल पालन नहीं किया। इसके साथ जो लोग कोरोना की बीमारी से ठीक हो रहे थे उन्होंने भी लापरवाही दिखाई। ओनम के बाद इनमे से 35 % लोग कोरोना से पीड़ित मिले।

आज केरल में सबसे ज्यादा कोरोना के केसेस दर्ज हो रहे है। पूरे देश के कोरोना वायरस के केसेस में से आधे केसेस सिर्फ केरल राज्य से दर्ज हुए है। आरोग्य मंत्री ने इसे गंभीर कारण बताया है और नियम का पालन करने की सलाह दी है।

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पिनारयी विजय की सरकार ने बढ़ते आलोचना के विरोध में कहा कि केरल में रविवार को लॉकडाउन लगाया गया। इसके साथ आरोग्य मंत्री जॉर्ज ने कहा कि 70 % केरल की जनता जो कोरोना की वैक्सीन लेने के लिए योग्य है उन्हे कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन लग चुकी है और दूसरी वैक्सीन 25 % लोगो को लग चुकी है।









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