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निमिषा फातिमा की माँ, बिंदु संपथ ने केरल हाई कोर्ट में दूसरी बार पेटिशन फाइल किया है। इस पेटिशन के ज़रिये उन्होंने केंद्रीय सरकार से जल्द से जल्द दिशा-निर्देशों की मांग की है ताकि उनकी डॉटर और ग्रैंडडॉटर की वापसी और देश-प्रत्यावर्तन किया जा सके। गौरतलब है कि फ़िलहाल उन दोनों को अफ़ग़ानिस्तान के मैक्सिमम सेक्योरिटी जेल में गिरफ्तार करके रखा गया है।
भारतीय नागरिक हैं निमिषा फातिमा
निमिषा फातिमा भारतीय नागरिक हैं और उनकी माँ ने उनकी वापसी के लिए पेटिशन दाखिल करवाया है। उनकी माँ का ये कहना है कि उनकी बेटी को उसके पिता अपने साथ विदेश ले गए थे और फिर वो वहां इस्लामिक स्टेट के अंडर रह रहे थे। 2019 में इस्लामिक स्टेट के एक लीडर की मृत्यु के बाद पिटीशनर की बेटी ने अपनी बेटी के साथ अफ़ग़ान ऑफिशियल्स के सामने सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से ही वो अपनी 4 साल की बेटी के साथ अफ़ग़ानिस्तान के जेल में बंद है।
पहले भी दायर कर चुकी हैं पेटिशन
इससे पहले भी बिंदु संपथ कोर्ट में "हेबीज़ कॉर्पस" के अंतर्गत पेटिशन दायर चुकी हैं। लेकिन उस समय इस पेटिशन को वापस ले लिया गया था क्योंकि कोर्ट ने एक "रिट" पेटिशन फाइल करने की अनुमति दे दी थी। अभी जो उन्होंने पेटिशन दायर किया है उसे "मांडमास" रिट के अंतर्गत फाइल किया गया है। इस पेटिशन में यी बता साफ़ ज़ाहिर की गई है कि पिटीशनर को ग्रह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन से इस मामले में जल्द-से जल्द मदद चाहते हैं।
इंडियन पासपोर्ट है निमिषा के पास
पेटिशन में निमिषा की माँ ने ये भी बताया है कि उनकी बेटी के पास इंडियन पासपोर्ट है जो इस बात की गेरंटी प्रदान करता है भारत के हर नागरिक को देश के सरहदों के बाहर सहायता और मदद मिलनी चाहिए। इस बात का हवाला देते हुए ही पिटीशनर की मांग है कि जल्द से जल्द उनकी बेटी और नातिन को भारत सरकार अफ़ग़ानिस्तान से वापस ले आए।
निमिषा और उनकी बेटी नहीं हैं देश को खतरा
पेटिशन में ये बात भी साफ़ कर दी गई है कि अगर निमिषा और उनकी बेटी को वापस ले आया जाता है तो वो किसी भी तरह से देश के लिए खतरा नहीं बनेंगी। इसी बात के लिए पिटीशनर ने अब केंद्रीय सरकार से उनकी बेटी को वापस लाने के लिए कदम उठाने की मांग की है ताकि वो सही सलामत देश लौट आएं और उनका देश-प्रत्यावर्तन भी हो जाए। याचिका ने इस बात के लिए भी प्रार्थना की है कि उनकी माइनर ग्रैंडडॉटर को देश वापसी के बाद रेहाबिलिशन में भेजा जाए ताकि आगे वो समाज का हिस्सा बन पाए।
भारतीय नागरिक हैं निमिषा फातिमा
निमिषा फातिमा भारतीय नागरिक हैं और उनकी माँ ने उनकी वापसी के लिए पेटिशन दाखिल करवाया है। उनकी माँ का ये कहना है कि उनकी बेटी को उसके पिता अपने साथ विदेश ले गए थे और फिर वो वहां इस्लामिक स्टेट के अंडर रह रहे थे। 2019 में इस्लामिक स्टेट के एक लीडर की मृत्यु के बाद पिटीशनर की बेटी ने अपनी बेटी के साथ अफ़ग़ान ऑफिशियल्स के सामने सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से ही वो अपनी 4 साल की बेटी के साथ अफ़ग़ानिस्तान के जेल में बंद है।
पहले भी दायर कर चुकी हैं पेटिशन
इससे पहले भी बिंदु संपथ कोर्ट में "हेबीज़ कॉर्पस" के अंतर्गत पेटिशन दायर चुकी हैं। लेकिन उस समय इस पेटिशन को वापस ले लिया गया था क्योंकि कोर्ट ने एक "रिट" पेटिशन फाइल करने की अनुमति दे दी थी। अभी जो उन्होंने पेटिशन दायर किया है उसे "मांडमास" रिट के अंतर्गत फाइल किया गया है। इस पेटिशन में यी बता साफ़ ज़ाहिर की गई है कि पिटीशनर को ग्रह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन से इस मामले में जल्द-से जल्द मदद चाहते हैं।
इंडियन पासपोर्ट है निमिषा के पास
पेटिशन में निमिषा की माँ ने ये भी बताया है कि उनकी बेटी के पास इंडियन पासपोर्ट है जो इस बात की गेरंटी प्रदान करता है भारत के हर नागरिक को देश के सरहदों के बाहर सहायता और मदद मिलनी चाहिए। इस बात का हवाला देते हुए ही पिटीशनर की मांग है कि जल्द से जल्द उनकी बेटी और नातिन को भारत सरकार अफ़ग़ानिस्तान से वापस ले आए।
निमिषा और उनकी बेटी नहीं हैं देश को खतरा
पेटिशन में ये बात भी साफ़ कर दी गई है कि अगर निमिषा और उनकी बेटी को वापस ले आया जाता है तो वो किसी भी तरह से देश के लिए खतरा नहीं बनेंगी। इसी बात के लिए पिटीशनर ने अब केंद्रीय सरकार से उनकी बेटी को वापस लाने के लिए कदम उठाने की मांग की है ताकि वो सही सलामत देश लौट आएं और उनका देश-प्रत्यावर्तन भी हो जाए। याचिका ने इस बात के लिए भी प्रार्थना की है कि उनकी माइनर ग्रैंडडॉटर को देश वापसी के बाद रेहाबिलिशन में भेजा जाए ताकि आगे वो समाज का हिस्सा बन पाए।