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कोझिकोड में चमगादड़ के नमूनों में निपाह एंटीबॉडी मिले

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Swati Bundela
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चमगादड़ में मिले निपाह ऐंटीबॉडी: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे में चमगादड़ के नमूनों को कलेक्ट किया गया, जिसमें निपाह वायरस एंटीबॉडी (आईजीजी एंटीबॉडी) का पता चला। पिछले महीने, कोझिकोड जिले के कोडियाथूर और थमारसेरी पंचायत के पास से ये सैंपल लिए गए थे। क्यूंकि यहाँ निपाह वायरस के प्रकोप की पुष्टि हुई थी।

चमगादड़ में मिले निपाह ऐंटीबॉडी: कोझिकोड जिले के कोडियाथूर और थमारसेरी से मिले सैंपल 

निपाह प्रकोप जांच के लिए एनआईवी ने कुछ नमूने इकट्ठे किये थे। थमारसेरी से एकत्र किए गए पटरोपस प्रजाति के एक नमूने में निपाह एंटीबॉडी प्या गया, जबकि कोडियाथूर से एकत्र किए गए रूसेटस प्रजाति के एक अन्य नमूने में भी निपाह वायरस मिला। दरअसल, पिछले ही महीने में कोझिकोड ने इन दो इलाकों में निपाह वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिला था। जिसके चलते, एनआईवी को यहाँ के इलाकों से, चमगादड़ों के अलग-अलग प्रजातियों से सैंपल लेना पड़ा। 

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स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को कहा कि चमगादड़ों के 50 से ज्यादा सैंपलों का चेक होना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का रिजल्ट देने से पहले, अभी ज्यादा से ज्यादा चमगादड़ों पर जाँच होना जरुरी है। आगे बात करते हुए उन्होंने बताया कि कई सर्विलैंस और एपिडेमियोलॉजी जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर जाना बेहतर होगा। हालांकि, वीना जॉर्ज का कहना है कि सभी जांचों से ये निष्कर्ष तय है कि कोझिकोड में निपाह वायरस का प्रकोप चमगादड़ से ही हुआ है। लेकिन अभी भी साइंटिस्ट इस बात को समझ नहीं पाए हैं कि मनुष्यों में चमगादड़ के इस वायरस का ट्रांसमिशन कैसे हुआ होगा।

केरल में पिछले 21 दिन से चल रहा इन्क्यूबेशन पीरियड

गौरतलब है कि केरल में पिछले 21 दिनों से इन्क्यूबेशन पीरियड चल रहा है, क्योंकि 4 सितंबर को कोझीकोड में निपाह का अकेला मामला सामने आया था, उस दौरान कोई ताजा मामला नहीं था। केरल की स्वास्थ्य मंत्री, वीना जॉर्ज ने कहा कि यह व्यवस्थित और सक्रिय तरीका था जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने पहले मामले का पता चलते ही रोग की निगरानी और नियंत्रण के उपाय किए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि वायरस ज्यादा न फ़ैल सके और मामलें भी न बढ़ें।

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वीना जॉर्ज का कहना है कि अगर, अगले 21 दिनों के समय में (पिछले मामले के 42 दिन बाद) निपाह के कोई और मामले सामने नहीं आते हैं, तो यह घोषित करना सुरक्षित होगा कि प्रकोप पूरी तरह से नियंत्रण में आ चूका है। तब तक, निपाह के खिलाफ राज्य की चौकसी जारी रहेगी।

बता दें कि 4 सितंबर से, कोझीकोड जिले में पंचायत के आसपास काफी निगरानी और नियंत्रण के उपाय किए गए थे, जहां प्रकोप का पता चला था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंचायत अधिकारियों की मदद से घर-घर की निगरानी के तहत 16,732 घरों और 76,074 व्यक्तियों का सर्वेक्षण भी किया गया। 50 लोगों से एकत्र और विश्लेषण किए गए नमूने निपाह के लिए नेगेटिव थे।

फीचर इमेज क्रेडिट: हिंदुस्तान टाइम्स

 



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