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परसाला बी पोन्नमल निधन: कर्नाटक संगीत में अपना नाम बनाने वाली परसाला बी पोन्नमल (Parassala B Ponnammal) का 22 जून को 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रिपोर्टों के अनुसार, वह उम्र से संबंधित बीमारियों से पीड़ित थीं। TNM की एक रिपोर्ट के अनुसार, पोन्नमल 22 जून को दोपहर 1 बजे वलियासला तिरुवनंतपुरम में अपने घर पर थीं, जब उन्होंने अंतिम सांस ली।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा, "वह संगीत कॉलेज (तिरुवनंतपुरम में) की पहली महिला प्रिंसिपल थीं और केरल के कर्नाटक संगीतकारों जैसे स्वाति थिरुनल के काम को लोकप्रिय बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। नवरात्रि मंडपम में महिलाओं को गाने का कोई अवसर नहीं था। लेकिन पोन्नमल ने मंडपम से गाया।
नवरात्रि मंडपम तिरुवनंतपुरम में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के पास स्थित कलाकारों के लिए एक प्रसिद्ध मंच है। परसाला बी पोन्नमल (Parassala B Ponnammal ) उस मंच पर प्रदर्शन करने वाली पहली महिला थीं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी संवेदना व्यक्त की
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा, "वह संगीत कॉलेज (तिरुवनंतपुरम में) की पहली महिला प्रिंसिपल थीं और केरल के कर्नाटक संगीतकारों जैसे स्वाति थिरुनल के काम को लोकप्रिय बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। नवरात्रि मंडपम में महिलाओं को गाने का कोई अवसर नहीं था। लेकिन पोन्नमल ने मंडपम से गाया।
नवरात्रि मंडपम तिरुवनंतपुरम में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के पास स्थित कलाकारों के लिए एक प्रसिद्ध मंच है। परसाला बी पोन्नमल (Parassala B Ponnammal ) उस मंच पर प्रदर्शन करने वाली पहली महिला थीं।
परसाला बी पोन्नमल निधन : जानिए उनकी उपलब्धियों के बारे में
- 1924 में जन्मे पोन्नमल केरल की राजधानी के पास एक गांव में पले-बढ़े। उन्होंने सात साल की उम्र में कर्नाटक संगीत सीखना शुरू कर दिया था और 18 साल की उम्र में गवर्नमेंट कॉटन हिल गर्ल्स स्कूल में एक संगीत शिक्षिका बन गईं।
- उन्होंने RLV म्यूजिक और Institute of Fine Arts Tripunithura और Swathi Thirunal Sangeetha Academy सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाया था।
- पोन्नमल को 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा गया था।
- उन्हें 2008 में संगीतकारों के लिए केरल राज्य के सर्वोच्च सम्मान, स्वाति संगीत पुरस्कार भी मिल चुका है। इसके अलावा, उन्हें संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप, केरल संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और ऐसे कई सम्मान मिले थे।
- वह कर्नाटक संगीत उद्योग में बड़े नामों में से एक थीं और फिर भी वह बेहद सादा जीवन जीती थी।