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4 साल की बच्ची की मां रोजी ताबा गोंगो हाल ही में नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र से NCPCR ( नेशनल कमीशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन राइट्स) को जॉइन करने वाली पहली प्रतिनिधि हैं। गोंगो की यह सफलता कई सारी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है।
रोजी गोंगो एक वकील हैं और अरुणाचल प्रदेश स्टेट कमीशन फॉर वूमेन की एक ज़रूरी मेंबर हैं। वह अरुणाचल प्रदेश के हर क्षेत्र की संस्कृति, भाषा और हेरिटेज को बचाने में सालों से जुटी हुई हैं और इसे बड़े स्तर पर ले जाने के लिए उनका बड़ा योगदान है।
एक इंटरव्यू में रोजी ने बताया, कि वह हमेशा से ही महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करती आई हैं। जब वह मां बनी तो उन्हें महसूस हु कि जिस तरह से औरतों के लिए और उनकी सेफ्टी के लिए इतने सारे रूल्स और रेगुलेशंस हैं उस प्रकार बच्चों के लिए नहीं हैं।
1. रोजी बताती हैं कि अरुणाचल प्रदेश की जियोग्राफिकल स्थिति की काम समझ के कारण यहां की औरतों के अधिकारों को अनदेखा किया गया है।
2 रोजी ने बैंगलोर से अपनी लॉ की डिग्री ली है लेकिन वह काम के सिलसिले में अरुणाचल प्रदेश वापस आ गईं।
3. वह अपनी ज्यादातर सफलता का श्रेय अपने पिता को देती हैं जिन्होंने उन्हें वो हर चीज करने के लिए प्रेरित किया जो वो करना चाहती थीं। साथ ही उनकी मां भी उनकी बहुत बड़ी सहायक रहीं हैं और उनके पति ने भी उन्हें हमेशा ही सपोर्ट किया है।
4. रोजी अपनी आइडेंटिटी पर बहुत गर्व महसूस करती हैं कि वह न्यीशी नाम की एक ट्राइब की हैं और वह डोंई पोलो में विश्वास रखती हैं। उनका ट्रेडिशन और कल्चर व भाषा ही उन्हें अरुणाचल प्रदेश में काम करने के लिए प्रेरित करते हैं और साथ में वह अपने काम के जरिए इन सब को प्रोटेक्ट और प्रमोट करने में अपना योगदान देती हैं।
5. रोजी आंध्रप्रदेश के जिले सुबनसिरी जिले के पोतीन गांव की रहने वाली हैं। NCPCR में रोजी ताबा का 2021 में दो साल का काम पूरा हो चुका है और इस पर उन्हें काफी गर्व है।
6. रोजी और उनके पति का एक फंड है जो अरुणाचल प्रदेश में एक छोटे से स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के सपोर्ट करता है। इस स्कूल में कल्चर और भाषा से संबंधित ज्ञान दिया जाता है।
रोजी ताबा गोंगो कौन है ?
रोजी गोंगो एक वकील हैं और अरुणाचल प्रदेश स्टेट कमीशन फॉर वूमेन की एक ज़रूरी मेंबर हैं। वह अरुणाचल प्रदेश के हर क्षेत्र की संस्कृति, भाषा और हेरिटेज को बचाने में सालों से जुटी हुई हैं और इसे बड़े स्तर पर ले जाने के लिए उनका बड़ा योगदान है।
एक इंटरव्यू में रोजी ने बताया, कि वह हमेशा से ही महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करती आई हैं। जब वह मां बनी तो उन्हें महसूस हु कि जिस तरह से औरतों के लिए और उनकी सेफ्टी के लिए इतने सारे रूल्स और रेगुलेशंस हैं उस प्रकार बच्चों के लिए नहीं हैं।
जानिये रोजी गोंगो के बारे में ज़रूरी बातें
1. रोजी बताती हैं कि अरुणाचल प्रदेश की जियोग्राफिकल स्थिति की काम समझ के कारण यहां की औरतों के अधिकारों को अनदेखा किया गया है।
2 रोजी ने बैंगलोर से अपनी लॉ की डिग्री ली है लेकिन वह काम के सिलसिले में अरुणाचल प्रदेश वापस आ गईं।
3. वह अपनी ज्यादातर सफलता का श्रेय अपने पिता को देती हैं जिन्होंने उन्हें वो हर चीज करने के लिए प्रेरित किया जो वो करना चाहती थीं। साथ ही उनकी मां भी उनकी बहुत बड़ी सहायक रहीं हैं और उनके पति ने भी उन्हें हमेशा ही सपोर्ट किया है।
4. रोजी अपनी आइडेंटिटी पर बहुत गर्व महसूस करती हैं कि वह न्यीशी नाम की एक ट्राइब की हैं और वह डोंई पोलो में विश्वास रखती हैं। उनका ट्रेडिशन और कल्चर व भाषा ही उन्हें अरुणाचल प्रदेश में काम करने के लिए प्रेरित करते हैं और साथ में वह अपने काम के जरिए इन सब को प्रोटेक्ट और प्रमोट करने में अपना योगदान देती हैं।
5. रोजी आंध्रप्रदेश के जिले सुबनसिरी जिले के पोतीन गांव की रहने वाली हैं। NCPCR में रोजी ताबा का 2021 में दो साल का काम पूरा हो चुका है और इस पर उन्हें काफी गर्व है।
6. रोजी और उनके पति का एक फंड है जो अरुणाचल प्रदेश में एक छोटे से स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के सपोर्ट करता है। इस स्कूल में कल्चर और भाषा से संबंधित ज्ञान दिया जाता है।