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Monkeypox Cases: जानिए मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण और बचने के उपाय

भारत में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देख कर आने वाले खतरे के लिए पहले से तैयार होना बहुत जरुरी है। भारत में मंकीपॉक्स के पुष्ट मामलों की संख्या बढ़कर चार हो गई है, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नागरिकों को बीमारी के सामान्य लक्षणों के बारे में सूचित करने वाले दिशानिर्देशों की एक सूची जारी की है, और यदि कोई व्यक्ति एक पुष्ट या संदिग्ध रोगी की शारीरिक संगति में रहा हो। अब तक देश में कुल 4 कन्फर्म केसेस आए हैं, जिनमें से 3 केरल और 1 दिल्ली से है। 

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मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षण

स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया, "#मंकीपॉक्स से खुद को सुरक्षित रखें। बीमारी के कारणों और लक्षणों के साथ-साथ संक्रमण से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानें।” मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षणों में सबसे पहले तेज़ बुखार और शरीर पर चकत्ते फैलना शुरू होता है। आपने स्किन पर यह अजीब से फफोलेदार चकत्ते सबसे पहले आपके चेहरे से शुरू होते हुए हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक फैल जाते हैं। 

इसके अलावा मंकीपॉक्स से संक्रमित इंसान के लिम्फ नोड में इजाफा होना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, या थकावट महसूस होना भी सामान्य लक्षणों का हिस्सा है। इन्फेक्शन में अचानक ही खासी और गले में खराश की समस्या भी सामने आती है। कोई भी व्यक्ति अगर किसी इन्फेक्टेड इंसान के सम्पर्क में पहले आ चुका है, तो उसे अपना विशेष ख़याल रखने की जरुरत है। अगर आपको भी मंकीपॉक्स के कोई भी हलके से लक्षण नज़र आते हैं तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर की हेल्प लें। 

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मंकीपॉक्स से बचने के उपाय  

फिलहाल मंकीपॉक्स से निपटने के लिए कोई साईंटिफिक उपचार या दवा की पुष्टि नहीं की गयी है। वैसे अब तक जीते भी मामलें आएं हैं उनके संक्रमित रोगियों को चेचक के टीके, एंटीवायरल और वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (VIG) का उपयोग से ट्रीट किया जा रहा है। 

बेल्जियम के बाद ब्रिटेन ने भी मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए 21 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड कंपलसरी कर दिया है। इसका मतलब है कि मंकीपॉक्स से बचने के लिए कोशिश करें की संक्रमित व्यक्ति या किसी भी ऐसे जानवर के संपर्क में भी आने से बचें जो किसी भी तरह के वायरस को पनाह देता है। भारत अभी से ही इसे लेकर अलर्ट मोड़ में आ चूका है और इस बाबत कई तैयारियां शुरू की जा चुकी है। सोमवार को मुंबई के बृहन्मुंबई नगर निगमने कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिया है।

मंकीपॉक्स, चेचक या चिकनपॉक्स से अलग है  

चिकनपॉक्स या चेचक मंकीपॉक्स से ज्यादा अलग नहीं है। दोनों के ही लक्षण और समस्याएँ काफी सामान है। लेकिन लिम्फ नोड्स में आई सूजन मंकीपॉक्स की सबसे बड़ी पहचान है। चेचक होने पर शरीर में फफोले बनते हैं जो कि मंकीपॉक्स में भी होते हैं और साथ ही बाकी लक्षण भी दिखाई देते हैं, लेकिन इसमें लिम्फ नोड्स में सूजन नहीं आती। मंकीपॉक्स होने पर लिम्फ नोड्स में काफी सूजन आती है जो कि इसकी पहचान है। 

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