ऐसे देता है समाज घरेलू हिंसा को बढ़ावा

हिंसा को हमेशा समाज में अपराध की नजर से देखा गया है एक दंडनीय अपराध सबको दिया जाता है पर कहीं ना कहीं हमारा ही समाज इस घरेलू हिंसा को बढ़ावा देता है और हमें पता भी नहीं चलता, आइये जानते हैं कैसे-(image credit - Homa health)

पैट्रिआरकी का दबदबा रखना

समाज में बहुत कुछ बदल रहा है इसी हिसाब से हमें समाज में कुछ बुरी चीजों पर भी रोक लगा देना चाहिए पुराने समय के ट्रेडीशन को अब अपनी ताकत समझ कर दूसरों पर अत्याचार करना यह बहुत निंदनीय हो सकता है (image credit - Femina.in)

परिवार का दबाव

बहुत बार ऐसा होता है कि महिलाएं जब अपने ससुराल की कंप्लेंट अपने घर पर करती है तो उन्हें बहुत बार अपने परिवार के लिए चुप रहना पड़ता है जैसे समाज में उनके परिवार की कोई गलती ना निकल सके और बेज्जती ना कर सके(image credit - unknown)

इकोनॉमिकली डिपेंड होना

महिलाएं बहुत बार शादी के बाद अपने पति पर और उनके घरवालों पर इकोनॉमिकली डिपेंड होती है जिस वजह से वह अपने लिए आवाज नहीं उठा पाती और उन्हें ना चाह कर भी उन्हीं लोगों के साथ रहना पड़ता है जो उनके लिए बहुत दुखद होता है (image credit - undefined )

अवेयरनेस ना फैलाना

लोगों को आपस में ही घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए और इसके बारे में लोगों को बताना भी चाहिए जिससे हमारे आगे की जनरेशन भी बहुत कुछ सीख पाए और घरेलू हिंसा जैसे अपराध पर रोक लगा पाए (image credit - Telegraph india)

गलत के खिलाफ आवाज ना उठाना

बहुत बार जब महिलाएं अपने परेशानियों के बारे में दूसरों को बताती भी हैं तभी भी उन्हें सहने पर मजबूर कर कर उन्हें गलत साबित कर दिया जाता है जिससे महिलाएं हर बार गलत होने के बाद भी चुप हो जाते हैं (image credit - femina.in)