फेमिनिज्म से जुड़े कुछ मिथक

समाज में फेमिनिज्म को लेकर बहुत सारे मिथक बनाए गए हैं, लोग आसपास की जिस भी नेगेटिव गतिविधियों को देखते हैं वह उन चीजों को फेमिनिज्म मानकर उनका विरोध करते हैं और इन सभी मिथक के बारे में आज हम इस वेब स्टोरी में बात करेंगे (image credit - the Quint)

"फेमिनिस्ट सभी आदमियों के इश्यूज को इग्नोर करते हैं"

समाज में इस चीज को सबसे ज्यादा बड़ा माना जाता है कि जितने भी फेमिनिस्ट होते हैं वह सारे आदमियों के इश्यूज को इग्नोर करते हैं पर उन्हें फेमिनिज्म का अर्थ समझना बहुत ज्यादा जरूरी है, फेमिनिज्म का अर्थ किसी भी एक इंडिविजुअल के खिलाफ जाना नहीं है इनका अर्थ है सभी जेंडर को साथ में लेकर चलना है (image credit - basto vida)

"फेमिनिस्ट घरेलू महिलाओं के खिलाफ़ हैं"

बहुत सारे लोगों द्वारा यह भी माना जाता है कि फेमिनिस्ट घर पर काम कर रही महिलाओं के खिलाफ होते हैं वह चाहते हैं कि महिलाएं बाहर इंडिपेंडेंट होकर काम करें, पर ट्रू फेमिनिज्म का मतलब यह है कि वे महिलाओं को उनके अनुसार उनकी मदद करें और महिलाएं जिस भी चीज में खुश है उनका साथ दे ना कि उनका विरोध करें (image credit - tearfund learn)

फेमिनिस्ट ट्रडिशन को नहीं मानते"

आजकल देखा गया है कि बहुत से लोग ट्रेडीशन को नहीं मानते हैं और वह अपने अनुसार ही अपना ट्रेडीशन बना लेते हैं और लोग उन्हें हमेशा फेमिनिस्ट का नाम दे देते हैं, पर सत्य यह है कि सभी लोगों के विचार एक जैसे नहीं होते हैं फेमिनिज्म का अर्थ है सबकी इंडिविजुअल चॉइस को सपोर्ट करना (image credit - Parade)

फेमिनिस्ट एंटी-मेन होते हैं"

फेमिनिज्म को हमेशा पुरुषों के खिलाफ नेगेटिव पर्सपेक्टिव में लिया जाता है जबकि पुराने समय से ही बहुत से आदमी भी फेमिनिस्ट होते हैं, पहले के समय में फेमिनिस्ट ने सभी नेगेटिव मैस्क्युलिनिटी पर सवाल उठाए हैं जिनको आगे चलकर यह मान लिया गया है कि वह हर एक आदमी के खिलाफ है पर ऐसा नहीं है (image credit - women kind worldwide)

"फेमिनिज्म को उनका गोल मिल चुका है"

आज के समय में यह माना जाता है कि फेमिनिज्म को उनका गोल मिल चुका है पर हमें बहुत सी समस्या आज भी देखने को मिलते हैं जहां पर महिलाओं को पुरुषों जितना अधिकार नहीं मिल पाता है और ना ही फेमिनिज्म कोई निश्चित लक्ष्य लेकर चलता है (image credit - medium)