आजादी के बाद महिलाओं के जीवन में पांच बड़े बदलाव

आजादी से पहले महिलाओं की स्थिति बहुत ही दयनीय होती थी और उन्हें बहुत से वह अवसर नहीं मिलते थे जो आज के समय पर उनको मिलते हैं आजादी के समय उन्होंने सबका साथ देकर यह बता दिया कि हर काम करने में महिलाएं भी सक्षम हैं (image credit - Tearfund learn)

प्रॉपर्टी राइट्स

1956 में हिंदू सकसेशन एक्ट के द्वारा महिलाओं को प्रॉपर्टी में अधिकार पूर्ण रूप से मिला जो पहले के हिसाब से बहुत बड़ी बात थी क्योंकि एक परिवार में प्रॉपर्टी पर हक केवल पुरुषों का ही होता था(image credit - little by little)

वोट करने का अधिकार

पहले जनरल इलेक्शन जो 1951 में हुआ था उस समय से महिलाओं को उनके वोट करने का पूरा हक दिया जाता है चाहे महिला किसी भी जाति धर्म से हो वह अपने अधिकार अनुसार वोट दे सकती हैं(image credit - the india forum)

लीगल रिफॉर्म

पहले महिलाओं को केवल एथिक्स के तौर पर सम्मान और अधिकार दिया जाता था जबकि अब संविधान द्वारा देश में महिलाओं को अधिकार देना एक लो बन चुका है जिसके अंतर्गत महिलाओं के खिलाफ कुछ भी हो तो महिलाएं अपनी आवाज उठा सकती हैं(Image credits: Caritas Internationalis)

एजुकेशन

महिलाओं के लिए कहीं ना कहीं उस समय भी पढ़ने के बहुत से संस्थान थे पर महिलाओं को अक्सर नहीं मिल पाता था जिससे वह समाज के सामने आकर शिक्षा प्राप्त कर पाए पर अब हर महिला के पास वह हक और वह अधिकार है जिससे वह एजुकेशन ले सकते हैं(image credit - scroll.in)

महिलाओं के लिए अवेयरनेस

यदि हम इस समय अभी देखें तो हमें आधे से ज्यादा संस्थान महिलाओं द्वारा स्थापित ही प्राप्त होंगे और उसमें ज्यादातर सहयोग करने वाली भी महिलाएं ही होंगे यह महिलाओं के एंपावरमेंट के लिए एक अच्छा कदम है जो सब मिलकर साथ में उठा रहे हैं जो आप सभी के बीच अवेयरनेस को बढ़ा रहा है(image credit - Tarshi)