भारत में कोर्ट मैरिज करने पर लड़कियों को गलत क्यों समझते हैं

भारत में विवाह का अर्थ है जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि जिसे शानदार तरीके से मनाया जाता है यदि विवाह में भी अगर हम कोर्ट मैरिज अपनाएंगे तो बहुत से लोगों को जज करने का मौका मिल जाता है वह भी ज्यादातर लड़कियों को, आइये इस वेबस्टोरी में जानते हैं- (image credit - wedmegood)

सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना

समाज में कोर्ट मैरिज का अर्थ है अपने विवाह को कुछ लोगों के सामने ही संपन्न कर देना जिस वजह से सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच सकती है और हो सकता है लोग अपने मन में कोई भी गलत धारणा बना लें (image credit - Navbharat Times)

रीति रिवाज को ना मानना

कोर्ट मैरिज में प्रीति रिवाज अनुसार विवाह नहीं किया जाता है वहां पर कानूनी तौर पर विवाह होता है जिस वजह से यह चीज सबके सामने हाईलाइट होकर आती है कि रीति रिवाज पर ध्यान न देकर शादी करी गई शादी नहीं मानी जाती (image credit - Shaadiwish)

परिवार की सहमति से ना चलना

बहुत बार लोग अपने मन में यह है धारणा बना लेते हैं कि कोर्ट मैरिज करी गई शादी परिवार की सहमति से हटकर करी जाती है और अपने मन में ही उसके लिए बहुत सारे विचार बना लेते हैं जबकि बहुत बार वह रीज़न नहीं होता है जो लोग समझते हैं (image credit - Divorce Lawyer New Delhi)

अपनी मनमानी करना

समाज में कोर्ट मैरिज को यह भी समझा जाता है कि यह करी गई शादी मनमानी होती है क्योंकि इसमें ज्यादा लोग नहीं होते इसलिए समझा जाता है कि यह परिवार के विरुद्ध जाकर करी गई शादी है (image credit - Shaadiwish)

सांस्कृतिक परंपराओं का उल्लंघन करना

विवाह को हर एक धर्म में पवित्र माना जाता है और इसके लिए बहुत से रीति रिवाज भी होते हैं पर अगर कोई भी इंसान इसके अनुसार अपना विवाह नहीं करता तो उनके लिए मान लिया जाता है कि उन्होंने सांस्कृतिक परंपराओं का उल्लंघन किया है (image credit-shaadiwish)