समाज क्यों महिलाओं को पुरुषों से ज़्यादा इमोशनल मानता है?

ई भी इंसानी इस बात को पूरी तरह से स्लिप नहीं कर सकता है कि पुरुषों मे कम इमोशंस होते हैं पर फिर भी क्यों समाज में महिलाओं को ज्यादा इमोशनल माना जाता है आइये इस वेब स्टोरी में जानते हैं (image credit - YourTango)

सोशल ओर कल्चरल फैक्टर

समाज में पहले ही निर्धारित कर दिया गया है पुरुष अपने इमोशंस को कंट्रोल कर लेते हैं जिन्हें महिलाएं आसानी से सबके सामने बता सकती हैं इसलिए समझ में पुरुषों से अधिक महिलाओं को इमोशनल माना गया है (image credit - sweety high)

इंडिविजुअलिटी

फिलिंग्स हर एक इंसान की अलग-अलग तरह से आते हैं और यह हर इंडिविजुअल पर डिपेंड करता है जैसे कुछ पुरुष भी अपनी इमोशंस के लिए जल्दी रो सकते हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ पुरुष उसको कंट्रोल कर सकते हैं इसलिए यह पूरी तरह से अलग-अलग लोगों पर डिपेंड करता है (image credit - health digest)

इमोशनल एक्सप्रेशन

पुरुष और महिलाएं दोनों अपने इमोशंस को अलग-अलग प्रकार से दर्शाती हैं, जैसे कुछ पुरुष अपने इमोशंस को कंट्रोल कर लेते वहीं महिलाएं अपने इमोशंस के लिए रो देती हैं (image credit - Healthshots)

हार्मोनल डिफरेंस

पुरुष और महिलाओं के बीच में हार्मोनल डिफरेंस होते हैं जैसे कि महिलाओं के हारमोंस उनके पीरियड्स मेनोपॉज इनसे जुड़े होते हैं इसलिए वह बहुत जल्द इमोशनल हो जाती हैं (image credit - FundaMental Change)

फीलिंगस को जल्दी बाहर निकलना

अपनी फिलिंग्स को बाहर निकालने के लिए महिलाएं बहुत जल्दी रो देती है वहीं दूसरी तरफ देखा गया है कि बहुत से पुरुष अपने इमोशन को एक्सप्रेस करने के लिए कुछ फिजिकल एक्टिविटीज में इंवॉल्व हो जाते हैं (image credit-daily mail)