कैसे Silent Treatment से रिश्ता Toxic बन जाता है?
साइलेंट ट्रीटमेंट ऐसा व्यवहार में जिसमें व्यक्ति दूसरे से बात करना छोड़ देता है या उसे अवॉइड करता है। इससे सामने वाले को बहुत स्ट्रेस होता है। आईए जानते हैं कैसे इसके कारण रिश्ता टॉक्सिक बन जाता है।
साइलेंट ट्रीटमेंट ऐसा व्यवहार में जिसमें व्यक्ति दूसरे से बात करना छोड़ देता है या उसे अवॉइड करता है। इससे सामने वाले को बहुत स्ट्रेस होता है। आईए जानते हैं कैसे इसके कारण रिश्ता टॉक्सिक बन जाता है।
जब एक पार्टनर साइलेंट ट्रीटमेंट देने लग जाता है तब कपल के बीच गलतफहमियां कभी दूर ही नहीं हो पाती जिससे रिश्ता खराब होने लगता है।
साइलेंट ट्रीटमेंट से पार्टनर अपनी फिलिंग्स को व्यक्ति नहीं कर पाता है क्योंकि दूसरा पार्टनर उसे सुनता ही नहीं है और ना ही उसकी बात पर कोई रिएक्ट करता है।
मसला तब सुलझता है जब दो लोग आपस में बैठकर उस पर बात करते हैं और अपने एक्शंस के लिए अकाउंटेबल होते हैं लेकिन यहां पर एक पार्टनर बात करने के लिए तैयार ही नहीं है।
जब दोनों पार्टनर के बीच में कोई बातचीत नहीं होती है ना ही वो कुछ शेयर करते हैं तो रिश्ते में दूरियां आने लग जाती हैं जिससे कारण भी रिश्ता खराब हो जाता है।
साइलेंट ट्रीटमेंट को पैसे एग्रेसिव व्यवहार की तरह इस्तेमाल किया जाता है जिसके जरिए अपना गुस्सा और फ्रस्ट्रेशन दिखाई जाती है।
साइलेंट ट्रीटमेंट से दूसरे पार्टनर को लगता है की सारी गलती उसकी ही है और मेरी वजह से पार्टनर ने बात करना बंद कर दिया है।
साइलेंट ट्रीटमेंट देने वाला व्यक्ति कभी भी अपनी गलतियों के लिए जिम्मेदार नहीं होता है। वह हमेशा ही सिचुएशन को कंट्रोल करके खुद सही बन जाता है।
{{ primary_category.name }}