क्या है Fexting? जानें इसके बारे में कुछ फैक्ट्स

फैक्सटिंग शब्द फाइट और टेक्सटिंग को जोड़ कर बना है। जब लोग आमने-सामने की बजाय मेसेजेस पर लड़ते हैं तो इसे फेक्सटिंग बोलते हैं। आईए जानते हैं फेक्सटिंग के बारे में कुछ फैक्ट्स। (Image Credit: Pinterest)

क्या होता है फैक्सटिंग में?

बेसिकली फैक्सटिंग में लोग मेसेजेस के ज़रिये लड़ते हैं, जिसमें वे एक दूसरे के साथ आर्ग्यूमेंट्स करते हैं और गाली-गलोच भी कर सकते हैं। इसमें छोटे से छोटे डिस्कशन से लेकर मेजर इश्यूज पर भी बात हो सकती है। (Image Credit: Pinterest)

क्या हो सकते हैं इसके फायदे?

फैक्सटिंग के कई फायदे हैं। जब आप या सामने वाला इंसान कुछ लोगों के बीच में हों और आप उनके नोटिस में आए बगैर कुछ बात करना चाहते हैं तो आप इसका सहारा ले सकते हैं। इसमें आपके पास बात सोचने और मेसेज सेंड करने से पहले उसे ठीक या एडिट करने का मौका भी मिल जाता है। (Image Credit: Pinterest)

क्या इसके नुक्सान भी हैं?

फैक्सटिंग अगर लिमिट में रहे तो सेफ रहती है, लेकिन अगर कंट्रोल से बाहर हो जाए तो यह टॉक्सिक हो सकती है और रिश्ते को खराब कर सकती है। इसमें लोग इमोशंस को समझने में नाकामयाब हो सकते हैं और बातों को मिसअंडरस्टैंड कर सकते हैं। (Image Credit: Pinterest)

कितना सेफ है यह?

सेफ्टी की बात करें तो ज़्यादातर मेस्सेंजर एप्स इसके लिए सेफ नहीं हैं। लोग चैट्स के स्क्रीनशॉट्स लेकर फ्यूचर रेफेरेंस के लिए रख सकते हैं या शेयर कर सकते हैं। इसके इलावा, अगर कोई तीसरा इंसान आपके मैसेजस को इंटेंशनली या गलती से पढ़ ले तो आपकी पर्सनल लाइफ की बातें लीक हो सकती हैं। (Image: Pinterest)

क्या इसकी कोई लिमिट होनी चाहिए?

फैक्सटिंग में चल रही बहस के बेसिस पर अपना कोई ओपिनियन या डिसिशन फाइनल न करें। दूसरा इंसान कैसी सिचुएशन या साइकोलॉजी में है, यह समझने के लिए आपको एक बार इन पर्सन बात करनी चाहिए। (Image Credit: Pinterest)