रिश्ते में महिलाओं द्वारा Equality की मांग करना क्यों गलत नहीं?
रिलेशनशिप में देखा जाए तो ज्यादातर डोमिनेंस है लेकिन जब महिलाएं बराबरी की मांग करती है तुमने गलत समझा जाता है आईए जानते हैं कि महिलाओं की बराबरी की मन क्यों जायज है
रिलेशनशिप में देखा जाए तो ज्यादातर डोमिनेंस है लेकिन जब महिलाएं बराबरी की मांग करती है तुमने गलत समझा जाता है आईए जानते हैं कि महिलाओं की बराबरी की मन क्यों जायज है
जब रिश्ते में दोनों पार्टनर एक दूसरे के बराबर होते हैं तब आप उनकी हर जगह रिस्पेक्ट करते हैं ना की उनका मजाक बनाते हैं।
रिश्ते में जब डोमिनेंस नहीं होती है तब आप एक दूसरे के साथ खुलकर बात करते हैं जिससे आपके बीच में विश्वास पैदा होता है
रिश्ते में ग्रोथ तभी होती है जब आप अपने आप को खुलकर व्यक्त कर सकते हैं और बराबरी आने से ऐसा संभव है।
स्टीरियोटाइप सोच के कारण रिलेशनशिप में पुरुष को उच्च दर्जा दिया गया है लेकिन जब बराबरी आ जाती है तो पुरष-प्रधानता खत्म हो जाती है।
रिलेशनशिप में जब दोनों पार्टनर एक दूसरे को बराबरी का दर्जा देते हैं तब कोई भी बड़ा छोटा नहीं होता है ब्लकि एक-दूसरे के शब्दों की अहमियत की जाती है।
आप अपनी जिम्मेदारियां से भागते नहीं है बल्कि उसके लिए जिम्मेदार होते हैं और अगर आपने कुछ गलत किया है उसके लिए माफी भी मांगते हैं।
रिलेशनशिप में जब बराबरी आती है तब आप अपने पार्टनर के ओपिनियन की भी वैल्यू करते हैं और उस पर काम भी करते हैं।
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