SheThePeople Hindi : Latest Postshttps://hindi.shethepeople.tvRSS Feeden-usTue, 19 Mar 2024 15:00:38 +0530<![CDATA[Health Tips: थायराइड कंट्रोल करने के लिए महिलाएं अपना सकती हैं ये उपाय ]]>https://hindi.shethepeople.tv/sehat/women-can-adopt-these-measures-to-control-thyroid-4361730

To Control Thyroid: थायराइड महिलाओं में होने वाली एक आम मगर गंभीर समस्या है। थायराइड वैसे तो महिला और पुरष दोनों को ही प्रभावित करता है लेकिन थायराइड महिलाओं में कुछ ज्यादा ही देखा जाता है। शरीर में थायराइड हार्मोन के लेवल में असंतुलन होने के वजह से ये समस्या होती है ये शरीर में कई तरह की क्रियाओं को मैनेज करता है और थायराइड की समस्या होने की वजह से कई गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। आइए इस लेख से जानें की कैसे थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है।

थायराइड कंट्रोल करने के लिए महिलाएं अपना सकती हैं ये उपाय

हेल्दी डाइट

थायराइड से पीड़ित महिलाओं को अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए, ऐसे में उन्हें जीरा, धनिया, हरी पत्तियां, खजूर, अनाज, नारियल पानी आदि शामिल करना चाहिए। हेल्दी और संतुलित डाइट का सेवन थायराइड को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

व्यायाम

थायराइड से पीड़ित महिलाओं को नियमित व्यायाम करना चाहिए ये थायराइड को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। स्ट्रेस नही लेना चाहिए, मेडीटेशन भी जरूरी है और योग भी आप अभ्यास थायराइड को कंट्रोल करने में मदद कर सकता हैं।

चेकअप

थायराइड से पीड़ित महिलाओं को नियमित रूप से जांच और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और जो भी वो दवा दे टाइम पर लेनी चाहिए ऐसे भी आप थायराइड को कंट्रोल कर सकती है।

पर्याप्त नींद

थायराइड से पीड़ित महिलाओं को रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए ऐसे हार्मोन को संतुलित रखने में मदद मिलती है। अगर नींद किसी वजह से ना आए तो थोड़ा टहल लें या मेडिटेशन से भी मदद मिलती है।

शराब और धूम्रपान

यदि आप शराब या धूम्रपान करते हैं तो आपके हार्मोन का बैलेंस बिगड़ सकता है तो आपको ये कम करना चाहिए इससे थायराइड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

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Tue, 19 Mar 2024 15:00:38 +053042896454289645
<![CDATA[प्यार की कोई सीमा नहीं: ईरानी महिला यूट्यूबर से शादी करने यूपी पहुंची! ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/iranian-woman-arrives-in-india-to-marry-up-based-youtuber-4368891

Iranian Woman Arrives In India To Marry UP Based YouTuber: प्यार की कहानियां किसी सीमा या देश की बंधनों को नहीं मानतीं। इसका जीता जागता सबूत है एक ईरानी लड़की और यूपी के यूट्यूबर की प्रेम कहानी। 

प्यार की कोई सीमा नहीं: ईरानी महिला यूट्यूबर से शादी करने यूपी पहुंची!

सोशल मीडिया पर पनपा प्यार

24 साल की फैजा, ईरान के हमेदान शहर की रहने वाली हैं। उनकी मुलाकात तीन साल पहले सोशल मीडिया के जरिए यूपी के मुरादाबाद के रहने वाले यूट्यूबर दिवकर कुमार से हुई थी। शुरूआत में उनकी बातचीत घूमने के शौक और पर्यटन स्थलों के बारे में हुआ करती थी, क्योंकि दिवकर ट्रैवल ब्लॉग बनाते हैं। धीरे-धीरे उनकी ऑनलाइन दोस्ती प्यार में बदल गई। दिवकर ने ईरान जाकर फैजा से मुलाकात भी की थी।

शादी के बंधन में बंधने का फैसला

ईरान में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद, फैजा 20 दिनों के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई हैं। यहां वह दिवकर से शादी करेंगी। इस दौरान वह अपने मंगेतर के साथ ताजमहल और अयोध्या के राम मंदिर दर्शन करने की भी योजना बना रही हैं।

परिवार का समर्थन

शुरूआत में दिवकर को अपने परिवार को इस शादी के लिए मनाने में थोड़ी दिक्कतें आई थीं, लेकिन अंततः उन्होंने न केवल उनके प्यार को समझा बल्कि फैजा को भी खुले दिल से स्वीकार कर लिया। दिवकर ने बताया कि उनके परिवार ने फैजा पर किसी तरह की धार्मिक पाबंदी नहीं लगाई है और फैजा को भी अपने धर्म के रीति-रिवाजों को मानने की पूरी स्वतंत्रता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

हाल ही में हुई उनकी सगाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में खुश दिखने वाला यह कपल भारतीय और ईरानी झंडों के साथ खड़ा है। दोनों को भारतीय पोशाक पहने हुए देखा जा सकता है। वीडियो में वे बड़ों के आशीर्वाद के साथ अंगुठी और उपहारों का आदान-प्रदान करते नजर आ रहे हैं। 

इस कपल की कहानी प्यार की उस ताकत को दर्शाती है, जो सीमाओं और संस्कृतियों को पार कर लेती है। उनकी कहानी ने कई लोगों का दिल छुआ है। 

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Vaishali GargTue, 19 Mar 2024 14:41:12 +053042894894289489
<![CDATA[इन टिप्स से जानिए Digital Era में पेरेंटिंग के तरीके ]]>https://hindi.shethepeople.tv/revolutionist/parenting-tips-in-digital-era-4357440

Parenting Tips In Digital Era : आजकल का जमाना बहुत ही मॉडर्न हो गया है। टेक्नोलॉजी दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है और हर चीज डिजिटल हो रही है। ऐसे में बच्चे ज्यादातर टाइम टेक्नोलॉजी के साथ बिताते हैं। इस डिजिटल एरा में पेरेंटिंग करना भी काफी हद तक अलग हो जाता है। कई बार चीजे समझ में भी नहीं आती। ऐसे में आप इन टिप्स को फॉलो करके डिजिटल एरा में एक अच्छी पेंटिंग कर सकते हैं

इन टिप्स से जानिए डिजिटल एरा में पेरेंटिंग के तरीके

1. कम्युनिकेशन लाइंस ओपन रखें

इस डिजिटल एरा में अपने बच्चों से कम्युनिकेट करते रहना बहुत जरूरी है। बच्चे बहुत जल्द ही बाहर के वर्ल्ड से कनेक्ट हो जाते हैं। ऐसे में वह कई बार खुद को मिसअंडरस्टूड और अकेला पाते हैं। ऐसे समय में पैरेंट उनका साथ दें और हमेशा उनसे कम्युनिकेट करते रहें। उनके पर्सपेक्टिव से चीजों को समझने की कोशिश करें। और अपने बच्चों को यह भरोसा दिलाए कि आप हमेशा उनके साथ हैं।

2. जानिए बच्चे क्या करते हैं

इस डिजिटल एरा में हमेशा यह ध्यान रखने की जरूरत है कि बच्चे किस प्रकार के मीडिया से और कंटेंट से एक्सपोज हो रहे हैं। उनके ऑनलाइन एक्टिविटी का ध्यान रखना भी जरूरी है। ऐसे टाइम पर आप पैरेंटल कंट्रोल्स टेक्नोलॉजी में डाल सकते हैं। परंतु अपने बच्चों पर भरोसा करना भी उतना ही जरूरी है। जरूरत से ज्यादा सवाल करना या प्राइवेट स्पेस में घुसना भी सही नहीं है। अपने बच्चों को स्पेस दें।

3. फेस टू फेस इंटरेक्शन करें

आजकल के जमाने में लोग सामने ज्यादा बात नहीं करते। ज्यादातर समय या तो टेक्सटिंग से बातें करते हैं या फोन से। ऐसे में यह ध्यान रखें कि अपने बच्चों से फेस टू फेस इंटरेक्शन को इनकरेज करें। ताकि वह लोगों से अच्छे तरीके से सोशलाइज और कम्युनिकेट कर सके। खुद भी जितना हो सके लोगों से फेस टू फेस इंटरेक्शन करने की ही कोशिश करें। और अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करें।

4. स्क्रीन टाइम लिमिट सेट करें

आजकल ऑनलाइन इतनी सारी चीजे एक साथ उपलब्ध हैं कि बहुत सारा समय स्क्रीन पर चला जाता है। ऐसे में अपने बच्चों के फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए भी उनके स्क्रीन टाइम को लिमिट करें। यह ध्यान रखें कि आप पैरेंट हैं और आपको हर चीज का चार्ज लेना होगा। आप अपने बच्चों को जरूरी काम पहले करके उसके बाद स्क्रीन देखने के लिए तैयार कर सकते हैं। जैसे उन्हें बोले कि पहले अपना होमवर्क कंप्लीट करें उसके बाद आधे घंटे के लिए वह वीडियो गेम इत्यादि खेल सकते हैं। इससे उन्हें ऐसा नहीं लगेगा कि वह कंट्रोल हो रहे हैं।

5. टेक्नोलॉजी को सराहें 

एक पैरेंट होने पर कभी भी आपको टेक्नोलॉजी के बारे में हमेशा निंदा नहीं करनी चाहिए। यह जानिए कि टेक्नोलॉजी एक बहुत ही पॉवरफुल टूल है जो कि पेरेंटिंग में भी आपकी बहुत मदद कर सकता है। ऐसे बहुत सारे टूल्स और एप्स हैं जो कि आपको आपके बच्चे से कनेक्टेड रहने में भी मदद करते हैं और आपको मन की शांति देते हैं। अपने बच्चों के साथ भी कभी-कभी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें। इससे वह आपसे कनेक्टेड महसूस करेंगे। साथ ही सोशल मीडिया पर भी आने से आप अपने बच्चों के अकाउंट्स पर ध्यान रख सकते हैं।

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Shruti Tue, 19 Mar 2024 14:30:38 +053042894124289412
<![CDATA[Believe In Yourself: महिलाएं खुद पर विश्वास करना कैसे सीखें? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/how-to-believe-in-yourself-4362429

Believe In Yourself: खुद से विश्वास करने से हम असंभव को भी संभव बना सकते हैं लेकिन जब हमें खुद पर ही विश्वास नहीं होता तब हमें एक सिंपल टास्क करने में भी बोझ महसूस होता है। खासकर जब महिलाओं की बात आती है उनमें सेल्फ कॉन्फिडेंस की बहुत कमी होती है। उन्हें ऐसा लगता ही नहीं कि वो अकेले कर सकती हैं क्योंकि समाज की कंडीशनिंग ही ऐसी है। महिलाओं के सेल्फ एस्टीम को प्राथमिकता ही नहीं दी जाती है। उन्हें बोल्ड, कॉन्फिडेंस और स्ट्रॉन्ग नहीं बनाया जाता हैं। आईए जानते हैं कि कैसे महिलाएं खुद में विश्वास पैदा कर सकती हैं-

महिलाएं खुद पर विश्वास करना कैसे सीखें?

Change Your Point of view

हमारा नजरिया ही हमारी सक्सेस और फैलियर तय करता है। मान लीजिए, आपके सामने एक पहाड़ है। एक व्यक्ति का नजरिया यह कहता है कि यह पहाड़ बहुत बड़ा है और मैं इसे चढ़ नहीं सकता। वहीं दूसरी तरफ एक व्यक्ति का नजरिया यह कहता है कि मैं इसे कर सकता हूं। इस चढ़ाई के दौरान मुझे कुछ मुश्किलें आएंगी लेकिन मैं उनसे डरूंगा नहीं बल्कि उनका डटकर सामना करूंगा और आखिर मैं मंजिल तक पहुंच जाऊंगा। अगर हम अपनी लाइफ में कुछ करना चाहते हैं तो हमें अपना नजरिया बदलना होगा। हमें अपने फैलियर्स को लर्निंग की तरह लेना होगा और मंजिल के रास्ते में जो भी रुकावट आ रही है उससे घबराना नहीं है बल्कि उनका सामना करना है। 

Self Talk

हमारा नजरिया हमेशा नकारात्मक होता है। हम अपने साथ बुरी बातें करते रहते हैं जैसे हम नहीं कर सकते या हमें कुछ कमी है। हम खुद को ही कम अंक लेते हैं जिस कारण हम खुद पर विश्वास नहीं करते। इसलिए खुद के साथ पॉजिटिव सेल्फ टॉक करना बहुत जरूरी है। इससे आप खुद की अच्छी बातों पर ध्यान देना शुरू करने लग जाएंगे। 

Self Love

हम अपने लिए दूसरों से प्यार ढूंढते हैं कि कोई हमें आकर कहे की हम तुमसे प्यार करते हैं, हमें तुम्हारी केयर है, तुम बहुत अच्छा कर रही हो, तुम बहुत स्ट्रांग हो और तुम खूबसूरत हो लेकिन हम अपने आप से कभी ऐसी बातें नहीं करते हैं। हम खुद पर कभी ध्यान ही नहीं देते हैं। अपनी जरूरतों पर हमारी कभी नजर ही नहीं पड़ती है। इसलिए सेल्फ लव बहुत जरूरी है, इससे आपके अंदर सेल्फ कॉन्फिडेंस पैदा होगा और आपको अपनी अच्छाइयां नजर आने लगेगी। 

Start Taking Action

अपने जीवन में चीज़ों को हमेशा सोचते ही मत रहे बल्कि उन पर एक्शन लेना भी स्टार्ट करें। इससे भी आपके अंदर कॉन्फिडेंस बिल्ड होने लगेगा। आपको अपने ऊपर विश्वास बनने लगेगा कि मैं जो फैसला खुद के लिए ले रही हूं वो प्रोडक्टिव है  हर वक्त सोचते ही रहना और कुछ ना करना भी हमारे अंदर सेल्फ एस्टीम की कमी को भर देता है ,इसलिए छोटे-छोटे स्टेप्स अपनी जिंदगी में लेना शुरू करें। 

Stop Taking Validation

जो लोग खुद के ऊपर विश्वास नहीं करते हैं कप हमेशा दूसरों से वैलिडेशन मांगते रहते हैं कि क्या मैं सही कर रही हूं और क्या मुझे यह करना चाहिए आदि। इससे भी आप कभी खुद पर विश्वास नहीं कर पाएंगे और हमेशा दूसरों पर निर्भर रहेंगे इसलिए अपने लाइफ की लीडर खुद बने। दूसरों से वैलिडेशन मत मांगे। आप गाइडेंस ले सकते हैं लेकिन वो करें जो आपके मन को अच्छा लग रहा है। इससे भी आपका कॉन्फिडेंस बिल्ड होने लगेगा। 

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Rajveer KaurTue, 19 Mar 2024 14:00:38 +053042891984289198
<![CDATA[Beauty Secrets : जानिए करीना कपूर की ब्यूटी के ये सीक्रेट्स ]]>https://hindi.shethepeople.tv/beauty/know-these-beauty-secrets-of-kareena-kapoor-4357626 ]]>Shruti Tue, 19 Mar 2024 13:30:38 +053042889884288988<![CDATA[Relationship Errors: रिश्ते की शुरुआत में यह गलतियां भारी पड़ सकती हैं ]]>https://hindi.shethepeople.tv/issues/avoid-these-mistakes-in-the-dating-phase-4357123

Avoid These Mistakes In The Dating Phase: रिलेशनशिप के शुरुआती दौर में संभल कर और समझदारी से एक-दूसरे से बात करना बहुत ज़रूरी होता है। समझदारी से बात करके आप दूसरे की भावनाओं और इच्छाओं को समझ सकते हैं, जो आपके रिश्ते को मजबूत बनाए रख सकता है। लेकिन इसी समय प्यार के साथ-साथ कुछ खतरे भी हो सकते हैं, जैसे कि मिसयूज़ या अविश्वास। इसलिये रिश्तें को धीरे-धीरे बढ़ाना ज़्यादा अच्छा होता है।

रिश्ते की शुरुआत में यह गलतियां भारी पड़ सकती हैं 

1. ज्यादा पर्सनल डिटेल्स शेयर न करें 

रिलेशनशिप की शुरुआत में अपनी पर्सनल डिटेल्स को बहुत ज़्यादा शेयर नहीं करना चाहिए। आपकी निजी जानकारी को समझदारी से बताएं, लेकिन ज्यादा खुलना नहीं चाहिए। इससे आपका रिश्ता स्टेबल रहेगा और आपकी निजी जीवन की गोपनीयता का भी सम्मान होगा।

2. ज्यादा प्रोमिस या बड़े वादे न करें 

रिलेशनशिप की शुरुआत में ज़्यादा वादे और प्रॉमिसेस करने से बचना चाहिए। वादों को निभाना मुश्किल हो सकता है और अधिक वादों का वादा देना आपके और आपके साथी के बीच विश्वासघात का कारण बन सकता है। बजाय इसके थोड़े समझौतों और साथ काम करने के बारे में बातचीत करना बेहतर होता है, जिससे कि आप दोनों अपनी संबंधों को मजबूती बना सकें।

3. गलत आदत न मानें 

रिलेशनशिप की शुरुआत में अपने साथी की गलत आदतों को नकारना एक सही दृष्टिकोण हो सकता है। ऐसी स्तिथि में समझदारी के साथ इन बातों पर चर्चा करें और उन्हें समझाएं। सही समय पर सही तरीके से और प्यार से इस मुद्दे पर बात करना जरूरी है। आपका सपोर्ट उन्हें सही दिशा में ले जाने में मदद कर सकता है।

4. सिर्फ पार्टनर को ही अपना संसार मानना गलत

यह सही नहीं होता कि रिलेशनशिप के शुरुआत में आप अपने साथी को ही अपना संसार मानने लगें। सही बात यह है कि आपका रिश्ता आपके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, लेकिन आपका अपने व्यक्तित्व और अपने जीवन के अन्य पहलुओं को भी महत्व देना जरूरी है। इसे संतुलित बनाए रखने के लिए, संबंधों के साथ समय बिताने के अलावा अपने व्यक्तित्व की देखभाल करना भी आवश्यक होता है। आपके और आपके साथी के भीतरी और बाहरी संबंधों को समझते हुए, आप दोनों साथ एक सुखमय जीवन बिता सकते हैं।

5. अपने ऊपर ध्यान न देना

रिलेशनशिप की शुरुआत में अपने आप का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। अपने आप को अच्छा रखने के लिए समय निकालना और अपनी ज़रूरतों का ध्यान रखना आवश्यक है। यह आपके स्वास्थ्य, स्वाभाविक हिस्सेदारी और रिश्ते के लिए महत्वपूर्ण है। जब आप अपने आप के लिए अच्छा महसूस करेंगे, तब आप अपने संबंधों को भी अच्छे से निभा पाएंगे।

6. एक्स की बातें 

अपने एक्स की बातें करना आपके और आपके नए साथी के बीच में विश्वास को कमजोर कर सकता है, और इससे उन्हें इनसिक्योर और परेशान महसूस हो सकता है। बजाय इसके, नए रिश्ते के बारे में बातचीत करें, उनकी भावनाओं और इच्छाओं को समझें, और एक-दूसरे के साथ समय बिताएँ। यह रिश्ते को मजबूत बनाए रखने में मदद करेगा।

7. ज्यादा सपने न सजाएं 

शुरुवाती दौर में सपनों और आशाओं सजाना नॉर्मल बात है  लेकिन ज्यादा उम्मीदें बनाना या रिश्ते को भविष्यवाणी के प्रेशर में डालना संबंधों को अधिक समय तक नहीं चलने देता है। बजाय इसके, रिश्ते को धीरे-धीरे बढ़ाने के लिए, आपको रियलिटी के साथ बैलेंस बनाए रखना चाहिए। अपने साथी के साथ मिलकर उनके सपनों और लक्ष्यों को समझें और साझा करें, लेकिन ध्यान रखें कि सपनों को पूरा करने के लिए समय, प्रयास और सपोर्ट की आवश्यकता होती है।

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Tue, 19 Mar 2024 13:00:38 +053042887644288764
<![CDATA[लोकप्रिय अभिनेत्री अरुंधति नायर बाइक दुर्घटना के बाद वेंटिलेटर पर, जीवन की जंग लड़ रहीं हैं! ]]>https://hindi.shethepeople.tv/bollywood/tamil-and-malayalam-actress-arundhati-nair-on-ventilator-after-serious-crash-4367959

Tamil and Malayalam Actress Arundhati Nair on Ventilator After Serious Crash : तमिल और मलयालम सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री अरुंधति नायर, जिन्हें 2016 की फिल्म 'सैथान' से ख्याति मिली थी, 14 मार्च को चेन्नई-कोवलम हाइवे पर अपने भाई के साथ बाइक से घर लौटते समय एक गंभीर दुर्घटना का शिकार होने के बाद जीवन रक्षक यंत्रों पर हैं। अभिनेत्री को फिलहाल त्रिवेंद्रम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

दुर्घटना और चोटें

रिपोर्ट्स के अनुसार, 14 मार्च को हुई दुर्घटना के समय अरुंधति नायर अपने भाई के साथ बाइक पर कोवलम बाईपास रोड से यात्रा कर रही थीं। बताया जाता है कि एक यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू देने के बाद वह घर वापस लौट रही थीं, तभी यह हादसा हुआ। दुर्घटना में अरुंधति को गंभीर सिर में चोटें आई हैं, हालांकि हादसे के अन्य विवरण फिलहाल अज्ञात हैं।

बहन ने दी दुर्घटना की पुष्टि

अभिनेत्री की बहन अराध्य नायर ने 18 मार्च को इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से दुर्घटना की खबर की पुष्टि की। उन्होंने अपनी बहन के अकाउंट को टैग करते हुए लिखा: "हमें तमिलनाडु के समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों में छपी खबरों को स्पष्ट करने की आवश्यकता महसूस हुई।" उन्होंने आगे कहा, "यह सच है कि मेरी बहन अरुंधति नायर का तीन दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था।" अभिनेत्री की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में उन्होंने बताया, "वह गंभीर रूप से घायल हैं और वेंटिलेटर पर जीवन रक्षक यंत्रों के सहारे लड़ रही हैं।" इंस्टाग्राम पोस्ट में त्रिवेंद्रम, केरल के उस अस्पताल की भी पुष्टि की गई है जहां अभिनेत्री का इलाज चल रहा है।

आर्थिक मदद की अपील

अरुंधति नायर की मित्र और साथी अभिनेत्री गोपिका अनिल ने फॉलोवर्स और प्रशंसकों से अभिनेत्री के इलाज के लिए आर्थिक मदद की मांग की है। उन्होंने बताया कि अभिनेत्री के परिवार को बढ़ते हुए अस्पताल के खर्चों को वहन करने में कठिनाई हो रही है। गोपिका अनिल ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, "मेरी दोस्त अरुंधति का पिछले दिन एक्सीडेंट हो गया था और उनकी हालत बहुत गंभीर है। वह वेंटिलेटर पर जीवन के लिए जूझ रही हैं, ऐसे में अस्पताल के दैनिक खर्च बहुत अधिक हो रहे हैं। हम अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा अस्पताल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वह अपर्याप्त लगता है।" उन्होंने आगे लोगों से अभिनेत्री के बैंक विवरण देते हुए मदद की अपील करते हुए लिखा, "मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि आप जिस तरह से भी योगदान कर सकते हैं, कृपया करें ताकि उनके परिवार के लिए यह बहुत मददगार होगा। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।"

अरुंधति नायर के बारे में

28 वर्षीय अभिनेत्री अरुंधति नायर, जिन्हें तमिल और मलयालम सिनेमा में उनके काम के लिए जाना जाता है, को 2016 की फिल्म 'सैथान' से प्रसिद्धि मिली थी। उन्होंने 2014 में तमिल फिल्म 'पोंगे एझु मनोहरा' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और 2018 की मलयालम फिल्म 'ओट्टाकोरु कामुकन' से मलयालम सिनेमा में पदार्पण किया। 

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Vaishali GargTue, 19 Mar 2024 12:20:18 +053042885114288511
<![CDATA[लखनऊ के कुकरैल जंगल में धूम्रपान करने से रोकने पर, महिला ने काटा स्टाफ का कान ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/up-lucknow-woman-bites-staffs-ear-after-stopping-her-from-smoking-in-kukrail-forest-4367933

UP Lucknow Woman Bites Staff's Ear After Stopping Her From Smoking In Kukrail Forest: एक चौंकाने वाली घटना में, एक महिला ने एक वन कर्मचारी का कान काट लिया क्योंकि उसने उसे जंगल में धूम्रपान करने से रोका था। यह घटना शनिवार दोपहर को यूपी के कुकरैल जंगल में हुई और कर्मचारी को महिला ने लहूलुहान कर दिया, जो स्कूटर पर अपने दोस्त के साथ मौके से भाग गई। गुडम्बा थाना पुलिस ने घटना के एक दिन बाद मामला दर्ज किया।

लखनऊ के कुकरैल जंगल में धूम्रपान करने से रोकने पर, महिला ने काटा स्टाफ का कान

ख़बरों के मुताबिक, संविदा कर्मचारी 22 वर्षीय विकास को सूचना मिली कि कुकरैल जंगल के फेज 2 में आग लग गई है। वह तुरंत मौके पर पहुंचे और देखा कि एक जोड़ा अपने पार्क किए हुए स्कूटर पर धूम्रपान कर रहा है।

कर्मचारियों का बयान

विकास ने उन्हें धूम्रपान करने से मना किया लेकिन दंपति उससे बहस करने लगे। पुलिस से बात करते हुए विकास ने कहा, ''मैंने उन्हें सिगरेट पीने से मना किया, जिस पर वे मुझसे बहस करने लगे। बहस हिंसक हो गई और दोनों ने मुझ पर हमला भी कर दिया। बाद में लड़की ने मेरा कान काट दिया। मैं मदद के लिए चिल्लाने लगा क्योंकि आसपास कोई नहीं था। जब उन्होंने मुझे मदद के लिए चिल्लाते हुए सुना, तो वे अपने दोपहिया वाहन पर घटनास्थल से भाग गए।

गुडंब के SHO नितीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बहस से गुस्साई महिला ने कर्मचारी का दाहिना कान काट लिया। पुलिस दंपत्ति की तलाश कर रही है। SHO ने बताया कि वाहन नंबर के आधार पर दंपति के खिलाफ आईपीसी 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 324 (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

हमारे देश में लोगों के लिए नियमों का पालन करना इतना कठिन क्यों है? 

यह ऐसी पहली घटना नही है जब किसी ने नियमों का पालन न करने के लिए हिंसात्मक कदम उठाया हो। ऐसा अक्सर ही देखने को मिल जाता है। बड़े-बड़े शहरों से लेकर गावों तक यह जगह ऐसे लोग हैं जिन्हें शायद नियमों को फॉलो करने से कोई परहेज होता है। वह फिर किसी भी तरह का नियम हो सकता है लोग उसे तोड़ने में ज्यादा ख़ुशी महसूस करते हैं। लोग सिकायत करते हैं कि शहर गंदा है। ट्राफिक बहुत है सुविधाएँ नही हैं। लेकिन ट्राफिक रूल्स फॉलो करना नही चाहते हैं। रोड्स की क्लीनिंग होने के बाद कब वे पान मसाले के थूकने से लाल हो जाती हैं पता ही नही चलता है। दीवारों पर टॉयलेट करने को रोके जाने और सुलभ शौचालयों का निर्माण होने के बावजूद भी लोग उनका इस्तेमाल करने का जहमत नही उठा पाते हैं। इसके बाद भी सिकायत होती है कि समस्याएं बहुत हैं और टोका तो बिलकुल भी ना जाए। 

किसी जंगल में खड़े होकर धूम्रपान करने से पहले व्यक्ति को खुद इतना अवेयर तो होना ही चाहिए कि आग लगने से क्या परस्थिति हो सकती है और यदि आप अवेयर नही हैं तो कम से कम किसी के टोकने पर उस बात पर आप एक नार्मल प्रतिक्रिया देकर आप चीजों को सही कर सकते हैं। यदि आप नही सही कर सकते हैं तो कम से कम आप मानवीय व्यवहार तो कर सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखने कि आवश्यकता है कि आप दुनिया में अकेले नही रह रहे हैं आप एक कम्युनिटी का हिस्सा है शायद आपके कार्यों से अन्य लोगों को नुकसान हो सकता है और इतना आप एक नागरिक होने के नाते तो समझ सकते हैं।

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Priya Singh Tue, 19 Mar 2024 12:12:27 +053042884814288481
<![CDATA[RCB की जीत का जश्न! मगर ऑनलाइन ट्रोलिंग क्यों? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/why-rcb-wpl-win-deserves-celebration-not-misogyny-4367877

Why RCB's WPL Win Deserves Celebration, Not Misogyny: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2024 फाइनल में जीत, भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। लेकिन इस ऐतिहासिक जीत को ऑनलाइन कुछ लोगों द्वारा मिसोजिनिस्टिक ट्रोलिंग का सामना क्यों करना पड़ा? यह न केवल महिला टीम बल्कि पुरुष टीम के लिए भी अनुचित है। 

टीम आरसीबी, जो लंबे समय से पुरुषों की इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में ट्रॉफी रहित सीज़न से जूझ रही थी, उसने आखिरकार रविवार रात को चैंपियनशिप का खिताब हासिल कर लिया। हालांकि, जश्न का माहौल उस वक्त फीका पड़ गया, जब ऑनलाइन कुछ तथाकथित "फैंस" ने पुरुष टीम को नीचा दिखाते हुए भद्दे कमेंट्स और मीम्स बनाकर जश्न को कलंकित करने की कोशिश की। क्या यह ट्रोलिंग दोनों टीमों के लिए अनुचित नहीं है? RCB की WPL जीत को पुरुष टीम की हार के बोझ से अलग, अपने आप में एक उपलब्धि के रूप में मनाया जाना चाहिए।

जीत का जश्न फीका क्यों?

WPL 2024 फाइनल में RCB की शानदार जीत को जश्न में बदल देना चाहिए था। लेकिन कुछ लोगों ने इसे ट्रोलिंग का अखाड़ा बना दिया। RCB के फैंस सालों से जीत का इंतजार कर रहे थे, मगर महिला टीम की जीत को लेकर कुछ लोगों की प्रतिक्रियाएँ मिलीजुली रहीं। 

RCB का बड़ा और जुनूनी फैनबेस अक्सर अन्य फ्रेंचाइजी टीमों के समर्थकों, खासकर दिल्ली कैपिटल्स (DC) के साथ टकराता रहता है। क्योंकि यह टीम IPL और WPL दोनों में RCB को कड़ी चुनौती देती रही है। WPL के फाइनल में RCB और DC के बीच जबरदस्त प्रतिद्वंदिता देखने को मिली, जो जल्द ही ऑनलाइन नकारात्मकता में बदल गई, खासकर RCB की बड़ी जीत के बाद। 

जीत के बाद RCB की ऑफ स्पिनर श्रेयंका पाटिल ने फैंस की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा: "वे कहते रहते थे 'ई साला कप नामदे' (इस बार कप हमारा) और हमने जीत लिया। यही है दोस्तों, यह फैंस के लिए है।" उनके ये शब्द इस जीत के फैंस के लिए महत्व को दर्शाते हैं।

मीम्स के पीछे का जहर

हालांकि, कई नेटिजेंस ने मीम्स और कमेंट्स के जरिए नकारात्मकता व्यक्त करने का फैसला किया, जो महिला और पुरुष दोनों टीमों के प्रति असम्मानजनक थे। यह RCB की महिला टीम की वास्तविक उपलब्धि और महिला क्रिकेट के विकास से ध्यान हटाता है। 

मीम कल्चर अक्सर इंटरनेट पर अपने सबसे भद्दे रूप में मिसogyनी को पेश करता है। RCB की जीत भी इससे अछूती नहीं रही। इंटरनेट "छुड़ियों को पहना दो हाथ में (पुरुषों को चूड़ियां पहनाओ)" जैसे मीम्स से भर गया। यह इस बात को उजागर करता है कि महिलाओं की जीत का स्वागत किस तरह से खट्टेपन और लिंगभेद के साथ किया गया। साथ ही यह "चुटकुलों" की आड़ में पुरुषों और महिलाओं दोनों को नीचा दिखाता है।

जश्न मनाएं, उपलब्धियों को सलाम करें

यह व्यवहार इस रूढ़िवादिता को भी मजबूत करता है कि महिलाओं की उपलब्धियां, काम और यहां तक कि उनका क्रिकेट भी पुरुषों से कमतर है। यह जहरीलापन न केवल निराशाजनक है बल्कि यह इस बात पर भी छाया डालता है जो वास्तव में मायने रखता है - सोफी मोलिनेक्स और स्मृति मंधाना जैसी आरसीबी खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन। उनके कौशल और कड़ी मेहनत, अन्य खिलाड़ियों के साथ, बातचीत का केंद्र बनने योग्य हैं।

अपमानजनक मीम्स और टिप्पणियां न केवल कई लोगों का उत्साह कम करते हैं, बल्कि असाधारण एथलेटिक कौशल दिखाने वाले खिलाड़ियों की उपलब्धियों और अविश्वसनीय प्रतिभा को भी कम करते हैं। दोनों टीमों के बीच समानताएं खींचना WPL चैंपियन के समर्पण और प्रतिभा को ढक लेता है। वे अपनी सफलता के लिए पहचाने जाने के योग्य हैं, सांत्वना पुरस्कार के रूप में नहीं।

WPL की जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आइए ऑनलाइन नकारात्मकता को इसकी चमक को कम न करने दें और सोशल मीडिया का उपयोग इसके विकास का जश्न मनाने और भविष्य की पीढ़ी की महिला क्रिकेटरों को प्रेरित करने के लिए करें। RCB की जीत गर्व का क्षण बनने योग्य है, न कि ऑनलाइन जहरीलेपन का मंच।

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Vaishali GargTue, 19 Mar 2024 12:00:57 +053042884374288437
<![CDATA[Perimenopause Signs: पेरिमेनोपाॅज के दौरान नज़र आते हैं ये 3 कॉमन साइन्स ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/these-3-common-signs-are-seen-during-perimenopause-4361719

Perimenopause Signs: महिलाओं के शरीर में समय – समय पर हार्मोंस में बदलाव होते रहते हैं। ऐसे ही एक पेरिमेनोपाॅज भी है जिसमे शरीर में कई परिवर्तन नजर आते हैं और पीरियड्स की साइकिल भी अनियमित हो जाती है। इसकी अवधि महिलाओं में अलग अलग पाई जाती है। इस स्थिति में शरीर में कई समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है जैसे हृदय रोग, मोटापा और डायबिटीज़। पेरिमेनोपाॅज एक नेचुरल प्रोसेस ही है, इसे हर महिला को झेलना पड़ता है इस प्रक्रिया में ओवरीज अपना काम करना धीरे धीरे बंद कर देती हैं। इसके चलते ओव्यूलेशन अनियमित होने लगते हैं। कभी पीरियड साइकल लंबी हो जाती है, तो कभी ब्लड फ्लो में उतर चढाव आते है। इससे शरीर में कई लक्षण नजर आते है, तो आइए जाने आखिर क्या है वो 3 कॉमन साइन्स जो इस दौरान देखने को मिलते हैं।

पेरिमेनोपाॅज के दौरान नज़र आते है ये 3 कॉमन साइन्स

अनियमित पीरियड्स

पेरिमेनोपाॅज के समय ओव्यूलेशन पर असर होने के चलते पीरियड्स की समय सीमा बढ़ती घटती रहती है। ये अवधि 7 या उससे अधिक दिन तक हो सकती है। शरीर में हार्मोनल बदलाव के चलते इस समस्या का सामना करना पड़ता है, यदि पीरियड साइकल में 60 दिन या उससे अधिक गैप बना हुआ है तो इसका मतलब है की ऐसी महिलाएं पेरिमेनोपाॅज के आखिर फेस में हैं।

नींद न आना

नींद पर भी हार्मोन इंबैलेंस का प्रभाव पड़ता है। शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल कम होने से नींद की कमी बढ़ने लगती है। ये घटती प्रज्न क्षमता का साइन है। ऐसे में सही आहार के माध्यम से शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के लेवल को रेगुलेट करने में मदद मिलती है।

मूड स्विंग्स होना

बिहेवियर में चिड़चिड़ापन बढ़ना और चीज़ों को रखकर भूल जाना पेरिमेनोपाॅज का साइन है। इसके चलते डिप्रेशन का खतरा रहता है। आप मूड स्विंग की समस्या में उलझ भी सकते है इसमें कभी आप गुस्सा, खुश, दुख महसूस करेंगे इससे आपके रिश्तों पर भी असर पड़ता है। असल में शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन न प्रोड्यूस होने से भावनात्मक समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।

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Tue, 19 Mar 2024 12:00:38 +053042884354288435
<![CDATA[कर्नाटक में शिक्षक द्वारा 'कपड़े उतरवाकर तलाशी' लेने के बाद छात्रा की आत्महत्या से मौत ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/karnataka-student-commits-suicide-after-being-stripped-and-searched-by-teacher-4367767

Karnataka Student Commits Suicide After Being 'Stripped And Searched' By Teacher: कर्नाटक की एक 14 वर्षीय स्कूली छात्रा को कथित तौर पर कर्नाटक के उत्तरी क्षेत्र में बागलकोट शहर के एक सरकारी स्कूल के परिसर में एक लैंग्वेज टीचर द्वारा उठाए गए चोरी के संदेह के कारण चार अन्य छात्रों के साथ अपमानजनक कपड़े उतरवाकर तलाशी लेने के बाद दुखद अंत का सामना करना पड़ा। अधिकारियों के अनुसार, घटनाओं का क्रम तब शुरू हुआ जब लैंग्वेज टीचर ने कथित तौर पर 2,000 रुपये गायब होने पर पांच छात्रों को चोरी में फंसा दिया। इसके बाद, हेडमास्टर सहित शिक्षण स्टाफ ने कथित तौर पर अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए लड़कियों के कपड़े उतरवाकर तलाशी लेकर एक चौंकाने वाला कदम उठाया।

कर्नाटक में शिक्षक द्वारा 'कपड़े उतरवाकर तलाशी' लेने के बाद छात्रा की आत्महत्या से मौत

मृतक, जिसे उसके परिवार द्वारा "सेंसिटिव" बताया गया था, ने निराशा के आगे घुटने टेकने और अपना जीवन समाप्त करने से पहले दो दिनों तक इस दुखद घटना से संघर्ष किया। इस घटना की जानकारी उसकी बड़ी बहन ने अपने माता-पिता को दी, वह भी उसी संस्थान में छात्रा है।

कानूनी और जांच कार्रवाई

लड़की की मौत के आसपास की चिंताजनक परिस्थितियों के जवाब में, अधिकारियों ने मामले की जांच के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की। बागलकोट के पुलिस अधीक्षक अमरनाथ रेड्डी ने दुखद घटना से जुड़ी घटनाओं की जांच शुरू होने की पुष्टि की। हालाँकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मामले पर स्पष्टीकरण मांगने के बार-बार प्रयासों के बावजूद बागलकोट में सार्वजनिक निर्देश के उप निदेशक टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं रहे।

स्कूल स्टाफ की कथित हरकतों की व्यापक निंदा हुई है, जिससे गहन जांच और उचित अनुशासनात्मक उपायों की मांग की गई है। यह घटना व्यापक सुधारों, अनुशासनात्मक मामलों से निपटने के बारे में जागरूकता बढ़ाने और विश्वास, सम्मान और सहानुभूति की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय उपायों को अपनाने की तत्काल मांग उठाती है।

किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या दुर्व्यवहार के प्रति शून्य सहनशीलता के साथ छात्रों की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक भलाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाइयों को नियंत्रित करने के लिए कड़े दिशानिर्देश स्थापित किए जाने चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें मानवाधिकार सिद्धांतों के प्रति अत्यंत संवेदनशीलता और अनुपालन के साथ किया जाए।

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Priya Singh Tue, 19 Mar 2024 11:46:37 +053042883954288395
<![CDATA[Bihar Board 12th Result 2024: जल्द होगा इंतजार का अंत! जानें कैसे करें चेक ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/bihar-board-12th-result-2024-4367756

Bihar Board 12th Result 2024: बिहार स्कूल परीक्षा समिति (BSEB) जल्द ही अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर बहुप्रतीक्षित 12वीं कक्षा परीक्षा परिणाम 2024 घोषित करने वाला है। हालांकि, अभी तक परिणाम घोषित करने की सटीक तिथि और समय की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 

पिछले वर्षों के रुझानों को देखते हुए, उम्मीद की जा रही है कि बिहार बोर्ड 12वीं कक्षा परिणाम 2024 मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में घोषित किया जा सकता है। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट  पर नियमित रूप से अपडेट देखते रहें।

कितने छात्रों ने दी थी परीक्षा?

इस वर्ष, लगभग 13 लाख छात्रों ने बिहार बोर्ड की कक्षा 12वीं की परीक्षाओं में भाग लिया था, जो विज्ञान, कला और वाणिज्य धाराओं में आयोजित की गई थीं। परीक्षाएं 1 फरवरी से 12 फरवरी 2024 के बीच विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थीं। 

कैसे चेक करें बिहार बोर्ड 12वीं कक्षा परीक्षा परिणाम 2024?

एक बार परिणाम घोषित हो जाने के बाद, छात्र नीचे दिए गए चरणों का पालन करके अपने स्कोरकार्ड को डाउनलोड कर सकते हैं:

1. बिहार स्कूल परीक्षा समिति (BSEB) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

2. होमपेज पर "बिहार बोर्ड 12वीं कक्षा परीक्षा परिणाम 2024" से संबंधित लिंक खोजें।

3. लिंक पर क्लिक करने पर एक नया पेज खुल जाएगा।

4. मांगे गए विवरण दर्ज करें, जैसे आपका रोल नंबर और जन्म तिथि।

5. "जमा करें" बटन पर क्लिक करें।

6. आपकी कक्षा 12वीं की मार्कशीट स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी।

7. भविष्य के संदर्भ के लिए अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड करें और उसका प्रिंटआउट लें।

आवश्यक दस्तावेज

अपने बिहार बोर्ड 12वीं कक्षा परीक्षा परिणाम 2024 को डाउनलोड करते समय, छात्रों को अपना रोल नंबर और जन्म तिथि जैसी विवरण याद रखने की आवश्यकता होगी। ये विवरण आमतौर पर आपके प्रवेश पत्र पर पाए जाते हैं।

क्या करें अगर परिणाम में कोई गड़बड़ी हो?

यदि छात्रों को अपने स्कोरकार्ड में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का पता चलता है, तो उन्हें बिहार स्कूल परीक्षा समिति (BSEB) से संपर्क करना चाहिए। आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क विवरण उपलब्ध होंगे।

अगला कदम?

बिहार बोर्ड 12वीं कक्षा परीक्षा परिणाम 2024 प्राप्त करने के बाद, छात्र आगे की पढ़ाई या कैरियर विकल्पों के बारे में निर्णय ले सकते हैं। कई विश्वविद्यालय और संस्थान प्रवेश के लिए बिहार बोर्ड 12वीं कक्षा के अंकों को ध्यान में रखते हैं। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी रुचि और भविष्य के लक्ष्यों के आधार पर पाठ्यक्रमों और संस्थानों का शोध करें। 

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Vaishali GargTue, 19 Mar 2024 11:37:00 +053042883224288322
<![CDATA[अचंभा! सेल्फी ने बचाई जान, फोटो में दिखी असामान्य आंख ने खोला ब्रेन ट्यूमर का राज ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/woman-discovers-tumor-after-noticing-oddity-in-photo-4367651

Woman Discovers Tumor After Noticing Oddity in Photo : कभी सोचा है कि आप एक सामान्य सी सेल्फी लेते हैं और कुछ ही समय बाद आपको पता चलता है कि आपको एक गंभीर बीमारी है? यह अविश्वसनीय लग सकता है, लेकिन यह अमेरिका की रहने वाली एक महिला के साथ हुआ है। उन्होंने अपनी सेल्फी में चेहरे पर कुछ असामान्य देखा, जिसने उनकी जिंदगी ही बदल दी। 

अचंभा! सेल्फी ने बचाई जान, फोटो में दिखी असामान्य आंख ने खोला ब्रेन ट्यूमर का राज

फोटो में छिपा संकेत 

फ्लोरिडा की रहने वाली मेगन ट्राउटवाइन न्यूयॉर्क में अपनी बहन से मिलने गई थीं। घूमने के दौरान रॉकफेलर सेंटर जाते वक्त उन्होंने एक सेल्फी ली। बाद में फोटो देखने पर उन्हें अपनी एक आंख थोड़ी नीचे की ओर झुकी हुई दिखाई दी। यह उन्हें अजीब लगा और घर वापस आते ही उन्होंने न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह ली।

जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

डॉक्टर ने एमआरआई कराने की सलाह दी। जांच के नतीजे चौंकाने वाले थे। मेगन के दिमाग में एक गांठ पाई गई, जो तेजी से बढ़ रही थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें मेनिनजियोमा नाम का ब्रेन ट्यूमर था, जो ब्रेन कैंसर का एक आम प्रकार है। पता चलते ही उन्होंने तुरंत टैम्पा के मोफिट कैंसर सेंटर में इलाज शुरू कराया। पहले ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी की गई। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में एक और जांच में उनके दिमाग में एक दूसरा ट्यूमर, ग्लियोमा पाया गया।

लगातार निगरानी जरूरी

डॉक्टरों के अनुसार, ग्लियोमा धीरे-धीरे बढ़ता रहेगा और मेगन को अपनी सेहत पर लगातार निगरानी रखनी होगी। साथ ही, जांच में पता चला कि मेगन में पीटीईएन जीन म्यूटेशन है, जिससे उन्हें अन्य तरह के कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 से उन्हें ब्रेस्ट और यूटराइन कैंसर भी हो चुका है, जिनका सफलतापूर्वक इलाज हुआ है। हालांकि, बीमारी से लड़ने के दौरान उन्हें कई सहायक और प्रेरणादायक लोगों से भी मिलने का मौका मिला।

दूसरों की मदद का संकल्प

न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए इंटरव्यू में मेगन कहती हैं, "भले ही कैंसर मेरी पसंद नहीं था, मगर अब मैं जहां हूं और जो कुछ भी झेला हूं, उसे मैं किसी चीज के लिए नहीं बदलना चाहती। अब मैं अपने काम के जरिए उन लोगों की मदद कर सकती हूं, जो जिंदगी के मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। कई लोग ऐसे हालात में अकेले होते हैं, उनके लिए सहारा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।"

यह कहानी हमें सतर्क रहने और अपनी सेहत का ध्यान रखने की सीख देती है। अगर आपको कोई भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही, मेगन की हिम्मत और दूसरों की मदद करने के जज्बे से हम सीख सकते हैं। परिस्थिति कैसी भी हो, हम सब दुनिया को बेहतर बनाने का प्रयास कर सकते हैं।

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Vaishali GargTue, 19 Mar 2024 11:21:48 +053042882244288224
<![CDATA[जानिए ये Self Defence टिप्स जो हर किसी को पता होने चाहिए ]]>https://hindi.shethepeople.tv/security/self-defence-tips-everyone-should-know-4363239

Self Defence Tips Everyone Should Know : हाल ही के वर्षों में पर्सनल सेफ्टी और सेल्फ डिफेंस ने काफी अटेंशन हासिल किया है। ख़ासकर कि महिलाओं में। हर एक महिला को यह अधिकार है कि वह सुरक्षित और कॉन्फिडेंट फील करे। ऐसे में महिलाओं को खास करके सेल्फ डिफेंस के टिप्स आने अत्यंत जरूरी हो जाते हैं। जानिए कुछ सेल्फ डिफेंस के टिप्स जो कि हर एक औरत के लिए बहुत जरूरी हैं 

जानिए ये सेल्फ डिफेंस टिप्स जो हर किसी को पता होने चाहिए

1. अपने सराउंडिंग्स के बारे में जाने

अपने आप को सुरक्षित रखने में सबसे ज्यादा जरूरी चीज यह है कि अब आप यह जाने कि आपके आसपास का माहौल कैसा है। जब आप अकेले घूम रहे हों तो अपनी आंखें और कान हमेशा खुले रखें। पब्लिक प्लेस की लोकेशंस को अच्छे तरीके से जान लें। जैसे कि शॉप्स, गैस स्टेशंस, मार्केट्स इत्यादि जो कि आपके आसपास के रास्तों में आते हों। जिससे आपको पता हो कि आप किस रास्ते पर हैं, कहां जा रहे हैं और मदद की जरूरत पर आप कहां जा सकते हैं।

2. अपने इंस्टिंक्ट  पर विश्वास करें

अगर आपको ऐसा लगता है कि कुछ भी गलत है, हो सकता है कि वह वैसा ही हो। अपने आप पर भरोसा करें और बिल्कुल भी किसी भी सिचुएशन को छोड़कर मदद मांगने में ना घबराए। हमेशा याद रखें कि हर एक सिचुएशन अलग-अलग प्रकार की होती है। तो एक ही प्रकार से हर सिचुएशन में रिएक्ट करना हमेशा सही नहीं होता है।

3. बेसिक सेल्फ डिफेंस मूव्स को सीखें

अपने आप को फिजिकली प्रोटेक्ट करने के लिए किसी प्रकार की कोई सेल्फ डिफेंस क्लास लेना एक बहुत अच्छा तरीका है। परंतु अगर आपके पास इन सब का समय नहीं है तो आप कुछ बेसिक मूव्स अपने आप से ही सीख सकते हैं। जैसे कि एल्बो स्ट्राइक्स या फिर नी किक्स जो कि आपकी सुरक्षा में आपकी काफ़ी मदद करेंगे। 

4. अपने साथ अपनी प्रोटेक्शन के लिए आइटम्स रखें

अपने साथ कई प्रकार के आइटम्स जैसे कि पेप्पर स्प्रे, पर्सनल अलार्म या फिर सेफ्टी विसल जैसी चीजे रखें। ताकि आप अपने आप को किसी भी इमरजेंसी में डिफेंड कर पाएं। हमेशा याद रखिए कि उन्हें इस प्रकार से रखें कि वह हैंडी हों और आप उनका‌ इस्तेमाल कर पाएं जब उनकी जरूरत हो ।

5. महिला हेल्पलाइन नंबर

हमेशा अपने डायल पैड पर या फिर अपने कांटेक्ट में महिला हेल्पलाइन नंबर रखें। ताकि किसी भी सिचुएशन में आप महिला हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके मदद मांग पाएं‌। एवं हो सके तो महिला हेल्पलाइन नंबर याद भी कर लें ताकि जरूरत पड़ने पर आप किसी और के फोन से भी महिला हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर पाएं।

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Shruti Tue, 19 Mar 2024 11:00:38 +053042881364288136
<![CDATA[Breakup के बाद खुद को कैसे Heal करें? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/relationship/how-to-heal-yourself-after-breakup-4363101 ]]>Rajveer KaurTue, 19 Mar 2024 10:30:38 +053042880234288023<![CDATA[लड़कियां Short Hair के लिए जानें ये बेहतरीन और स्टाइलिश हेयर स्टाइल्स ]]>https://hindi.shethepeople.tv/beauty/best-hairstyles-for-indian-women-with-short-hairs-4363313

Best Hairstyles For Indian Women With Short Hairs : औरतें हमेशा से ही अपने लंबे बालों की खूबसूरती दिखाते आई हैं। परंतु आजकल लंबे बालों के साथ-साथ छोटे बाल रखना भी बहुत ट्रेंडी हो गया है। महिलाओं द्वारा रखे जाने वाले छोटे बाल अब चलन में हैं।आज  इन्हें रखने के कई तरीके और स्टाइल्स मौजूद हैं। साथ ही छोटे बालों के कई फ़ायदे भी होते हैं। इन्हें मेंटेन करना बहुत आसान है, तैयार होने में बहुत कम समय लगता है इत्यादि। आईए जानते हैं छोटे बालों के लिए बेहतरीन हेयरस्टाइल्स

औरतें शॉर्ट हेयर के लिए जाने ये बेहतरीन और स्टाइलिश हेयर स्टाइल्स

1. पिक्सी कट

यदि आप एक बोल्ड स्टेटमेंट बनाना चाहते हैं तो पिक्सी कट आपकी पसंद होनी चाहिए। यह एक बहुत सुंदर हेयरकट है जो कि आपके चेहरे को बड़ी खूबसूरती से फ्रेम करता है। और आपकी विशेषताओं को निखारता है। यह एक सोफिस्टिकेशन का टच जोड़ता है। छोटे लेयर्स और कॉन्फिडेंट वाइब के साथ पिक्सी कट आपके लुक को ट्रांसफार्म कर देता है। यह किसी भी लुक में मॉडर्निटी और इंडिविजुअलीटी जोड़ देता है ।

2. बॉब हेयरकट

टाइमलेस और वर्सेटाइल बॉब कट कभी भी स्टाइल से बाहर नहीं जाते। चाहे वह चिन लेंथ बॉब हो या फिर उसका स्लाइटली लंबा वेरिएशन। यह हेयरकट आपके बालों में स्ट्रक्चर और मूवमेंट जोड़ता है। यह आपके फेशियल फीचर्स को एनहांस करता है और आपको एक पॉलिश्ड लुक देता है। चाहे आप एक स्लीक, स्ट्रेट या फिर एक टेक्सचर्ड हेयर स्टाइल की ओर जाएं, बॉब एक परफेक्ट स्टाइल है जो कि एक ट्रेंडी लुक देता है।

3. शैग हेयरकट

अगर आप एक केयर फ्री और यूजफुल स्टाइल चाहते हैं तो‌ आपका जवाब एक टेक्सचर शैग है। यह हेयरकट डिफरेंट लेंथ के लेयर्स के साथ वॉल्यूम और डाइमेंशन वाला लुक देता है। यह बालों को एक बहुत प्लेफुल लुक देता है। आपकी कूलनेस को भी बढ़ावा देता है। इसके टेक्सचर्ड लेयर्स वर्सेटाइल हेयरकट आपके बालों पर जादू की तरह काम करते हैं। अलग-अलग हेयर टाइप पर अलग-अलग प्रकार के स्टाइलिंग ऑप्शंस होते हैं। इस हेयरकट से अपने बाल और अपनी केयर फ्री स्पिरिट को चमकने दें।

4. ट्रेंडी अंडरकट

यदि आप एक बोल्ड और यूनिक स्टेटमेंट बनाने के लिए तैयार हैं तो यह ट्रेंडी हेयरकट आपकी पूरी सहायता करेगा। इस हेयरकट में बालों को शेव और ट्रिम किया जाता है। ऊपर के क्षेत्र को लंबा छोड़ दिया जाता है। यह अंडरकट स्ट्राइकिंग, कंट्रास्ट और एंडलेस स्टाइलिंग पॉसिबिलिटीज देता है। चाहे आप एक सब्टल और ड्रैमेटिक अंडरकट लें या फिर आपकी जो भी चॉइस हो अपनी क्रिएटिविटी को इससे बढ़ावा दें और अपनी इंडिविजुअलिटी दिखाएं।

5. शॉर्ट फेदर कट

यह कट उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके बाल स्ट्रेट और फाइन हैं। यह आपके  बालों को वॉल्यूम देता है और यह हर प्रकार के फेस पर बिल्कुल अच्छा बैठता है। इसमें कई प्रकार के लेयर होते हैं जो कि आपके बालों को बाउंसी और हेल्दी अपीयरेंस देते हैं। यह एक ट्रेंडी हेयरकट है जो कि देखने में बहुत खूबसूरत लगता है।

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Shruti Tue, 19 Mar 2024 10:00:39 +053042879004287900
<![CDATA[Happy Hormones: केमिकल्स जो आपको खुश रखते हैं? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/sehat/brain-chemicals-that-make-you-happy-4363134 ]]>Rajveer KaurTue, 19 Mar 2024 09:30:38 +053042878124287812<![CDATA[यदि बनाना चाहते हैं Sports Media में करियर तो जानें ये करियर ऑप्शंस ]]>https://hindi.shethepeople.tv/career-skill/know-about-these-best-career-opportunities-in-sports-media-4363275

Know About These Best Career Opportunities In Sports Media : स्पोर्ट्स अब एक अलग इंडस्ट्री बन चुकी है। आज स्पोर्ट्स मीडिया एक बेहतरीन करियर के तौर पर उभरा है। आजकल स्पोर्ट्स को लेकर ऑडियंस की व्यूअरशिप भी बहुत बढ़ी है। बढ़ते डिमांड के साथ स्पोर्ट्स मीडिया में करियर के मौके भी उतनी ही तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यदि आप भी स्पोर्ट्स मीडिया में जाना चाहते हैं तो जाने स्पोर्ट्स मीडिया के ये बेहतरीन करियर ऑप्शंस

यदि बनाना चाहते हैं स्पोर्ट्स मीडिया में करियर तो ज़रूर जाने ये करियर ऑप्शंस

1. स्पोर्ट्स एडिटर

स्पोर्ट्स एडिटर स्पोर्ट्स मीडिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इनफॉरमेशन को लॉजिकली प्रेजेंट करना, स्टोरी को सही तरीके से दिखाना, बाकी रिपोर्टर्स और एडिटोरियल बोर्ड मीटिंग्स को सुपरवाइज करना, कलर्स और बाकी प्रेजेंटेशंस का ध्यान रखना भी एडिटर के प्रमुख कामों में से एक होता है। ये प्रिंट और ब्रॉडकास्ट दोनो ही मीडिया के अंदर काम कर सकते हैं।

2. वीडियो कंटेंट कोऑर्डिनेटर

वीडियो कंटेंट कोऑर्डिनेटर किसी भी स्टोरी के लिए विडियोज को एडिट और कट इत्यादि करते हैं। वीडियो कंटेंट कोऑर्डिनेटर को स्पोर्ट्स के बारे में गहरी जानकारी रखना जरूरी है क्योंकि उन्हें पूरे कंटेंट को एडिट करना पड़ता है और फुटेज को करेक्ट तरीके से प्रेजेंट करना होता है। आप ब्रॉडकास्ट मीडिया में वीडियो कंटेंट कोऑर्डिनेटर के तौर पर अपना करियर बना सकते हैं।

3. ग्राफिक डिज़ाइनर

ऐसे स्पोर्ट्स प्रेमी जिनमें आर्ट के लिए टैलेंट हो और डिजाइन की समझ हो, वह ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर भी अपना करियर बना सकते हैं। ऐसे लोग स्पोर्ट्स के लेआउट बनाने, टीम की ब्रांडिंग, मार्केटिंग इत्यादि के लिए जिम्मेदार होते हैं। इनमें डिजिटल प्रिंट और प्रोडक्ट डिजाइनिंग की समझ होना भी बहुत जरूरी है। साथ ही साथ फैन के डायनामिक को समझना भी बहुत जरूरी होता है।

4. सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर

आज ऑलमोस्ट हर टीम और एथलीट का सोशल मीडिया प्रेजेंस होता है। उनके सोशल मीडिया पोस्ट लाखों की कमाई करते हैं और उनके बहुत बड़े फैन बेस भी होते हैं। ऐसे में एक सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर एक मार्केटिंग स्पेशलिस्ट, पब्लिक रिलेशन पर्सन ओर सेल्सपर्सन की तरह काम करता है। वह मीडिया रिसर्च और डाटा को एनालाइज भी करता है। किसी भी कैंपेन या प्रमोशन के लिए आप एक सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर के तौर पर भी स्पोर्ट्स मीडिया में अपना करियर बना सकते हैं।

5. स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टर

किसी भी गेम का एनाउंसर या कमेंटेटर ऐसा इंसान होता है जो स्पोर्ट्स देखने के एक्सपीरियंस को और मजेदार बना देता है। एक स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टर को गेम की गहरी समझ होना बहुत जरूरी है। तभी वह खेल को अपने शब्दों के द्वारा लोगों को अच्छे से समझा सकता है। साथ ही उनकी वॉइस और पर्सनालिटी का अच्छा होना भी महत्वपूर्ण है। अगर आपको स्पोर्ट्स में बहुत रूचि है तो आप स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टर के तौर पर भी अपना करियर बना सकते हैं।

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Shruti Tue, 19 Mar 2024 09:00:38 +053042876294287629
<![CDATA[Foreplay Before Sex: क्यों सेक्स से पहले फ़ोरप्ले है ज़रूरी? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/foreplay-before-sex

Foreplay Before Sex: सेक्स एक बहुत आनंददायक चीज़ है लेकिन आज भी भारत जैसे देशों में लोग इसका सही आनंद नहीं उठा पाते है। उनके हिसाब से यह दो लोगों के बीच की बात है उनके बीच होनी चाहिए ऐसे खुलेआम इसके बारे में बात नहीं होनी चाहिए और बहुत से ऐसे भी है जो अपने पार्ट्नर के साथ भी खुलकर नहीं बात करते है। उन्हें अपनी सेक्शूअल डिज़ाइअर्ज़ के बारे में नहीं बताते। सेक्स में सिर्फ़ सेक्शूअल इंटरकोर्स शामिल नहीं होता है।इसमें फ़ोरप्ले और आफ़्टरप्ले भी शामिल होता है।आज हम फ़ोरप्ले के बारे में बात करेंगे।

फ़ोरप्ले क्या होता है?

फ़ोरप्ले सेक्स के पहले होता है।इसको आउटकोर्स भी बोला जाता है।यह एक ऐसी ऐक्टिविटी है जो वास्तविक संभोग से पहले होती है।इसका काम आपके मूड को सेट करना होता है। इसके दौरान पार्ट्नर्ज़ के बीच एक बॉंड बनता है। इसमें पार्ट्नर को किस करना, गले मिलना, बातें करना  और एक दूसरे को टच करना शामिल होता है।

कैसे करें फ़ोरप्ले?

  • सबसे पहले अपने से बातें करें उसको अपने बारे में बताए और उसके बारे में जाने।अपने पार्ट्नर को अपने इच्छा के बारे में बताए और आप कैसा महसूस कर रहे हो।
  • फिर आप टच करना शुरू कर सकते है।छूने के भी अलग-अलग ढंग होते है आप उसे आज़मा सकते है।
  • आप अपनी पार्ट्नर की ब्रेस्ट को टच कर सकते है क्योंकि ब्रेस्ट के निप्पल महिलाओं के वीक पॉईंट होते है।इससे आपकी महिला पार्ट्नर की चेतना बढ़ेगी।
  • आप अपने पार्ट्नर को गले, कान के पीछे, जाँघों पर किस कर सकते है।

फ़ोरप्ले क्यों करना चाहिए?

1.बॉडी को तैयार करता है

फ़ोरप्ले आपकी बॉडी को वास्तविक संभोग के लिए तैयार करता है।इसे आपको बॉडी में हार्ट रेट तेज होता है।इसके करने आपके जननांग में ज़्यादा ब्लड फ़्लो होता  है।महिलाओं में योनि को लूब्रिकेट करता है जिससे आपका सेक्स ज़्यादा आंनदमयी होता है और पेन से भी आराम मिलता है।

2.भावनात्मक रूप से तैयार

जब आप सेक्स से पहले फ़ोरप्ले करते है यह आपके और आपके पार्ट्नर के बीच एक गहरा संबंध पैदा करता है।इससे आप एक दूसरे के साथ सहज हो जाते है।इससे आपका स्ट्रेस भी दूर हो जाता है और आप सेक्स का आनंद लेते हो।

3.सेक्स को आनंददायक बनता है 

फ़ोरप्ले से सेक्स का आनंद बड़ जाता जाता है क्योंकि आप के बीच एक फ़िज़िकल और इमोशनल बोंड तैयार करता है। 

4.महिला की रुचि पैदा बड़ती है

जब आप सेक्स के से पहले फ़ोरप्ले करते हो तब आप की महिला पार्ट्नर की सेक्स में इच्छा बड़ती है।उनके जननांग में कसाव आता है।जिससे यह पल आप का आनंददायक बन जाता है।

5.पहली बार सेक्स में मददगार

अगर आप पहली बार सेक्स कर रहे है तो फ़ोरप्ले बहुत ज़रूरी है। इससे आपका बोंड स्ट्रोंग होता है। आप एक दूसरे की इच्छाओं को जानने लगते है।आप का सेक्स इससे बहुत आनंददायक   हो सकता है।

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Rajveer KaurMon, 18 Mar 2024 22:40:21 +05303336133361
<![CDATA[Oral Sex: डेंटल डैम क्या है ? महिलाएं इसका इस्तेमाल कैसे कर सकती हैं ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/what-is-dental-dam-how-women-can-use-it-2387686

What Is Dental Dam? How Women Can Use It: डेंटल डैम एक पतला, लचीला शीट होता है जिसका उपयोग ओरल सेक्स के दौरान यौन संचारित रोगों (STD) से बचाव के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर लेटेक्स या पॉलीयूरेथेन से बनाया जाता है और चौकोर या आयताकार आकार में आता है। डेंटल डैम का उपयोग मुंह और जननांगों के बीच एक भौतिक अवरोध बनाने के लिए किया जाता है, जिससे शरीर के तरल पदार्थों और संक्रामक सूक्ष्मजीवों के आदान-प्रदान को रोका जा सकता है।

डेंटल डैम क्या है? महिलाएं इसका इस्तेमाल कैसे कर सकती है?

डेंटल डैम का उपयोग क्यों करें?

डेंटल डैम का उपयोग ओरल सेक्स के दौरान एसटीडी से बचाव के लिए एक प्रभावी तरीका है। यह एचआईवी, गोनोरिया, सिफिलिस, क्लैमाइडिया, हेपेटाइटिस बी और सी, और हर्पीस जैसे एसटीडी के प्रसार को रोक सकता है।

डेंटल डैम का उपयोग कैसे करें?

  1. एक डेंटल डैम लें और इसे एक चिकने, समतल सतह पर फैलाएं।
  2. डैम के केंद्र में एक छोटा सा गड्ढा बनाएं।
  3. डैम को अपने मुंह में रखें और इसे अपने दांतों के बीच पकड़ें।
  4. अपने होंठों से डैम को कसकर पकड़ें।
  5. अपने साथी के जननांगों को डैम पर रखें।

डेंटल डैम का उपयोग करते समय सावधानियां

  1. डेंटल डैम का उपयोग करने से पहले इसे देखें कि कहीं उसमें कोई छेद या फटा तो नहीं है। यदि कोई छेद है तो इसे फेंक दें और एक नया डेंटल डैम का उपयोग करें।
  2. डेंटल डैम का उपयोग करने से पहले अपने मुंह को साफ करें।
  3. डेंटल डैम को अपने मुंह में रखते समय इसे कसकर पकड़ें ताकि यह हिले न।
  4. डेंटल डैम का उपयोग करने के बाद इसे किसी सुरक्षित स्थान पर फेंक दें।

डेंटल डैम के कुछ फायदे

  •  यह एसटीडी से बचाव में प्रभावी है।
  •  यह उपयोग करना आसान है।
  •  यह स्वादहीन और हानिरहित है।
  •  यह कई अलग-अलग आकारों और फ्लेवर में उपलब्ध है।

डेंटल डैम के कुछ नुकसान

1. असहजता

कुछ लोगों को डेंटल डैम का उपयोग करते समय असहज महसूस हो सकता है। यह डैम के आकार या सामग्री के कारण हो सकता है।

2. महंगाई

डेंटल डैम महंगे हो सकते हैं, खासकर यदि आप उन्हें नियमित रूप से उपयोग करते हैं।

3. उपयोग में कठिनाई

कुछ लोगों को डेंटल डैम का उपयोग करना मुश्किल हो सकता है, खासकर यदि वे पहली बार उपयोग कर रहे हैं।

कुल मिलाकर, डेंटल डैम ओरल सेक्स के दौरान एसटीडी से बचाव के लिए एक अच्छा विकल्प है। इसका उपयोग करना आसान है और यह प्रभावी है। यदि आप महिला हैं और ओरल सेक्स के दौरान सुरक्षित रहना चाहती हैं, तो डेंटल डैम का उपयोग करने पर विचार करें।

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Kumkum Mon, 18 Mar 2024 22:35:59 +053023197772319777
<![CDATA[Sleeping Disorder: क्या अधिक नींद शरीर को बनाती है बिमारियों का घर? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/lifestyle/oversleeping-might-cause-health-hazards-4356973

Oversleeping Might Cause Health Hazards: विज्ञान ने साबित किया है कि लंबे समय तक सोना, जैसे कि 9-10 घंटे प्रति रात, सामान्य स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। अधिक सोने से आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, जैसे दिनभर की थकान, ओबेसिटी, डायबिटीज, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं। इसलिए, समय पर सोना और सही मात्रा में सोने का पालन करना ज़रूरी है। अधिक सोने से बचने के लिए, नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, और स्वस्थ नींद लेना ज़रूरी है । 

क्या अधिक नींद आपके शरीर को बनाती है बिमारियों का घर

1. डिप्रेशन

कई रिसर्च में माना गया है कि लंबे अधिक सोने से व्यक्ति में डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है। अधिक सोने से  लोगों की दिनभर की गतिविधियों में कमी हो सकती है, जिससे उन्हें लोगो से घुलने- मिलने या आपसी संबंधों को सही रखने में कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा, अधिक सोने से व्यक्ति का दिनभर की एक्टिविटीज और आगे बढ़ने की क्षमता कम हो सकती है, जिससे उन्हें मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, सही मात्रा में सोना जरूरी है। लेकिन अगर आपको लगता है कि आप ज्यादा सो रहे हैं और इसके कारण आपका मूड बिगड़ रहा है, तो एक थेरेपी लेना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।

2. डायबिटीज

अधिक सोने के कारण शरीर में  इंसुलिन का लेवल बढ़ सकता है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।अधिक सोने के अलावा, लंबे समय तक बिना किसी गतिविधि के बिताए जाने से खून में ग्लूकोज की स्तर बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज के खतरे में बढ़त हो सकती है। इसलिए, रोज़ एक्सरसाइज करें, अच्छा खाना लें, और सही मात्रा में सोने की कोशिश करें। 

3. भूख पर असर

लंबे समय तक नींद लेने से शरीर के हार्मोन्स जैसे कि लेप्टिन और घ्रेलिन के लेवल में बदलाव हो सकता है। लेप्टिन शरीर में भूख को कम करने में मदद करता है जबकि घ्रेलिन भूख को बढ़ाता है। यदि आप ज्यादा समय तक सोते हैं, तो इन हार्मोनों के लेवल में बदलाव हो सकता है, जिससे आपकी भूख कम या ज़्यादा हो सकती है। 

4. पेट की समस्या

ज्यादा समय तक सोने से पेट की समस्याएं हो सकती हैं जैसे

  • डाइजेशन प्रॉब्लम- लंबे समय तक सोने से पाचन क्रिया पर असर पड़ता है। इस स्तिथि में खाना जल्दी नही पचता और इसका असर शरीर की बाकी एक्टिविटीज पर भी होता है।
  • पेट में जलन और गैस- जब आप लंबे समय तक सोते हैं, पेट में जलन और गैस की समस्या हो सकती है।
  • अधिक खाने की आदत- लंबे समय तक सोने से आपकी खाने की आदतों पर भी असर पड़ सकता है, जिससे आप अधिक खाने की आदत डाल सकते हैं और अत्यधिक खाने से पेट की समस्याएं हो सकती हैं।

5. दिल की समस्या

ज्यादा समय तक सोने से दिल की समस्याएं हो सकती हैं जैसे

  • अधिक समय तक एक स्तिथि में पड़े रहना- ज्यादा समय तक एक स्तिथि में पड़े रहने से आपके शरीर पर असर पड़ सकता है जो आपके दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  • भोजन के समय में बदलाव- जब आप अधिक समय तक सोते हैं, तो आपके भोजन का समय डिसबैलेंस हो सकता है, जिससे आपके खाने का पाचन भी प्रभावित हो सकता है और इससे दिल के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
  • लेटने का सिलसिला- ज्यादा समय तक लेटने से आपका शरीर को योग्य व्यायाम नहीं मिलता है, जिससे हृदय की स्वस्थता प्रभावित हो सकती है।
  • अधिक तनाव- ज्यादा समय तक सोना आपके तनाव को बढ़ा सकता है, जो आपके दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

6. मोटापा

ज्यादा समय तक सोने से मोटापा हो सकता है जैसे

  • कैलोरी अतिरिक्त- अधिक समय के लिए सोने से आपके शरीर को अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है, जो अतिरिक्त कैलोरी को इकट्ठा कर सकती है।
  • मेटाबोलिज्म कम हो जाता है- लंबे समय तक सोने से आपका मेटाबोलिज्म कम हो सकता है, जिससे आपके शरीर की कैलोरी जलाने की शक्ति कम हो सकती है।
  • चलने फिरने पर रोक- जब आप ज्यादा समय तक सोते हैं, तो आप अधिक समय लेटे रहने में बिता सकते हैं, जिससे आपकी चलने फिरने की एक्टिविटी कम होती है और कैलोरी जलाने की शक्ति कम हो सकती है।

7. हाइपरसोमनिया 

ज्यादा समय तक सोने से हाइपरसोम्निया यानी अत्यधिक नींद की समस्या हो सकती है। यह एक समस्या है जिसमें व्यक्ति को नींद की भावना होती है, लेकिन वह उसे सोने में मुश्किल हो सकती है। हाइपरसोम्निया में मानसिक तनाव, डेली लाइफ का असंतुलन या अन्य स्वास्थ्य परेशानियां हो सकती है। इससे व्यक्ति की डेली लाइफ पर असर होता है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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Mon, 18 Mar 2024 19:30:38 +053042842024284202
<![CDATA[मिलिए Sushma Pachouri से और जानिए कैसे बॉडीबिल्डर बनने के लिए उन्होंने पीसीओएस को दी मात ]]>https://hindi.shethepeople.tv/topvideos/meet-women-bodybuilder-sushma-pachouri-khadia-4363215

Meet Women Bodybuilder Sushma Pachouri Khadia: डॉक्टर से बॉडीबिल्डर बनीं सुषमा पचौरी खड़िया से मिलिए, जिनकी जर्नी लचीलेपन और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। गर्भधारण करने की चुनौतियों पर काबू पाने और प्रसव के बाद आत्म-छवि संबंधी समस्याओं से जूझने के बाद, खड़िया ने वजन घटाने और आत्म-खोज की एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की। अब, 45 साल की उम्र में, वह सशक्तिकरण की एक किरण के रूप में खड़ी हैं, रूढ़िवादिता को चुनौती देती हैं और दूसरों को अपने सच्चे स्वरूप को अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

SheThePeople के साथ एक इंटरव्यू में, सुषमा ने अपनी जर्नी शेयर की जहां उन्हें एक असामान्य प्रकार के पीसीओएस के कारण गर्भधारण करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसने उन्हें लचीलेपन और आशावाद के मार्ग पर प्रेरित किया। फिर भी, यह उनके प्रसवोत्तर चरण में था कि उसे एक और बाधा का सामना करना पड़ा - आत्मसम्मान और आत्म-आश्वासन के साथ लड़ाई।

मिलिए सुषमा पचौरी से और जानिए कैसे बॉडीबिल्डर बनने के लिए उन्होंने पीसीओएस को दी मात

"शादी के बाद, मुझे पीसीओएस के एक असामान्य रूप का पता चला, जिसमें आप मोटे नहीं होते हैं लेकिन आप ओव्यूलेट करना बंद कर देते हैं, जिसके कारण आप बच्चे को गर्भ धारण नहीं कर सकते। मैंने अपना इलाज शुरू किया और उस अवधि के भीतर गर्भवती हो गई इलाज के कारण समय बर्बाद हो गया। मैं 4 महीने के बाद गर्भावस्था को जारी रखने में सक्षम नहीं थी।

डॉक्टर ने कहा कि मुझे अब बच्चे की योजना नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि यह मेरे शरीर के लिए अच्छा नहीं होगा और मुझे ब्रेक लेना चाहिए। मुझे यकीन था कि मैं उपचार के बिना गर्भवती नहीं हो पाऊंगी, लेकिन डॉक्टरों की सलाह के बावजूद मैं तीन महीने के भीतर स्वाभाविक रूप से फिर से गर्भवती हो गई। गर्भावस्था जटिल थी और डॉक्टरों ने गंभीर जोखिमों के कारण गर्भपात की सिफारिश की। हालाँकि, मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया और चमत्कारिक रूप से मेरा बच्चा स्वस्थ पैदा हुआ। आज, मेरा बेटा 17 साल का है और हमारा परिवार धन्य महसूस करता है।

मेरे बच्चे की सी-सेक्शन डिलीवरी हुई और जब मैं उस दौरान बिस्तर पर आराम कर रही थी, मैंने खुद को शीशे में देखा और मुझे पसंद नहीं आया कि मैं कैसी दिख रही हूँ। मैं रोने लगी और मैंने कहा, "ये मेरे को क्या हो गया।"

मैंने अब खुद पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया, क्योंकि मैं अपने दिखने का तरीका बदलना चाहती थी। अगले 5 साल तक मैंने अपने बच्चे की देखभाल की और एक दिन मैंने जिम ज्वाइन करने का फैसला किया।

2012 में मेरा सफर 93 किलो से शुरू होकर 59 किलो तक पहुंच गया। मैं वेटलिफ्टिंग करने से डरती थी, क्योंकि मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।2019 में, जब सब कुछ बढ़िया चल रहा था, मेरी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिसने मुझे फिर से डिप्रेशन में ले लिया। मुझे अपने आस-पास के लोगों से समर्थन मिला और मैंने बॉडीबिल्डिंग करने का फैसला किया।

2020 में, मैं एकमात्र व्यक्ति थी जो काम कर रही थी और मैंने अपने पति को बॉडीबिल्डिंग की वकालत की और उन्हें बताया कि यह गलत बात नहीं है और यह सिर्फ एक खेल की तरह है। मैंने मुंबई में हो रहे एक शो में हिस्सा लिया और 40 कैटेगरी में गोल्ड जीता। जिसके बाद 2022 में मेरा सफर शुरू हुआ और मैंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

मैं आज 45 साल की हूं और जब मैं अपनी यात्रा पर पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे एहसास होता है कि मैंने एक ऐसे व्यक्ति के साथ शुरुआत की थी, जिसे शीशा में दिखने का तरीका पसंद नहीं था, लेकिन आज मुझे खुशी है कि मैंने वह कदम उठाया।'

देखें वीडियो:

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Priya Singh Mon, 18 Mar 2024 19:00:38 +053042841414284141
<![CDATA[जानिए भारत की प्रथम महिला विज्ञान डॉक्टर Asima Chatterjee के बारे में ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/asima-chatterjee-first-indian-woman-scientist-doctorate-degree

Asima Chatterjee: भारत की प्रथम महिला विज्ञान डॉक्टर: विज्ञान और प्रौद्योगिकी का क्षेत्र सदियों से पुरुष प्रधान रहा है। 20वीं सदी के भारत में तो महिलाओं को विज्ञान में करियर बनाने की अनुमति भी मुश्किल से मिलती थी। उनकी उपलब्धियों को तो और भी कम सराहा जाता था। असीमा चटर्जी ऐसी ही एक महिला थीं। अपने समय की सफल कार्बनिक रसायनज्ञ, वह किसी भारतीय विश्वविद्यालय से डी.एससी. (डॉक्टर ऑफ साइंस) की उपाधि प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं।

प्रारंभिक जीवन, शिक्षा और कैरियर

1917 में बंगाल में जन्मीं, असीमा चटर्जी (विवाहोपरांत चटर्जी) एक चिकित्सक डॉक्टर इंद्र नारायण मुखर्जी और उनकी पत्नी कमला देवी की दो संतानों में बड़ी थीं। चिकित्सक और वनस्पतिशास्त्री पिता के कारण डॉ चटर्जी को बचपन से ही औषधीय पौधों के अध्ययन के प्रति रूचि पैदा हो गई। स्कूली शिक्षा के दौरान भी उनकी यह जिज्ञासा बनी रही, जिसने उन्हें 1936 में कलकत्ता के प्रतिष्ठित स्कॉटिश चर्च कॉलेज से कार्बनिक रसायन शास्त्र में डिग्री प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। सामाजिक मानदंडों से बेखौफ होकर, उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से कार्बनिक रसायन शास्त्र में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। इसी उपलब्धि के साथ वह किसी भारतीय विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला बन गईं।

अपनी डॉक्टरेट की पढ़ाई के दौरान, उन्होंने भारत के अग्रणी प्राकृतिक उत्पाद रसायनज्ञ पी.के. बोस के मार्गदर्शन में कार्य किया। उनके अन्य उल्लेखनीय शिक्षकों में प्रख्यात बांग्ला रसायनज्ञ आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय, जिन्हें भारत में रसायन विज्ञान के पिता के रूप में जाना जाता है, और विश्व प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर सत्येंद्र नाथ बोस शामिल थे, जो अब क्वांटम यांत्रिकी के अपने कार्यों के लिए जाने जाते हैं। उनकी शोध रुचि इन महान हस्तियों के मार्गदर्शन में ही विकसित हुई। भारत के राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित, चटर्जी ने मई 1990 तक इस पद पर कार्य किया।

शोध कार्य और उपलब्धियां

1940 में, चटर्जी कलकत्ता के लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज में रसायन विभाग की संस्थापक और प्रमुख के रूप में शामिल हुईं। बाद में उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र की मानद व्याख्याता के रूप में नियुक्त किया गया। अमेरिका और यूरोप में रहने के दौरान उन्होंने रसायन शास्त्र के क्षेत्र के कई प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के साथ सहयोग किया।

1950 के दशक में भारत वापसी पर, उन्होंने भारतीय औषधीय जड़ी बूटियों के रसायन का अध्ययन करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। उन्होंने सफलतापूर्वक मिरगी-रोधी और मलेरिया-रोधी दवाएं विकसित कीं, जिन्हें बाद के वर्षों में कई कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर बाजार में उतारा गया। उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक मार्सिलिया मिन्यूटा से प्राप्त मिरगी-रोधी दवा आयुष-56 और देशी औषधीय पौधों से प्राप्त मलेरिया-रोधी दवा आयुष-64 का विकास था।

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उनका एक और महत्वपूर्ण योगदान विन्का अल्कलॉइड पर उनके शोध का था, जो मेडागास्कर पेरिविंकल पौधों से प्राप्त होते हैं। इनका उपयोग कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं के विभाजन को धीमा करने में किया जाता है।

अनेक प्रथम उपाधियों से सुशोभित

डॉ. चटर्जी न केवल किसी भारतीय विश्वविद्यालय से डी.एससी. की उपाधि प्राप्त करने वाली प्रथम महिला थीं, बल्कि वह भारत के किसी विश्वविद्यालय में किसी विभाग की अध्यक्ष बनने वाली प्रथम महिला वैज्ञानिक भी बनीं। उनका यह पद कलकत्ता विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र की खैरा प्रोफेसर के रूप में था, जो अब भी वहां के सर्वाधिक प्रतिष्ठित और प्रतिष्ठित पदों में से एक है। डॉ चटर्जी ने 1982 तक इस पद को सुशोभित किया।

उन्हें 1975 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

1975 में, चटर्जी भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ की महासचिव चुनी जाने वाली प्रथम महिला वैज्ञानिक बनीं। उसी वर्ष, उन्हें विज्ञान में उनके योगदान के लिए बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा वुमन ऑफ द ईयर के रूप में सम्मानित किया गया। इससे पहले, उन्हें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (इंसा), नई दिल्ली की फैलो भी चुना गया था। उन्हें सी.वी. रमन पुरस्कार और शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला, जो देश में वैज्ञानिक उपलब्धियों के दो सर्वोच्च पदक हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें 1975 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। भारत के राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित, चटर्जी ने मई 1990 तक इस पद पर कार्य किया।

अपने जीवनकाल में उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में लगभग 400 शोधपत्र प्रकाशित किए। वह सीएसआईआर द्वारा प्रकाशित छह-खंडों वाली शृंखला, "द ट्रीटाइज ऑफ इंडियन मेडिसिनल प्लांट्स" की मुख्य संपादक भी बनीं, जो उस समय महिलाओं द्वारा शायद ही कभी हासिल की जाने वाली उपलब्धि थी। दुख की बात है कि इतिहास की किताबों में उनका नाम बहुत कम पढ़ने को मिलता है। उन्हें कभी भी उनके पुरुष समकक्षों की तरह सम्मानित नहीं किया गया। लेकिन उन्होंने अपने बाद आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरित किया।

अपने उल्लेखनीय वैज्ञानिक योगदानों से परे, डॉ. चटर्जी की विरासत शिक्षा जगत में महिला सशक्तीकरण की उनकी वकालत के माध्यम से भी कायम है। कलकत्ता के लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज में रसायन शास्त्र विभाग की स्थापना करके और अपने पूरे करियर में युवा मस्तिष्कों का पोषण करके उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा दिया। उनके शुरुआती पीएच.डी. छात्रों में से एक, एस.सी. पाकराशी, अपनी निगरानी करने वाली के बारे में एक जीवनी संबंधी लेख में याद दिलाते हैं कि कैसे चटर्जी अपने स्वयं के उदाहरण देकर अपने छात्रों का मनोबल बढ़ाती थीं। पाकराशी लिखते हैं, "मैं जब तक जीवित रहूंगी तब तक काम करना चाहती हूं," यही वह अक्सर अपने छात्रों से कहती थीं। और उनकी उपलब्धियों को देखते हुए, ऐसा लगता है कि उन्होंने उस दर्शन का पूरी तरह से पालन किया। 

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Vaishali GargMon, 18 Mar 2024 18:30:38 +05301381713817
<![CDATA[Holi 2024: रंगों का त्योहार हो सुरक्षित इसलिए अपनाएं होली के 10 सुरक्षा टिप्स ]]>https://hindi.shethepeople.tv/others/safety-tips-for-holi-4362870

Holi 2024: होली, रंगों का खूबसूरत त्योहार, खुशियों और उल्लास का प्रतीक है। लेकिन कभी-कभी लापरवाही से यह त्योहार दुर्घटनाओं का सबब बन सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप और आपके प्रियजन एक सुरक्षित और मज़ेदार होली मनाएं, यहां 10 अनोखे होली सुरक्षा टिप्स (Holi safety tips) प्रस्तुत हैं।

रंगों का त्योहार हो सुरक्षित इसलिए अपनाएं होली के 10 सुरक्षा टिप्स

  1. प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें। कृत्रिम रंगों में अक्सर हानिकारक रसायन पाए जाते हैं, जो त्वचा में जलन और एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इसके बजाय, होली खेलने के लिए हल्दी, गुलाल और टेसू के फूलों से बने प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें।
  2. आंखों की सुरक्षा करें। रंगों का उन्माद अक्सर आंखों में जाने का कारण बन सकता है, जिससे जलन और आँखों में संक्रमण का खतरा होता है। होली खेलते समय सुरक्षा चश्मा पहनें, खासकर बच्चों के लिए।
  3. सुरक्षित दूरी बनाए रखें। पानी के गुब्बारों और रंगीन पानी के पंपों का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें।एक-दूसरे पर रंग फेंकते समय सुरक्षित दूरी बनाए रखें ताकि किसी को भी चोट न पहुंचे।
  4. अत्यधिक पानी बर्बादी से बचें होली पर अक्सर पानी की बर्बादी हो जाती है। रंग निकालने के लिए पानी का कम से कम उपयोग करें और होली खेलने के लिए छोटे बाल्टियों का इस्तेमाल करें।
  5. भंग के सेवन से बचें। नशे में होली खेलना दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। इसलिए, शराब के सेवन से पूरी तरह से बचें।
  6. सड़कों पर उछलकब ना करें। होली के दिन सड़कों पर अक्सर भीड़भाड़ रहती है। तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने और उछलकब करने से बचें।
  7. आग से सावधान रहें। होलिका दहन के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। ज्वलनशील पदार्थों का प्रयोग न करें और दहन स्थल से दूर रहें।
  8. बुजुर्गों का सम्मान करें।होली के उत्साह में कभी-कभी बुजुर्गों का सम्मान भूल जाता है। उन्हें रंग लगाने के लिए उनकी सहमति लें और उनका ख्याल रखें।
  9. आवारा पशुओं को ना सताएं। होली के जश्न में अक्सर आवारा पशु भयभीत हो जाते हैं। उन्हें रंग न लगाएं और उन्हें परेशान न करें।
  10. सफाई बनाए रखें। सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें। खुद को और आसपास को साफ रखने में अपना योगदान दें।

इन आसान होली सुरक्षा टिप्स को अपनाकर आप इस रंगों के त्योहार को सुरक्षित और खुशनुमा बना सकते हैं।होली का असली मज़ा है loved ones के साथ खुशियां बांटना और सारे गिले-शिकवे दूर करना।सुरक्षा का ध्यान रखते हुए एक यादगार होली मनाएं!

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Vaishali GargMon, 18 Mar 2024 18:00:38 +053042835174283517
<![CDATA[Honey की मदद से ऐसे करें अपने ड्राई लिप्स को ठीक ]]>https://hindi.shethepeople.tv/beauty/honey-for-dry-lips-4363068 ]]>Priya Singh Mon, 18 Mar 2024 17:30:38 +053042839004283900<![CDATA[Challenges Of Entrepreneur: महिला उद्यमियों को क्या चैलेंज फेस करने पड़ते हैं? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/challenges-faced-by-women-entrepreneur-4358069

Challenges Faced By Women Entrepreneur: भारतीय समाज में महिला होना बहुत कठिन है क्योंकि आपको पुरुषों के मुकाबले हर जगह ज्यादा चैलेंज फेस करने पड़ते हैं। आज का दौर महिला उद्यमियों का है लेकिन यह बिलकुल नहीं है कि अगर ज्यादातर महिलाएं उद्यमी बन रही है तो उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं आती है या उनकी जर्नी बहुत आसान  होती है। परिवार से शुरू हुई समस्याएं करियर के हर पड़ाव में देखने को मिलती हैं तो आईए जानते हैं कि महिला उद्यमियों को क्या समस्याएं झेलनी पड़ती हैं- 

Challenges Of Entrepreneur: महिला उद्यमियों को क्या चैलेंज फेस करने पड़ते हैं?

भारत में 63 मिलियन एमएसएमई हैं, जिनमें से लगभग 20% महिलाओं हैं, जो 22 से 27 मिलियन लोगों को रोजगार देते हैं। महिला उद्यमियों के मास्टरकार्ड सूचकांक12 (MIWE, 2021) में भारत 65 देशों में 57वें स्थान पर है।

Work Life Balance

महिलाओं के लिए सबसे बड़ा चैलेंज यह भी हो जाता है कि उन्हें बिजनेस के साथ-साथ परिवार को भी संभालना पड़ता है। पुरुषों के मुकाबले उनके ऊपर परिवार को लेकर ज्यादा जिम्मेदारियां होती हैं। अगर महिला एक बहू और माँ भी है तो यह जिम्मेदारियां दोगुनी हो जाती हैं क्योंकि उन्हें ही सास ससुर को देखभाल करनी पड़ती है। बच्चों की परवरिश जैसे उन्हें स्कूल के लिए तैयार करना और खाना पीना और कपड़े धोना उनकी हर चीज का ध्यान रखना भी उनके ऊपर ही आ जाता है तो इसके साथ अपने बिजनेस को मैनेज करना एक बहुत बड़ा चैलेंज उनके सामने खड़ा हो जाता है। 

Not Getting Enough Support

परिवार से उन्हें उतना सपोर्ट नहीं मिलता है जितना कि पुरुषों को बिजनेस के लिए मिलता है। आज भी हमारे समाज की सोच रूढ़िवादी है। उन्हें लगता है कि अगर पुरुष अच्छा कमा रहा है तो महिलाओं को कमाने  की क्या जरूरत है लेकिन वो नहीं समझते हैं कि महिला की अपनी भी ख्वाहिशें हैं। उनके भी कुछ सपने हैं जो वो पूरा करना चाहती है। इसलिए परिवार का सपोर्ट ना मिलना भी एक बहुत बड़ा चैलेंज है जो महिला उद्यमियों को फेस करना पड़ता है। 

Gender Bias

आज भी बिजनेस में बहुत सारे सेक्टर हैं जहां पर मेल डोमिनेंस है।महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है। जब कोई बिजनेस मीटिंग्स या फिर डील करने के की बात आती है तब वहां पर पुरुष को ही ज्यादातर अपेक्षा की जाती है। महिलाओं के साथ डील करने में पुरुष इतने सहज नहीं होते हैं। यह भी एक चेलैंज महिलाओं को अपनी एंटरप्रेन्योर जर्नी में देखना पड़ता है। 

Finance challenges

महिलाओं को फाइनेंस से संबंधित चैलेंज भी फेस करने पड़ते हैं क्योंकि जो बिजनेस महिलाओं के द्वारा चलाए जाते हैं उन्हें ज्यादा सपोर्ट नहीं मिलता है। इसके साथ ही जब महिलाएं बिजनेस शुरू करती हैं उनके पास खुद भी इतनी इतना पैसा या फिर प्रॉपर्टी नहीं होती है कि वह शुरुआत कर सके। इसके साथ ही महिलाओं को बचपन से ही फाइनेंशली इंडिपेंडेंट नहीं बनाया जाता है। इसके साथ ही उन्हें बिजनेस शुरू करने के लिए इन्वेस्टर ढूंढ़ने में बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

Lack Of Awareness

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को एक्सप्लोर करने के कम मौके मिलते हैं क्योंकि भारतीय घरों में महिलाओं को इतना घूमने फिरने और लोगों के बीच में जाने नहीं दिया जाता है जो भी एक बड़ा चैलेंज होता है। महिलाओं के पास बिजनेस कैसे चलाना है या कैसे इन्वेस्टर्स बिजनेस में लाने हैं इसके बारे में बताया नहीं जाता है और न ही उन्हें जानने का मौका दिया जाता है। 

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Rajveer KaurMon, 18 Mar 2024 17:00:38 +053042838134283813
<![CDATA[मिलिए भारत की First Female Sumo Wrestler हेतल दवे से ]]>https://hindi.shethepeople.tv/topvideos/meet-hetal-dave-indias-first-female-sumo-wrestler-4362989

Meet Hetal Dave, India's First Female Sumo Wrestler: मिलिए भारत की अग्रणी महिला सूमो पहलवान हेतल दवे से, जिन्होंने बाधाओं को तोड़ते हुए खेल की दुनिया में इतिहास रचा है। सूमो कुश्ती को भारत में आधिकारिक मान्यता नहीं मिलने के बावजूद, हेतल ने इस खेल में महत्वपूर्ण प्रगति की है और 2008 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। उनकी उल्लेखनीय यात्रा ने उन्हें प्रतिष्ठित विश्व खेलों सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते देखा है। जहां वह 200 से अधिक अन्य खेलों के बीच देश से एकमात्र महिला प्रतिभागी के रूप में खड़ी हुईं।

SheThePeople से बात करते हुए, हेतल दवे ने अपनी प्रेरक कहानी और सूमो कुश्ती के क्षेत्र में अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया।

मिलिए भारत की पहली महिला सूमो पहलवान हेतल दवे से

मैं पाँच साल की थी जब खेल मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा बन गया। मेरे माता-पिता जीवन भर गाँव में रहे - कई मायनों में, खेल उनका जीवन था और 5 साल की उम्र तक, यह मेरा भी बन गया। भारी या मोटी होने के कारण, मुझे अपने वजन के बारे में अनगिनत ताने सुनने को मिलते थे। इससे मुझे दुख हुआ, कभी-कभी मुझे ऐसे कपड़े नहीं मिल पाते जो फिट हों। बाहर जाना थका देने वाला था—हर कोई बहुत दुबला-पतला लग रहा था मेरे वजन पर दबाव बन गया। मैं अकेली महसूस कर रही थी, लेकिन मुझे नहीं पता था कि क्या होने वाला है। कुछ दिनों बाद, मेरे स्पोर्ट्स क्लब ने एक सूमो चैम्पियनशिप का आयोजन किया और मैं इसमें दिलचस्पी लेने लगी।

मैंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था, इसलिए मैंने अगले कुछ दिन रिसर्च में बिताए। उस समय सूमो कुश्ती में कोई भारतीय महिला नहीं थी। इसलिए, मैंने जापानी एसोसिएशन को एक पत्र लिखकर पूछा कि क्या महिलाएं भी भाग ले सकती हैं। मैं जीवन भर वज़न के तानों के साथबड़ी हुई और अपने क्लब में लड़ाई को देखकर मुझे लगा, 'क्यों न मैं अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लूं?'

शुरुआत में मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था, लेकिन मेरी जूडो ट्रेनिंग से मदद मिली। इसने मेरे बेसिक्स को मजबूत बनाया, लेकिन सूमो में प्रशिक्षण के अलावा और भी बहुत कुछ था। प्रत्येक चरण एक परीक्षा थी - अंतहीन प्रशिक्षण सत्र, प्रायोजकों की तलाश।

एक महिला खिलाड़ी के लिए स्पोंसर्स ढूंढना मुश्किल था, 'लड़की है क्या कर पाएगी, इनसे कुछ नहीं होने वाला'। कई लोगों ने सोचा कि मैं सिर्फ पैसों के लिए सूमो के बारे में झूठ बोल रही हूं। लेकिन मेरे सहयोगी परिवार ने इसमें मेरी मदद की। पिताजी और भाई मेरे दो स्तंभ थे जिन्होंने इसमें मदद की और जल्द ही एक चमत्कार हुआ। मैं विश्व खेल में जगह बनाने वाली दुनिया की आठ महिलाओं में से एक थी। जल्द ही, एक क्षेत्रीय गुजराती अखबार को हमें स्पोंसर मिल गया। और अगले ही पल, मेरे पास विश्व खेलों के लिए स्वीकृत वीज़ा था!

मैं अपना खुद का कोच और मैनेजर बनकर सूमो के वैश्विक मंच पर खड़ी हुई। यह एक क्षण था, मैंने अपने माता-पिता का सपना साकार किया है।' मैंने अपना सपना साकार कर लिया था, 2012 में, मैं रिटायर हो गई और अपने जीवन के प्यार से शादी कर ली। लेकिन मैं पूर्ण विराम नहीं लगाने वाली थी, इसलिए मैंने छोटी लड़कियों को सूमो कुश्ती सिखाना शुरू कर दिया, जिनमें से कई आज राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं। शिक्षण ने मुझे एक बड़ा उद्देश्य दिया। मुझे गर्व महसूस हुआ - समाज क्या सोचता है या उनके शरीर के कारण बहुत सी लड़कियाँ जो चाहती हैं उसे पूरा नहीं कर पातीं।

यहां वीडियो देखें

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Priya Singh Mon, 18 Mar 2024 16:30:38 +053042837244283724
<![CDATA[कैसे Iron Gummies से आयरन की कमी पूरी हो सकती है? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/sehat/how-iron-gummies-can-meet-daily-requirements-for-iron-deficiency-4357364

How Iron Gummies Can Meet Daily Requirements for Iron Deficiency: आयरन सप्लीमेंट के कुछ अन्य रूपों के विपरीत, आयरन गमीज़ का सेवन करना आसान होता है और आम तौर पर इसका स्वाद अच्छा होता है। यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ हो सकता है जिन्हें पिल्स निगलने में परेशानी होती है या जो पारंपरिक आयरन सप्लीमेंट का स्वाद नापसंद करते हैं। खाने में आसान होने के कारण gummies डेली इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर सकती है, जो आयरन की कमी को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है।

कैसे Iron Gummies से आयरन की कमी पूरी हो सकती है?

आयरन गमीज़ आमतौर पर पेट पर कोमल होती हैं, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइड इफेक्ट का खतरा कम हो जाता है जो कभी-कभी आयरन सप्लीमेंट के अन्य रूपों के साथ हो सकता है। यह उन्हें संवेदनशील पेट वाले या अन्य लौह अनुपूरकों से असुविधा का अनुभव करने वाले लोगों के लिए अधिक आरामदायक विकल्प बनाता है।

GYTREE की गमीज़

भारत में अभी आयरन गमीज़ के बहुत कम विकल्प हैं।  सबसे लोकप्रिय यह है कि Gytree की आयरन गमीज़ SunActive® Fe से बनाई जाती हैं, जो जापान से प्राप्त आयरन का एक माइक्रोनाइज्ड और अत्यधिक जैवउपलब्ध रूप है। सनएक्टिव घटक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध है और डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा अनुमोदित है।

GYTREE में प्रोडक्ट ग्रोथ की प्रमुख स्वेरीना शॉ कहती हैं, "हमारी आयरन गमीज़ अत्यधिक माइक्रोनाइज्ड आयरन से बनी होती हैं, जो एक नवीन फॉस्फोलिपिड कोटिंग में समाहित होती है। "यह छोटा आकार अधिकतम अवशोषण सुनिश्चित करता है और कोटिंग सुनिश्चित करती है कि SunActive® Fe को आंत की कोशिकाओं द्वारा ग्रहण किया जाता है। अनिवार्य रूप से अधिकतम अवशोषण = थकान कम करने और प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए तेज़ परिणाम।"

आइए समझते हैं आयरन गमीज़ के फायदे (Benefits Of Iron Gummies)

आयरन गमीज़ आपके रोजाना आयरन सेवन को पूरा करने का एक सुविधाजनक और स्वादिष्ट तरीका है। आयरन गमीज़ उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होती हैं जिन्हें पिल्स निगलने में कठिनाई होती है। इसका सुखद स्वाद और चबाने योग्य रूप इसे दैनिक दिनचर्या में शामिल करना आसान बनाता है।

कब्ज़ नहीं होता

कुछ आयरन सप्लीमेंट्स के विपरीत, आयरन गमीज़ से कब्ज या मतली जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइड इफेक्ट होने की संभावना कम होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनमें अक्सर आयरन का एक रूप होता है जिसे अवशोषित करना आसान होता है और पेट पर कोमल होता है।

शाकाहारियों या वीगन लोगों अच्छा ऑप्शन (Beneficial Supplement For Vegetarians or Vegans)

आयरन गमीज़ शाकाहारियों या वीगन लोगों के लिए भी एक फायदेमंद पूरक हो सकती हैं, जो अकेले डायट के माध्यम से अपनी रोजाना आयरन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है कि इन लोगों को इस आवश्यक खनिज की आवश्यक मात्रा प्राप्त हो।

कॉग्निटिव फंक्शन और एकाग्रता में सुधार (Help To Prevent Cognitive Impairments)

कॉग्निटिव फंक्शन और एकाग्रता में सुधार के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। दिमाग के विकास और कार्य के लिए आयरन आवश्यक है, और इसकी कमी से कॉग्निटिव हानि हो सकती है। आयरन गमीज़ की पूर्ति से इन समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है।

हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हालांकि आयरन गमीज़ दैनिक आयरन आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन उन्हें आयरन से भरपूर संतुलित आहार का स्थान नहीं लेना चाहिए।  उनका उद्देश्य आहार सेवन को पूरक करना है, उसका विकल्प नहीं।  किसी भी नए पूरक आहार को शुरू करने से पहले हमेशा एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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Rajveer KaurMon, 18 Mar 2024 16:00:38 +053042836324283632
<![CDATA[जानिए Sexual Health Education क्यों है जरूरी? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/importance-of-sexual-health-education-4357380

Importance of sexual health education: सेक्सुअल हैल्थ एजुकेशन एक ऐसा मुद्दा है जिसपर बात करना समाज को गंभीरता से लेना चाहिए। यह न केवल एक व्यक्ति की स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है। सेक्सुअल हैल्थ एजुकेशन का महत्व इसलिए है क्योंकि यह लोगों को स्वस्थ और सुरक्षित जीवनशैली के लिए आवश्यक जानकरी प्रदान करती है। यह उन्हें सही और समझदार निर्णय लेने में मदद करता है और समाज में सेक्सुअल हैल्थ के टॉपिक पर कम्युनिकेशन को बढ़ाता है। सेक्सुअल हैल्थ एजुकेशन के महत्व को समझने के लिए हमें इसके विभिन्न पहलुओं पर गौर करना आवश्यक है। 

सेक्सुअल हैल्थ एजुकेशन का महत्व

पहला महत्वपूर्ण कारण है कि सेक्सुअल हैल्थ एजुकेशन लोगों को सही और लाभदायक जानकारी प्रदान करती है। अधिकांश लोगों के पास सेक्सुअल हैल्थ के बारे में गलत धारणाएं होती हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। सेक्सुअल हैल्थ एजुकेशन के माध्यम से लोग सही जानकारी प्राप्त करते हैं और सेक्सुअल स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को समझते हैं, जिससे उनकी जीवनशैली स्वस्थ और सुरक्षित रहती है। 

दूसरा महत्वपूर्ण कारण है कि सेक्सुअल हैल्थ एजुएक्शन लोगों को सही और समझदार निर्णय लेने में मदद करती है। सही जानकारी के अभाव में, लोग गलत निर्णय ले सकते हैं, जो उनके स्वास्थ्य और समाजिक जीवन को प्रभावित करता है। कई लोग सेक्सुअल हैल्थ से अज्ञात होते हैं और अंधविश्वास की ओर बड़ जाते हैं। बच्चा नहीं हो पा रहा है तो डॉक्टर के बजाय तांत्रिक बाबा के पास जायेंगे, सेक्स के दौरान अच्छा स्टैमिना मेंटेन नही हो पा रहा है तो बंगाली बाबा के पास जायेंगे। ऐसे कई उदाहरण आपने अपने आस पास हर रोज देखते होंगे। इस तरह की गलतफहमियों को समाज से दूर करना जरूरी है जिससे सभी का जीवन उत्तम और सुरक्षित रहे। 

तीसरा महत्वपूर्ण कारण है कि सेक्सुअल हैल्थ एजुकेशन समाज में लोगों के बीच कम्युनिकेशन को बढ़ावा देती है। जब लोग सही जानकारी प्राप्त करते हैं, तो वे अपनी समयस्याओं के बारे में खुल के और समझदारी से चर्चा कर सकते हैं। ऐसा करने से समाज में जानकारी और जागरूकता का स्तर बढ़ता है। सेक्सुअल हैल्थ एजुकेशन समाज में संबंधों को मजबूत और भरोसेमंद बनाती है, जो एक स्वस्थ और समृद्ध समाज के लिए आवश्यक है। 

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Mon, 18 Mar 2024 15:40:38 +053042835734283573
<![CDATA[FIITJEE के नए विज्ञापन से सोशल मीडिया पर मचा बवाल, देखें क्या प्रतिक्रिया दी यूजर्स ने ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/fiitjees-new-advertisement-creates-uproar-on-social-media-4362912

FIITJEEs New Advertisement Creates Uproar On Social Media: मशहूर कोचिंग संस्थान FIITJEE द्वारा दिया गया एक विवादास्पद विज्ञापन एक प्रमुख अखबार के पहले पन्ने पर प्रमुखता से लगाया गया था। विचाराधीन विज्ञापन ने अपने विवादास्पद कंटेंट के कारण आक्रोश फैलाया, जिसमें कथित तौर पर एक पूर्व छात्र को अपमानित किया गया था जिसने अपने शैक्षणिक प्रयासों को कहीं और करने का विकल्प चुना था।

FIITJEE के नए विज्ञापन से सोशल मीडिया पर मचा बवाल, देखें क्या प्रतिक्रिया दी यूजर्स ने

विचाराधीन विज्ञापन एक पूर्व छात्र पर केंद्रित है, जिसने FIITJEE के अनुसार, दूसरे कोचिंग संस्थान में स्थानांतरित होने के बाद प्रदर्शन में गिरावट का अनुभव किया था। इसमें दावा किया गया है कि अगर छात्रा फिटजी के साथ रहती, तो वह जेईई-मेन्स 2024 परीक्षा में पूर्ण 100 एनटीए स्कोर हासिल कर सकती थी, न कि उसके जाने के बाद प्राप्त कथित रूप से कम 99.99 स्कोर। इसके अलावा, FIITJEE का विज्ञापन प्रतिद्वंद्वी कोचिंग संस्थान को "आत्महत्याओं के इतिहास के साथ कोटा (अब दिल्ली में) का EVIL संस्थान" के रूप में लेबल करने के लिए गिर गया है, इसकी विश्वसनीयता को कम करने के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है।

जनता का आक्रोश

विज्ञापन की उग्र प्रकृति के कारण विभिन्न जगहों से तीव्र निंदा का सामना करना पड़ रहा है, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सार्वजनिक आक्रोश के लिए माध्यम के रूप में काम कर रहे हैं। भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी, कात्यायनी संजय भाटिया ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन की निंदा करते हुए इसे "विज्ञापनों में नया निम्न स्तर" बताया।

भाटिया की भावनाएं व्यापक रूप से प्रतिध्वनित हुईं, क्योंकि उन्होंने फिटजी के विज्ञापन से उपजे मौलिक आक्रोश को व्यक्त किया। भाटिया ने स्पष्टता से कहा कि किसी भी संस्थान को अपनी कथित श्रेष्ठता को बढ़ाने के लिए छात्रों को शर्मिंदा करने का सहारा नहीं लेना चाहिए। इस तरह की अपमानजनक रणनीति अपनाकर, FIITJEE न केवल अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल करता है, बल्कि शैक्षणिक दबाव और अनुचित दबाव की संस्कृति को भी कायम रखता है।

शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से हस्तक्षेप करने का आग्रह करके, भाटिया उन कई लोगों की भावनाओं को व्यक्त करती हैं जो ऐसे विज्ञापनों को प्रणालीगत कदाचार की अभिव्यक्ति के रूप में देखते हैं जो तत्काल निवारण की मांग कर रही हैं।

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Priya Singh Mon, 18 Mar 2024 15:35:18 +053042835514283551
<![CDATA[महिलाओं को रात में नींद न आने के क्या कारण हो सकते हैं? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/lifestyle/sleep-disturbance-at-night-4357571 ]]>Rajveer KaurMon, 18 Mar 2024 15:20:38 +053042834984283498<![CDATA[UPSC की तैयारी के दौरान रखें इन बातों का ख्याल ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/upsc-exam-preparation-tips

Exam Tips: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) इसमें कोई शक की बात नहीं कि यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करना मुश्किल होता है। यह एक सेंट्रल बेस्ड एग्जामिनेशन है जिसके 3 चरण होते हैं। पहला चरण होता है प्री एग्जाम फिर मेन एग्जाम और उसके बाद इंटरव्यू। तीनों पड़ाव को पार करने के बाद फाइनल रैंकिंग होती है जिसमें कैंडिडेट को चयनित किया जाता है। कई कैंडिडेट सालों से यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं वह सब अपनी सोशल लाइफ छोड़कर केवल अपनी तैयारी पर ध्यान देते हैं। कई बार कई सालों तक तैयारी करने के बाद भी परिणाम नहीं मिलता। ऐसा क्यों होता है? तैयारी के दौरान हम कुछ ऐसी गलतियों को बार-बार दोहराते हैं जिनकी वजह से हमें पूर्ण परिणाम नहीं मिलता। आप भी यदि यूपीएससी या किसी भी तरह की सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो यह टिप्स एग्जाम की तैयारी करने में मदद कर सकती हैं।

यूपीएससी की तैयारी के दौरान रखें इन बातों का ख्याल

1. रिसर्च करें

कैंडिडेट तैयारी पहले से शुरू कर देते हैं वजाये एग्जाम के बारे में जानने के। किसी भी एग्जाम को प्रिपेयर करने से पहले उस एग्जाम के बारे में नॉलेज होना जरूरी है। इसलिए पहला पड़ाव है कि आप उस एग्जाम के बारे में सर्च करें और पूरी जानकारी लें।

2. सिलेबस समझे

किसी भी एग्जाम की तैयारी करने से पहले सबसे महत्वपूर्ण है कि आप उसके सिलेबस के बारे में समझें। सिलेबस को अलग-अलग भागों में बाटें और उसी के हिसाब से अपनी पढ़ाई करना शुरू करें।

3. शेड्यूल बनाएं

किसी भी कार्य शुरू करने से पहले अपने अंदर डिसिप्लिन लाना बहुत जरूरी है। अपने एग्जाम के लिए नियमित सेड्यूल बनाएं अपनी पढ़ाई को दिन के तीन भागों में बाटें। पढाई के बीच में खुद के लिए भी समय निकालें।

4. पढ़ाई को एनालाइज करें

केवल पढ़ना ही अतिरिक्त नहीं है। आपको समय-समय पर अपनी पढ़ाई को एनालाइज भी करना चाहिए। जिसके लिए आप प्रतिदिन 2 से 3 सैंपल पेपर सॉल्व कर सकते हैं।

5. कोचिंग ले

आपके पास यदि दिशा नहीं है नहीं तो आप एक सही राह पर नहीं चल सकते। कुछ लोग सेल्फ स्टडी करते हैं लेकिन एक सही कोचिंग आपको बेहतरीन दिशा दिखा सकती है।

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Vaishali GargMon, 18 Mar 2024 15:18:05 +0530505679505679
<![CDATA[कौन हैं श्रेयंका पाटिल? RCB की उभरती हुई खिलाड़ी ]]>https://hindi.shethepeople.tv/topstories/who-is-shreyanka-patil-4362835

Shreyanka Patil : रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2024 का खिता जीतकर इतिहास रचा दिया। इस जीत की अगुवाई करने वाली गेंदबाज रहीं युवा खिलाड़ी श्रेयंका पाटिल, जिन्हें उभरती हुई खिलाड़ी का खिता भी दिया गया।

कौन हैं श्रेयंका पाटिल? RCB की उभरती हुई खिलाड़ी 

फैन से चैंपियन तक का सफर

कर्नाटक की युवा क्रिकेटर श्रेयंका पाटिल ने महिला प्रीमियर लीग (WPL) 2024 में अपनी टीम RCB को जीत दिलाकर अपनी पहचान बनाई है। बचपन से ही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की फैन रहीं श्रेयंका का इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) देखने से लेकर WPL में RCB के साथ चैंपियन बनने का सफर वाकई प्रेरणादायक है।

फाइनल में, पाटिल ने दिल्ली कैपिटल्स (DC) को 113 रन पर ऑलआउट कर दिया। उन्होंने फाइनल में 4 विकेट लेकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा और मात्र 21 वर्ष की उम्र में उभरती हुई खिलाड़ी का खिता अपने नाम किया। 

21 वर्षीय दाएं हाथ की ऑफ ब्रेक गेंदबाज और ऑलराउंडर श्रेयंका पाटिल ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत कर्नाटक की अंडर-16 टीम से की थी। उन्होंने 2023 में टी20 एशिया कप में इंग्लैंड के खिलाफ राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में पदार्पण किया था।

ऑलराउंडर प्रतिभा

दाएं हाथ से बल्लेबाजी करने वाली और दाएं हाथ से ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करने वाली श्रेयंका पाटिल RCB की टीम को बहुमुखी प्रतिभा प्रदान करती हैं। उनकी प्रतिभा का जलवा उद्घाटन WPL सीजन में ही खूब निकला, जहां वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं और उन्हें प्रतिष्ठित पर्पल कैप मिली। आठ मैचों में उनके 13 विकेटों ने RCB की चैंपियन बनने की राह में अहम भूमिका निभाई।

लेकिन पाटिल का क्रिकेट कौशल सिर्फ WPL तक ही सीमित नहीं है। वह कर्नाटक के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ी रही हैं। उन्होंने 2019 में कर्नाटक की टीम में पदार्पण किया था। 2022-23 महिला सीनियर वन डे ट्रॉफी में, वह दूसरी सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं, जिससे घरेलू स्तर पर उनकी प्रतिभा का पता चलता है।

श्रेयंका पाटिल ने जून 2023 में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया, जब उन्हें 2023 एसीसी महिला टी20 इमर्जिंग टीम्स एशिया कप में खेलने के लिए बुलाया गया, जहां उन्होंने पहले ही शानदार प्रदर्शन करते हुए टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल सीरीज के साथ अपना वास्तविक अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और बाद में 2023 के दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला वन डे इंटरनेशनल (WODI) टूर्नामेंट में भी खेलीं। पाटिल ने 2023 में विमेंस कैरेबियन प्रीमियर लीग में भी गुयाना अमेज़ॅन वॉरियर्स की टीम में खेला, जहां वह एक बार फिर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं।

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Vaishali GargMon, 18 Mar 2024 15:15:50 +053042834874283487
<![CDATA[Holi Special: होली के दौरान घर पर बनाएं ये खास चीजें ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/make-these-special-things-at-home-during-holi-4362571 ]]>Priya Singh Mon, 18 Mar 2024 15:00:38 +053042834314283431<![CDATA[मिलिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कैप्टन कूल Smriti Mandhana से ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/meet-smriti-mandhana-captain-cool-of-royal-challengers-bangalore-4362792

Meet Smriti Mandhana Captain Cool Of Royal Challengers Bangalore (RCB): 17 मार्च को रोमांचक महिला प्रीमियर लीग 2024 के फाइनल मैच में, रॉयल चैलेंजर की बैंगलोर ने दिल्ली कैपिटल्स को आठ विकेट से हराकर अपनी पहली जीत हासिल की। स्मृति मंधाना की अगुवाई वाली टीम ने न केवल महिला टीम के लिए बल्कि सभी लीगों में इतिहास रचा। चैंपियन टीम की कप्तान मंधाना ने मैच के बाद प्रेस मीट में कहा, "यह भावना अभी तक खत्म नहीं हुई है, शायद इसमें समय लगेगा।" "इस समय बहुत सारी अभिव्यक्तियाँ सामने लाना कठिन है। केवल एक चीज जो मैं कहना चाहती हूँ वह यह है कि मुझे इस ग्रुप पर कितना गर्व है। हम उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं, जिस तरह से वे एक साथ रहे और हमें बाहर निकाला लाइन देखना अद्भुत था।"

मीडिया से बात करते हुए ऑरेंज कैप विजेता एलिसे पेरी और कोच ल्यूक विलियम्स ने आरसीबी की ऐतिहासिक जीत के लिए मंधाना की शांत भावना को श्रेय दिया। इस सीज़न के उतार-चढ़ाव के दौरान, टीम ने फाइनल में दिल्ली कैपिटल्स को हराने के लिए उनके संयम पर भरोसा किया।

मिलिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कैप्टन कूल स्मृति मंधाना से

'ई साला कप नमदु!' (इस बार कप हमारा है), 17 साल में पहली बार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के प्रशंसक चिल्लाए, क्योंकि स्मृति मंधाना की टीम ने जीत की राह बनाई। सीज़न में कप्तान की संयमशीलता चमकी, जो उनके शानदार क्रिकेट करियर के सबसे बड़े क्षणों में से एक थी।

चेन्नई में जन्मी और महाराष्ट्र के सांगली में पली-बढ़ीं मंधाना केवल नौ साल की थीं जब उन्हें राज्य अंडर-15 टीम के लिए चुना गया था। क्रिकेट के प्रति उनका जुनून अपने भाई श्रवण को अंडर-16 टूर्नामेंट में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए देखने से आया। जब वह 17 साल की थीं, तब मंधाना 2013 में एक दिवसीय खेल में दोहरा शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। गुजरात के खिलाफ खेलते हुए, उन्होंने वडोदरा में वेस्ट ज़ोन अंडर -19 टूर्नामेंट में 150 गेंदों पर नाबाद 224 रन बनाए।

2014 में, मंधाना ने इंग्लैंड में अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया, जिससे भारत को टेस्ट मैच में घरेलू टीम को हराने में मदद मिली। 2016 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दूसरे वनडे मैच में मंधाना ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक बनाया। वह उस टूर्नामेंट में ICC महिला टीम में नामित होने वाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी के रूप में उभरीं। उसी वर्ष, मंधाना ने तीन अर्धशतक भी बनाए और महिला चैलेंजर ट्रॉफी में शीर्ष स्कोरर बनकर उभरीं।

जून 2018 में, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें बीसीसीआई पुरस्कारों में 'सर्वश्रेष्ठ महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर' से सम्मानित किया। मई 2019 में, उन्होंने CEAT इंटरनेशनल क्रिकेट अवार्ड्स में इंटरनेशनल वुमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता। आईसीसी ने उन्हें वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर के लिए राचेल हेहो-फ्लिंट पुरस्कार से सम्मानित किया। मंधाना ने अपने पूरे करियर में इतिहास रचते हुए और रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक प्रभावशाली रिकॉर्ड बनाए रखा है।

इससे उन्हें महिला प्रीमियर लीग 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए कप्तान का खिताब हासिल करने में मदद मिली। 11 मार्च को आरसीबी की जीत के बाद मंधाना ने कहा, "एक चीज जो मैंने सीखी है वह है खुद पर विश्वास करना।" मुझमें कमी थी। पिछले साल जब यह गलत हुआ, तो मुझे खुद पर संदेह हुआ। वह आंतरिक रूप से एक वास्तविक बातचीत थी और मुझे खुद पर भरोसा बनाए रखने की जरूरत है। यह मेरे लिए सबसे बड़ी सीख थी।"

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Priya Singh Mon, 18 Mar 2024 14:59:35 +053042834264283426
<![CDATA[क्या 30-40 की उम्र के बाद मां बनना संभव है? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/sehat/can-women-become-mothers-after-40-4362568

Can Women Become Mothers After 30-40? आजकल की महिलाएं करियर और आर्थिक स्वतंत्रता को प्राथमिकता दे रही हैं। कई बार इस वजह से मां बनने की उम्र 30 या 40 के पार चली जाती है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या 30-40 की उम्र के बाद मां बनना संभव है? इसका जवाब है - हाँ, बिल्कुल संभव है! हालांकि, यह उम्र बढ़ने के साथ थोड़ा जटिल जरूर हो जाता है।

30-40 की उम्र के बाद मां बनना: क्या यह संभव है?

उम्र बढ़ने का प्रजनन क्षमता पर प्रभाव (Impact of Age on Fertility)

यह सच है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता (fertility) कम हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अंडाशय (ovaries) में अंडों (eggs) की संख्या और गुणवत्ता कम होने लगती है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का खतरा भी थोड़ा बढ़ सकता है।

30-40 की उम्र में मां बनने की संभावनाएं (Chances of Becoming Mother in 30s and 40s)

30 की उम्र के आसपास, महिलाओं में प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की क्षमता अभी भी काफी अच्छी होती है। लेकिन 40 की उम्र के बाद यह संभावना कम हो जाती है. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि मां बनना असंभव है। आजकल चिकित्सा विज्ञान की मदद से इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से गर्भधारण की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।

स्वस्थ गर्भावस्था के लिए जरूरी कदम (Steps for a Healthy Pregnancy)

अगर आप 30-40 की उम्र में मां बनने की योजना बना रही हैं, तो कुछ सावधानियां और तैयारी जरूरी है:

डॉक्टर से परामर्श लें (Consult a Doctor): गर्भधारण से पहले डॉक्टर से परामर्श लें और उनकी सलाह लें।

पूर्व-गर्भधारण जांच (Preconception Checkup): पूर्व-गर्भधारण जांच करवाएं ताकि किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या का पता चल सके।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं (Healthy Lifestyle): पौष्टिक आहार लें, नियमित व्यायाम करें और तनावमुक्त रहने का प्रयास करें।

विटामिन की खुराक लें (Prenatal Vitamins): डॉक्टर की सलाह पर प्रसवपूर्व विटामिन की खुराक लें।

30-40 की उम्र में मां बनना एकदम संभव है। हालांकि, उचित तैयारी, स्वस्थ जीवनशैली और डॉक्टरी सलाह जरूरी है। अगर आप सही राह चुनती हैं और सावधानी बरतती हैं, तो आप इस खूबसूरत सफर का आनंद ले सकती हैं और एक स्वस्थ गर्भावस्था के बाद मां बनने का सपना पूरा कर सकती हैं।

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Vaishali GargMon, 18 Mar 2024 14:41:18 +053042832344283234
<![CDATA[क्या आपका बच्चा है Slow Learner? ये हो सकतें हैं कारण ]]>https://hindi.shethepeople.tv/revolutionist/reasons-why-a-kid-is-a-slow-learner-4358560 ]]>Shruti Mon, 18 Mar 2024 14:40:38 +053042833704283370<![CDATA[Pregnant Women Hair loss: क्या आपके बाल प्रेगनेंसी के दौरान झड़ रहे हैं? जानिए इसके कारण ]]>https://hindi.shethepeople.tv/motherhood/hairfall-reasons-during-pregnancy-4351701

Hairfall Reasons During Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई प्रकार के बदलाव आते हैं जैसे शारीरिक बदलाव, हार्मोनल बदलाव, पोषण की जरूरत, शिशु के विकास आदि। इन सभी बदलाव का असर उनके बालों पर भी पड़ सकता है। बालों का झड़ना, रूखापन, बेजान होना, रूसी सब इसके प्रभाव हो सकते है। अधिकतर महिलाएं गर्भावस्था के बाद इस समस्या से बाहर आ जाती हैं।

आपके बाल प्रेगनेंसी के दौरान झड़ रहे हैं जानिए इसके कारण

1. खराब पोषण

गर्भावस्था के दौरान बालों के झड़ना का कारण खराब पोषण हो सकता है। गर्भावस्था में मां की शारीरिक जरूरतों में बढ़त होती है और अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अगर मां के आहार में सही और भरपूर पोषण नहीं है, तो वह उनके बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और बालों का झड़ना हो सकता है। 

2. बीमारियां

गर्भावस्था में बालों के झड़ना का कारण बीमारियाँ भी हो सकती हैं। कुछ गंभीर बीमारियाँ, जैसे कि थायराइड रोग, विटामिन और मिनरल की कमी, आदि बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।

3. हार्मोनल चेंज

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन एक मुख्य कारण हो सकता है बालों के झड़ने का। ऐसे समय में हार्मोन्स के परिवर्तन से शरीर के अंदर अधिक और अलग-अलग प्रकार के हार्मोन्स पैदा होते हैं। इसकी वजह से कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है। यह झड़ना गर्भावस्था के बाद अक्सर खुद ही सही हो जाता है। 

4. जेनेटिक

गर्भावस्था में बालों के झड़ने का कारण जेनेटिक भी हो सकता है। यदि किसी महिला के परिवार में किसी महिला को प्रेगनेंसी के समय में ही बालों के झड़ने की समस्या रही होगी तो बहुत मुमकिन है कि वह खुद भी गर्भावस्था के दौरान इस समस्या का सामना कर सकती है। ऐसा होना स्वाभाविक है।   

5. Pcod/ pcos

PCOS या PCOD गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं और इससे बालों का झड़ना हो सकता है। इस बीमारी में अधिकतर महिलाओं के ovaries में हॉर्मोनल इम्बैलेंस होता है, जिससे उसमे से इर्रेगुलर तरीके से अंडे निकलते हैं। 

6. स्ट्रेस

स्ट्रेस एक मुख्य कारण हो सकता है बालों के झड़ने का। गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं को हार्मोन्स में बदलाव, शारीरिक परिवर्तन और मानसिक चिंता का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। स्ट्रेस के कारण बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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Mon, 18 Mar 2024 14:20:38 +053042833234283323
<![CDATA[ओटीटी पर मौजूद Sanya Malhotra की ये फ़िल्में जरूर देखें ]]>https://hindi.shethepeople.tv/bollywood/must-watch-these-movies-of-sanya-malhotra-available-on-ott-4353798

Sanya Malhotra Movies: बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री हैं सान्या मल्होत्रा, इन्होंने कम उम्र में ही बॉलीवुड में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। अपने दम पर इंडस्ट्री में सान्या मल्होत्रा ने बनाई है अपनी पहचान, इनके लिए यहां तक पहुंच पाना आसान नहीं था सफलता हासिल करने के लिए कई कठनाइयों को पार करना पड़ा साल 2016 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुवात की थी। चलिए आज जानते हैं ओटीटी पर मौजूद सान्या मल्होत्रा की ये मूवी जो आपको जरूर देखनी चाहिए।

ओटीटी पर मौजूद सानिया मल्होत्रा की ये मूवी जरूर देखें

दंगल

सान्या मल्होत्रा को अपनी पहली फिल्म बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता आमिर खान के साथ काम करने का मौका मिला, सान्या ने सुपरहिट फिल्म दंगल से अपना डेब्यू किया उनकी एक्टिंग की काफी तारीफ हुई थी। दंगल एक बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स ड्रामा थी आगर अपने नही देखी तो देखें। ये ओटीटी प्लेटफार्म अमेजन प्राइम पर है।

कटहल

ये फिल्म हंसाते हुए कुछ ज़रूरी मुद्दों पर बात करती है, इस फिल्म में सान्या मल्होत्रा इस तरह के जोनर की मास्टर बनती जा रही है। कॉमेडी रोल में अपनी परफेक्शन दिखाती हुई अभिनेत्री ने धमाल मचाया था ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर है आप भी इसे देखे ये फिल्म चेहरे पर मुस्कान बिखेरती है।

पगलैट

इस फिल्म को उमेश बिष्ट ने डायरेक्ट किया है, रिश्तों का ताना बाना और पारिवारिक राजनीति को उन्होंने अच्छी तरह से पेश किया है। सान्या मल्होत्रा ने अपना किरदार बखूबी निभाया है और अपने फैंस को हमेशा की तरह अपनी एक्टिंग से खुश किया है। इस फिल्म में मौजूद हर कलाकार ने अपने अभिनय से कहानी को अच्छे से दर्शाया है। ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर है और ये आपको जरूर देखनी चाहिए।

लव हॉस्टल

इस फिल्म में सान्या ने अपने किरदार को भरपूर जिया है और इसमें जान डाल दी है। विक्रांत मैस्सी और सान्या मल्होत्रा दोनों एक साथ इस मूवी में क्यूट कपल नजर आ रहे हैं। ये फिल्म बहुत छोटी है और एक बार में ही देखी जा सकती है। ये फिल्म zee5 पर है आप इसे देख सकते हैं।

पटाखा

ये बड़ी ही कॉमेडी फिल्म है, इस फिल्म को आप अपनी बहन के साथ देखेंगे तो आप ज़्यादा एंजॉय कर पाएंगे। इसमें सान्या मल्होत्रा राधिका मदान के साथ नज़र आती है और दोनों ने ही अपने किरदार को सही ढंग से निभाया है। सान्या मल्होत्रा की ये तीसरी फिल्म थी और इसमें उनका किरदार देख कर ये अंदाज़ा नही लगाया जा सकता। ये अमेजन प्राइम पर है आप इस फिल्म को ज़रूर देखें।

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Mon, 18 Mar 2024 14:00:38 +053042832814283281
<![CDATA[Yami Gautam Movies: यामी गौतम की ये 5 मूवी ज़रूर देखें ]]>https://hindi.shethepeople.tv/bollywood/must-watch-these-5-movies-of-yami-gautam-4357024

Yami Gautam Movies: यामी गौतम बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक है, यामी गौतम ने चांद के पार टीवी सीरियल से अपने एक्टिंग करियर की शुरुवात की थी। फिर साउथ का रुख लिया, लेकिन बॉलीवुड में साल 2012 में आई कॉमेडी फिल्म विक्की डोनर से पॉपुलैरिटी हासिल की। इसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा और लगातार कई फिल्मों में नज़र आई। आइये आज यामी की कुछ बेहतरीन मूवी के बारे में बताएं जो आपको जरूर देखनी चाहिए।

यामी गौतम की ये 5 मूवी ज़रूर देखें

आर्टिकल 370

ये फिल्म फरवरी 2024 में रिलीज़ हुई है और इन दिनों यामी गौतम इस फिल्म को लेकर काफी चर्चा में भी है उनके एक्टिंग स्किल्स को लेकर। वही ये फिल्म चर्चा में इसलिए भी है क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू में एक स्पीच में इसका जिक्र किया और कहा की इससे लोगों को सही जानकारी मिलने में मदद होगी, ये आपको ज़रूर देखनी चाहिए।

चोर निकल के भागा

ये फिल्म साल 2023 में रिलीज़ हुई, इसमें यामी के साथ सनी कौशल भी नजर आते हैं। इसको डायरेक्ट अजय सिंह ने किया था और ये डकैती पर बेस्ड एक थ्रिलर फिल्म हैं। जबरदस्त हिट ये फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म पर मौजूद है इस फिल्म के सेकंड हाफ में आपको यामी की बेहतरीन एक्टिंग देखने का मौका मिलेगा।

दसवीं

दसवीं साल 2022 में रिलीज़ हुई थी ये एक सोशल कॉमेडी मूवी है, इसे तुषार जलोटा ने डायरेक्ट किया है। इस में यामी के साथ अभिषेक बच्चन और निमरत कौर भी नज़र हैं ये फिल्म काफी इंटरस्टिंग है और इसमें यामी ने एक आईपीएस ऑफिसर का दमदार रोल निभाया है।

ए थर्सडे

साल 2022 में रिलीज़ हुई और इसमें यामी के साथ आपको डिंपल कपाड़िया, नेहा धूपिया, करणवीर शर्मा, अतुल कुलकर्णी भी नज़र आयेंगे। ये एक थ्रिलर मूवी हैं। कहानी एक स्कूल टीचर के आस पास घूमती है, जिसमें वो 16 बच्चों को बंधक बना लेती हैं और मांग क्या रखती है? इसके लिए तो आपको मूवी देखनी ही पड़ेगी।

लॉस्ट

यामी गौतम इस फिल्म की जान हैं पूरी फिल्म उन्हीं के कंधो पर है ये 2022 में रिलीज़ हुई थी इसमें यामी के साथ पंकज कपूर, राहुल खन्ना भी नजर आते हैं। ये एक इमोशनल थ्रिलर फिल्म है, फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म पर मौजूद है आप आसानी से देख सकते हैं।

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Mon, 18 Mar 2024 13:40:38 +053042832404283240
<![CDATA[Weight Loss: ये 5 संकेत मिलें तो समझ जाएं वेट घटाने की कोशिश जा रही है बेकार ]]>https://hindi.shethepeople.tv/lifestyle/if-you-get-these-5-signs-then-understand-that-your-efforts-to-loose-are-going-in-vain-4357086

Weight Loss: मोटापा बढ़ने से हर कोई परेशान हो जाता हैं और ये एक समस्या बन गई हैं। आपने शायद ही किसी को ये कहते हुए सुना होगा कि मुझे अपना वजन बढ़ाना है, वही घटाने के बारे में आपने कई लोगों को बात करते हुए सुना होगा। वजन बढ़ जाने के कई कारण हो सकते हैं जैसे खराब लाइफस्टाइल‌, स्ट्रेस, गलत डाइट और फिजिकल एक्टिविटी न करना यही वजह होती है जिससे वजन तेज़ी से बढ़ता है। वजन बढ़ने से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता है जैसे ब्लड प्रेशर, हार्ट रिलेटेड और डायबिटीज। हर कोई अपने वजन को कम करना चाहता है और इसके लिए घंटो जिम में पसीना बहाने के साथ ही कई तरह की डाइट करते हैं। लेकिन कई कोशिशों के बाद भी वजन नहीं घटता, आज हम आपको कुछ ऐसे संकेत बताएंगे जिन्हें जानकर ये आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपका डाइट प्लान कम नहीं कर रहा और आपकी कोशिशें बेकार जा रहीं हैं चलिए जानें।

ये 5 संकेत मिलें तो समझ जाएं वेट घटाने की कोशिश जा रही है बेकार

क्रेविंग्स का बढ़ना

वजन कम करने के लिए आप डाइट प्लान फॉलो करते हैं अगर डाइट को फॉलो करते समय क्रेविंग्स बढ़ने लगे तो ये लक्षण हैं कि आपकी डाइट काम नहीं कर रही है। ऐसे में आप डाइट को फॉलो करते समय सब्जियों के साथ संतुलित खाने को भी शामिल कर सकते हैं। इससे वजन कम होगा और पेट भी लंबे समय तक भरा लगेगा।

एनर्जी का कम होना

आप डाइट फॉलो कर रहे हैं और फिर भी आपको जल्दी थकान या शरीर में एनर्जी लेवल हमेशा कम रहता है, तो ये संकेत है कि आपका वजन घटाने का प्लान फेल हो रहा है। शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है इसके लिए आप सही मात्रा में खाना खाएं और हेल्दी डाइट भी लें सिर्फ एक प्लान से कुछ नहीं होगा।

शरीर में कोई चेंज नज़र ना आना

जब आप एक डाइट लेते हैं और एक्सरसाइज भी करते हैं तो आपके शरीर में बदलाव आ ही जाता है। अगर तब भी आपके शरीर में कोई बदलाव नजर नही आ रहा तो ये संकेत है कि आपको अपने वर्कआउट रूटीन में बदलाव करना चाहिए। कई बार एक ही वर्कआउट रूटीन फॉलो करने से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जो वजन कम नही होने देता।

पाचन तंत्र सही रहने में दिक्कत

डाइट प्लान को फॉलो करते टाइम अगर आपको गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या ज्यादा होने लगे तो ये संकेत है कि आपका वजन घटाने का प्लान फेल हो रहा है। कई बार खाने में फाइबर की कमी से ऐसा होता है तो ये ज़रूरी है कि आप फल, सब्जियों और साबुत अनाज को ज्यादा मात्रा में सेवन करें।

उत्साह का कम होना

डाइट प्लान को फॉलो करते समय अगर आपका उत्साह कम हो रहा है, तो ये संकेत है कि आपको प्लान दुबारा जांचना चाहिए। एक्सपर्ट से बात कर आप डाइट प्लान में बदलाव ला सकते हैं और इसमें कामयाब भी हो सकते हैं इससे आपका मोटिवेशन भी बढ़ सकता हैं।

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Mon, 18 Mar 2024 13:20:38 +053042831884283188
<![CDATA[Marriage Tips: शादी के बाद न खोने दें अपनी पहचान ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/dont-lose-your-identity-after-marriage-4357135

Marriage Tips: समाज में शादीशुदा महिलाओं को एक व्यक्ति के बजाय किसी की पत्नी और किसी परिवार की बहू के रूप में देखना आम बात है। शादी लाइफ का सबसे बड़ा फैसला होता है, शादी के बाद परिवार, पति, नए रिश्ते और आने वाले समय की चिंता में महिलाएं कब खुद की पहचान को काफी पीछे छोड़ आती हैं ये उन्हें पता भी नही चलता। लेकिन एक वक्त के बाद ये आपको सबसे बड़ी गलती लग सकती है। शादी के बाद अपनी पहचान बनाएं रखने के कई तरीके हैं आइये जानें-

शादी के बाद न खोने दें अपनी पहचान

निजी फैसले खुद करें

ज़माना बदल रहा है, आज कल लोग प्राइवेसी की रिस्पेक्ट करते हैं फिर भी अगर कोई आपकी निजी जिंदगी के बारे में सवाल करे तो उस सवाल का जवाब देने के दबाव में बिल्कुल न आएं और किसी के सवालों से आप ज्यादा परेशान हो जाएं तो सीधे कहें कि आपको प्राइवेट लाइफ से जुड़ी बातें करना पसंद नही है। किसी के दबाव में कोई फैसला न करें और कोई बड़ा कदम न उठाएं जिससे आपकी लाइफ पर बड़ा असर पड़ सकता है।

सर नेम चेंज करना आपकी खुद की इच्छा है

शादी का मतलब हरगिज़ ये नही होता की आप किसी और के नाम से जानें जाएं, आपका खुद का सर नेम आपको बदलना है या नहीं ये आपकी खुद की इच्छा है। हमारे देश का कानून ऐसा नहीं कहता कि शादी के बाद लड़की का सर नेम बदलना ज़रूरी है। सर नेम अगर आप बदल चुके हैं तो ये नही सोचें कि अब आपका कोई अस्तित्व ही नही। भूले नहीं ये जिंदगी आपकी है और फैसला करने का अधिकार भी आपका।

घर में बराबर की हिस्सेदारी

घर में कोई भी दिक्कत आए या कार्यक्रम हो तो बराबरी से हिस्सा लेने का प्रयास करें। अगर आप जॉब करती हैं तो घर के खर्च में हेल्प करें और अपने पति से घर के काम में भी मदद करने को बोलें। परिवार को समझाएं कि किसी भी काम पर किसी का नाम नहीं लिखा होता है। लड़का और लड़की दोनों ही बराबरी से घर और बाहर का ध्यान रख सकते हैं।

पढ़ाई नही छोड़नी

कई बार लड़कियों की शादी जल्दी करवा दी जाती है ऐसे में वे अपना करियर नही बना पाती और कुछ तो अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाती। ऐसे में आप शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकती हैं क्योंकि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। जिंदगी में किस रास्ते पर आपको पढ़ाई की जरूरत पड़ जाएं ये आप सोच भी नहीं सकती। आप ऑनलाइन या डिस्टेंस एजुकेशन भी कर सकती हैं।

खुद का भी ख्याल रखें

कई बार महिलाएं घर में इतनी बिजी हो जाती हैं कि उन्हें अपने लिए कुछ करने का या नया कुछ सीखने का मौका ही नहीं मिलता। जितना परिवार का ख्याल रखना ज़रूरी है उतना ही जरूरी है कि आप खुद का भी ख्याल रखें। शादी के बाद अपने आप को भी समय दें और जिंदगी को खुल कर जिएं।

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Mon, 18 Mar 2024 13:00:38 +053042831374283137
<![CDATA[Female Body Infections: महिलाओं की सेहत पर प्रभाव डालने वाले STIs ]]>https://hindi.shethepeople.tv/sehat/common-stis-in-women-4357212

Common STIs In Women: स्त्री या पुरुष, किसी भी व्यक्ति में STIs होना सामान्य नहीं है। लेकिन ऐसा कहना सही होगा कि STIs में महिलाओं की विशेष आवश्यकताएं और चुनौतियां हो सकती हैं। इसके अलावा, इन्फेक्शन के साथ जुड़ी नकारात्मक सोच स्त्रियों की सेहत को और भी ज़्यादा प्रभावित कर सकती है। इसलिए, स्त्रियों को नियमित रूप से स्क्रीनिंग और टेस्टिंग कराना चाहिए। इससे उनकी सेहत के बारे में पता चल सकता है और सही समय पर इलाज भी हो सकता है।

महिलाओं की सेहत पर प्रभाव डालने वाले STIs 

1. Gonorrhoea (गोनोरिया)

गोनोरिया एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STI) है जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होता है। यह इन्फेक्शन मुख्य रूप से प्राइवेट पार्ट्स, गर्भाशय, गर्भाशय नलिका और गर्भाशय के बाहरी हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। गोनोरिया के लक्षण महिलाओं में गर्मी बढ़ना, पेशाब के दौरान दर्द या जलन, योनि से सफेद या हरा पानी निकलना या योनि के संक्रमण की अजीब स्मेल शामिल हो सकते हैं। यह इन्फेक्शन अगर नज़रंदाज़ किया जाता है, तो गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि गर्भाशय इन्फेक्शन या प्रेगनेंसी के संकट।

2. Chlamydia (क्लैमाइडिया)

यह इन्फेक्शन मुख्य रूप से योनि, गर्भाशय, गर्भाशय नलिका, गर्भाशय के बाहरी हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। क्लैमाइडिया के लक्षण महिलाओं में योनि से सफेद या हरा पानी निकलना, योनि या पेशाब के दौरान दर्द या जलन, पेट के निचले हिस्से में दर्द, प्राइवेट पार्ट्स में गंध शामिल हो सकते हैं। क्लैमाइडिया का समय पर नियंत्रण न किया जाए तो यह साथ ही गर्भाधान के दौरान परेशानी और पीड़ा का कारण बन सकता है। 

3. Genital herpes (जेनिटल हर्पीज़)

जेनिटल हर्पीज़ एक संक्रमण है जो हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) के कारण होता है। यह संक्रमण सामान्यतः संभोग के दौरान यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है। जेनिटल हर्पीज़ के लक्षण महिलाओं में योनि में जलन, या दर्द शामिल हो सकते हैं। आमतौर पर, ये लक्षण संक्रमण के बाद कुछ हफ्तों या महीनों तक दिखाई देते हैं, फिर गायब हो जाते हैं, लेकिन वायरस शरीर में सोता रहता है और समय-समय पर लौट सकता है। 

4. Chancroid (शैंक्रॉइड)

औरतों को शैंक्रॉइड हो सकता है, लेकिन यह ज्यादातर पुरुषों में अधिक पाया जाता है। शैंक्रॉइड एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STI) है जो हेमोफिलस ड्यूसी बैक्टीरिया के कारण होता है। यह इन्फेक्शन वायरस या बैक्टीरियल इन्फेक्शन से अलग है। शैंक्रॉइड के लक्षणों में एक या एक से अधिक छाले या उल्टियां शामिल हो सकती हैं, जो आमतौर पर योनि या यौन रेखा के पास होती हैं। इन छालों के चारों ओर सूजन, गर्मी या दर्द का अनुभव हो सकता है। 

5. Syphilis (सिफलिस)

यह इन्फेक्शन लिंग, योनि, मुंह, गला और अन्य शरीर के हिस्सों में हो सकता है। सिफिलिस के लक्षण व्यक्ति के शारीरिक स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण शामिल हो सकते हैं, जैसे कि गांठों या छालों का होना, रंग की बदलाव, मुंह के छाले, सिर का दर्द, थकान आदि।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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Mon, 18 Mar 2024 12:40:38 +053042830764283076
<![CDATA[Female Physical Relationship: महिलाओं की सेक्स लाइफ डिस्टर्ब करने वाले यौन रोग ]]>https://hindi.shethepeople.tv/sehat/common-sexual-problems-in-women-4357285

 Common Sexual Problems In Women: महिलाओं में सेक्स से जुड़ी समस्याएं आम हो सकती हैं और यह जीवन में बहुत से कारणों से हो सकती हैं, जैसे कि शारीरिक समस्याएं, स्ट्रेस, पर्सनल लाइफ की दिक्कतें, इंफेक्शन, यौन शक्ति का कम होना या सामाजिक मान्यताओं का दबाव आदि। यह समस्याएं आमतौर पर शर्म, लाज और अनचाही बातों के कारण छिपी रहती हैं, लेकिन इनको समझना और सही समय पर उन्हें संभालने में सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

महिलाओं की सेक्स लाइफ डिस्टर्ब करने वाले यौन रोग 

1. सेक्स की इच्छा में कमी

औरतों में सेक्स करने की इच्छा में कमी आ सकती है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे- 

  •  मानसिक समस्याएं जैसे कि तनाव, डिप्रेशन, चिंता।
  •  यौन रोग या संक्रमण।
  •  हार्मोनल परिवर्तन जैसे कि गर्भावस्था, प्रेग्नेंसी, प्रेमावस्था।
  •  दार्शनिक और सामाजिक परिवर्तन, जैसे कि जानकारी का अभाव, संबंधों में समस्याएं, विश्वास की कमी।
  •  शारीरिक समस्याएं जैसे कि तनाव, चोट या अन्य रोग।
  • लाइफस्टाइल फैक्टर्स जैसे कि ज्यादा काम का प्रेशर, अशांति और अन्य जीवनशैली के प्रभाव।

2. ऑर्गेज्म या anorgasmia

अनोर्गास्मिया एक स्त्री को सेक्स सेटिस्फेक्शन महसूस नहीं होने के हालात हैं। यह स्त्री के सेक्सुअल सुख और संतोष को प्रभावित कर सकता है और संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि मानसिक तनाव, डिप्रेशन, मेडिकल समस्याएं, दवाओं का सेवन और संबंधों में समस्याएं। 

3. पेनफुल सेक्स

पेनफुल सेक्स की समस्या सेक्स करने की इच्छा को मार सकता है। जब किसी महिला को सेक्स के दौरान दर्द अनुभव होता है, तो यह उसके यौन संतोष और सेक्स के प्रति रुचि को कम कर सकता है। यह दर्द के कारण सेक्स की इच्छा को कम कर सकती है और सेक्स के लिए प्रेरित करने में बाधा डाल सकती है। 

4. Arousal प्रॉब्लम

जब किसी महिला को सेक्सुअल उत्तेजना प्राप्त करने में मुश्किल होती है, तो वह अपनी सेक्स करने की इच्छा में कमी महसूस कर सकती है। यह स्थिति अरोजल डिसफंक्शन के रूप में जानी जाती है, जो सेक्सुअल उत्तेजना की कमी को दर्शाता है। इस समस्या के कई कारण तनाव, चिंता, डिप्रेशन, सीमित ज्ञान, शारीरिक समस्याएं और संबंधों में समस्याएं हो सकती है।

5. ड्राइनेस

जब महिलाओं के यौन क्षेत्र में सही  ब्लड सर्कुलेशन नहीं होता है, तो वह सेक्स के दौरान ड्राइनेस महसूस कर सकती हैं। यह अनुभव सेक्स करने को ज्यादा पेनफुल और धीरे- धीरे सेक्स की कमी की ओर ले जाता हैं। ड्राइनेस के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि हार्मोनल परिवर्तन, मेडिकल समस्याएं, डिप्रेशन, तनाव और संबंधों में समस्याएं। 

6. UTIs / STIs

यूटीआई (UTIs - Urinary Tract Infections) और एसटीआई (STIs - Sexually Transmitted Infections) सेक्स के दौरान कमी ला सकते हैं। यूटीआई आमतौर पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होती है और इसे सेक्स के दौरान बैक्टीरिया की इन्ट्रोडक्शन के कारण बढ़ सकता है। यूटीआई के लक्षणों में यूरिन के दौरान दर्द और जलन शामिल होते हैं। और एसटीआई सेक्सुअल संवार्धन के दौरान फैलने के माध्यम से होते हैं और इन्फेक्शन को आमतौर पर संभोग से होने वाले संपर्क से फैलाया जा सकता है। एसटीआई के लक्षणों में प्राइवेट पार्ट्स में दर्द, जलन या अन्य असामान्य रूप में बदलाव शामिल हो सकते हैं

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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Mon, 18 Mar 2024 12:20:38 +053042830374283037
<![CDATA[प्रियंका चोपड़ा और उनकी बेटी के साथ होली से पहले मुंबई पहुंचे निक जोनास ]]>https://hindi.shethepeople.tv/bollywood/priyanka-chopra-spotted-at-mumbai-airport-with-daughter-malti-marie-4353033

Nick Jonas Joins Priyanka Chopra & Daughter In India Before Holi : पिछले हफ्ते प्रियंका चोपड़ा अपनी बेटी मालती मैरी के साथ मुंबई लौटीं। उन्हें शहर में ईशा अंबानी द्वारा बुल्गारी के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए देखा गया। उनके आने के बाद, उनके पति, निक जोनास भी मुंबई पहुंच गए हैं।

प्रियंका चोपड़ा और उनकी बेटी के साथ होली से पहले मुंबई पहुंचे निक जोनास

सोमवार की सुबह अमेरिकी गायक को मुंबई हवाईअड्डे से बाहर निकलते देखा गया। यह इस साल निक की मुंबई की दूसरी यात्रा है।

प्रियंका चोपड़ा अपनी प्यारी बेटी मालती मैरी चोपड़ा जोनास के साथ मुंबई लौटकर भारतीय प्रशंसकों को सुखद आश्चर्य दिया। अभिनेत्री ने 14 मार्च को इंस्टाग्राम पर अपनी बेटी के साथ एक प्यारी सी तस्वीर साझा कर भारतीय प्रशंसकों के साथ एक मधुर पल साझा किया। इस तस्वीर में माँ-बेटी का प्यार साफ झलकता है। 

प्रियंका चोपड़ा बेटी मालती के साथ मुंबई लौटीं, एयरपोर्ट पर दिखा प्यारा नजारा 

इंस्टाग्राम स्टोरी में, प्रियंका और मालती गले मिलती नजर आ रही हैं। मालती पैसिफायर लिए हुए हैं और उनके चेहरे पर मनमोहक मुस्कान है। चोपड़ा ने फोटो को कैप्शन दिया, "मुंबई मेरी जान। चलते हैं!" जो शहर में वापस आने के लिए उनके उत्साह को दर्शाता है। उन्होंने अपनी मैनेजर अंजुला आचारिया, मालती के निजी अकाउंट और बुल्गारी के आधिकारिक अकाउंट को भी टैग किया, जो उनके आगामी सहयोग की ओर इशारा करता है।

बाद में, मुंबई हवाई अड्डे पर पपराज़ी द्वारा प्रियंका और मालती को उनके आगमन पर खुशमिजाज़ देखा गया। प्रियंका ने समुद्री टोपी के साथ एक ठाठ काले रंग का पहनावा पहना था, जबकि मालती हरे रंग के टॉप और पैंट के पहनावे में बेहद प्यारी लग रही थीं। अभिनेत्री ने विनम्रतापूर्वक मालती को पपराज़ी को लहराने के लिए कहा, जो उनके गर्मजोशी से स्वागत को दर्शाता है।

अपकमिंग प्रोजेक्ट्स और इवेंट्स

बता दें कि प्रियंका की मुंबई वापसी में एक बुल्गारी कार्यक्रम में शामिल होना शामिल है, क्योंकि वह एन हथवे, ज़ेंडया और ब्लैकपिंक से लिसा जैसे हस्तियों के साथ लक्ज़री ज्वेलरी ब्रांड के लिए वैश्विक ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य करती हैं।

गौरतलब है कि प्रियंका की पिछली भारत यात्रा अक्टूबर में जियो मामी फिल्म फेस्टिवल के लिए थी, जहाँ वह मालती या अपने पति निक जोनास के बिना अकेली आई थीं। हाल ही में लोलापल्लूजा फेस्टिवल के दौरान मुंबई में जोनास ब्रदर्स के साथ प्रदर्शन करने वाले निक ने भी भारत की एक अलग यात्रा की थी। मालती की यह भारत की दूसरी यात्रा है, प्रियंका और निक के साथ अप्रैल में नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर के उद्घाटन के लिए पहली यात्रा के बाद। उस दौरान, प्रियंका ने रिचर्ड मैडेन के साथ अपने शो, सिटाडेल का भी प्रचार किया।

प्रियंका चोपड़ा जोनास ने हाल ही में इंस्टाग्राम अनाउंसमेंट में अभिनेता कार्ल अर्बन के साथ अपनी नवीनतम सिनेमाई फिल्म, द ब्लफ का अनावरण किया। इस रोमांचक परियोजना के अलावा, उनके पास आगामी फिल्मों की एक आकर्षक लाइनअप है। विशेष रूप से, वह एक कार्यकारी निर्माता के रूप में सम्मानित वृत्तचित्र "टू किल ए टाइगर" में शामिल हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, दर्शक जॉन सीना और इदरिस एल्बा के साथ हेड्स ऑफ स्टेट में उनकी भूमिकाओं के साथ-साथ फरहान अख्तर के निर्देशन वाली फिल्म जी ले जरा में उनकी भूमिका का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिसमें कटरीना कैफ और आलिया भट्ट भी शामिल हैं। 

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Vaishali GargMon, 18 Mar 2024 12:09:15 +053042739504273950
<![CDATA[Kiran Bedi: पहली भारतीय महिला IPS अधिकारी ]]>https://hindi.shethepeople.tv/blog/success-story-of-kiran-bedi-ips-4357675

Success Story of Kiran Bedi: पंजाब की एक लड़की ने उस जमाने में आईपीएस अफसर बनने का फैसला किया, जब लड़कियों को कॉलेज भेजने से पहले भी कई बार सोचा जाता था। वह और कोई नहीं बल्कि भारत की पहली महिला आईपीएस अफसर किरण बेदी थी। किरण बेदी एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने अपनी मेहनत, साहस और समर्पण के साथ भारती पुलिस सेवा में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।  

कौन हैं किरण बेदी?

आज के समय में किरण बेदी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, उन्होंने अपने दम पर अपनी अच्छी खासी और सशक्त पहचान बनाई है। किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को अमृतसर पंजाब में हुआ था। कई नामी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन, फिर पोस्ट ग्रेजुएशन और PHD करने वाली किरण बेदी देश की पहली महिला आईपीएस अफसर (First Female IPS Officer) हैं. इसके साथ ही साथ उन्होंने खेल के क्षेत्रों में भी महारत हासिल की है।

किरण बेदी ने अमृतसर के सेक्रेट हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की शुरुवात की थी। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स किया था। उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB किया था। फिर साल 1993 में आईआईटी दिल्ली से सोशल साइंस में पीएचडी की। बचपन से ही उनका व्यक्तित्व काफी शानदार था। 

किरण बेदी ने 1972 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल होने का फैसला किया। भारतीय पुलिस सेवा में अपनी प्रवेश परीक्षा क्लियर करके एक महिला के रूप में इस क्षेत्र में अपना स्थान बनाया। किरण बेदी को उनके साहस, निष्ठा और कार्यकुशलता के लिए सराहा जाता है। उन्होंने अपने प्रशिक्षण के दौरान कई चुनौतियों का सामना करके उन्हें सफलता से पार किया है। 

किरण बेदी ने अपने पुलिस करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्यों को किया। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित स्थानों की स्थापना की और उनके हित में कई कदम उठाए। किरण बेदी का नाम विशेष रूप से उनकी साहसिकता और निष्ठा के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कई मुश्किलों और विवादों का सामना किया, लेकिन वे हमेशा सत्य और न्याय के मार्ग पर चलती रहीं। 

किरण बेदी के समाजिक योगदानों के लिए उन्हें विभिन पुरुष्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें पद्म भूषण, एक प्रमुख राष्ट्रीय पुरुष्कार, कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरुष्कारों से सम्मानित किया गया है। किरण बेदी ने अपने जीवन में अनेक क्षेत्रों में अपने योगदान दिए हैं। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, मोटिवेशनल स्पीकर और शिक्षक के रूप में भी मशहूर हैं। किरण बेदी की कहानी हमें यह सिखाती है कि समर्पण, साहस और संघर्ष से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।

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Mon, 18 Mar 2024 12:00:38 +053042829814282981
<![CDATA[सिद्धू मूसेवाला के माता-पिता ने किया बेटे का वैलकम, पिता ने शेयर की प्यारी सी तस्वीर ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/mother-of-siddhu-mossewala-is-pregnant-4101949

Sidhu Moosewala's Parents Welcome Baby Boy: सिद्धू मूसेवाला के माता-पिता बलकौर सिंह और चरण कौर ने हाल ही में अपने परिवार में एक बच्चे के जन्म का जश्न मनाया। इस खुशी की खबर का खुलासा बलकौर ने फेसबुक पर किया, जहां उन्होंने नवजात शिशु की एक भावुक तस्वीर भी साझा की। उनके बेटे का जन्म प्रसिद्ध पंजाबी गायक के निधन के लगभग दो साल बाद हुआ है।

सिद्धू मूसेवाला के माता-पिता ने किया बेटे का वैलकम, पिता ने शेयर की प्यारी सी तस्वीर

सिंह ने अपने परिवार को दिए गए आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, "शुभदीप से प्यार करने वाले लाखों-करोड़ों लोगों के आशीर्वाद से, भगवान ने हमें शुभ के छोटे भाई का आशीर्वाद दिया है," बलकौर ने अपने पोस्ट में कहा। "परिवार स्वस्थ है और मैं सभी शुभचिंतकों के अपार प्यार के लिए आभारी हूं।

उन्होंने बच्चे को गोद में लिए हुए एक तस्वीर और पीछे  मूसेवाला की तस्वीर के साथ एक वैलकम केक भी पोस्ट किया।

बच्चे की डिलीवरी बठिंडा के जिंदल अस्पताल में हुई।

सिंह ने सिद्धू के चिंतित प्रशंसकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अफवाहों की झड़ी के बीच तथ्य और कल्पना के बीच अंतर करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने फॉलोअर्स को विश्वास दिया कि परिवार किसी भी महत्वपूर्ण न्यूज को सीधे शेयर करेगा, उन्होंने सभी से मीडिया में प्रसारित निराधार दावों पर विश्वास करने से बचने का आग्रह किया।

Siddhu

Mother Of Siddhu Mossewala Is Pregnant: Reports

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की मदर दूसरी बार मां बनने जा रही हैं। बता दें, वह 58 साल की उम्र में गर्भवती हैं और वहीं बलकौर सिंह 60 साल के हैं। 2024 मार्च में बच्चे के जन्म का अंदाजा लगाया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने आईवीएफ का सहारा लिया है। यह खबर सिद्धू मूसेवाला की मौत के 2 साल के बाद आई है। जानकारी के मुताबिक चरण कौर जी को अभी मेडिकल देखरेख में रखा गया है।

बता दें 29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला की गोलियों से हत्या कर दी गई थी। मानसा के पिंड जवारके में यह घटना हुई थी जहां पर 6 शूटरों ने उन पर गोलियों चलाई। सिद्धू अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। दो साल पहले उनके दुखद निधन के बाद गर्भावस्था की खबर मूसेवाला के परिवार में एक संभावित विकास है। यह खबर मूसेवाला की मृत्यु के लंबे समय से चले आ रहे दुःख के बीच आशा और खुशी की एक किरण प्रदान करती है क्योंकि उसके माता-पिता अभी भी न्याय के लिए लड़ रहे हैं।

आईए जानते हैं IVF क्या है?

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी IVF एक आर्टिफिशियल तकनीक है जिसके तहत महिला को प्रेग्नेंट किया जाता है। इस प्रक्रिया के जरिए पैदा हुए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में लैब में महिला के एग और पुरुष के स्पर्म को फ्यूज किया जाता है। इससे भ्रूण पैदा होता है जिसे बाद में महिला के यूट्रस में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

मेनोपॉज के बाद भी आईवीएफ से बच्चा पैदा किया जा सकता है। एग के लिए डोनर की जरूरत पड़ती है क्योंकि एग बनना बंद हो जाते हैं। इसके साथ ही हार्मोनल इंजेक्शन भी दिए जाते हैं ताकि गर्भ फिर से काम करना शुरू कर दें। जब एग अच्छे तरीके से जमा हो जाते हैं उसके बाद उन्हें लैब में पुरुष के स्पर्म के साथ फर्टिलाइज कर दिया जाता है और फिर यूट्रस में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

आईवीएफ उन कपल्स में ज्यादातर किया जाता है जिनमें फर्टिलिटी रेट कम होता है। इसमें खर्च भी काफी हो जाता है। आईवीएफ के सक्सेस रेट की बात की जाए तो उम्र इसमें एक बड़ा फैक्टर है। अगर डोनर की तरफ से एग लिया जाए तो ऐज फैक्टर को अवॉइड भी किया जा सकता है लेकिन एग की क्वालिटी भी बहुत ज्यादा मैटर करती है। इसके साथ आईवीएफ साइकिल, फर्टिलिटी और लाइफस्टाइल भी इसकी सक्सेस में हिस्सा डालते हैं।

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Rajveer KaurMon, 18 Mar 2024 11:58:30 +053040295204029520
<![CDATA[Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग के अनुसार, 12 राज्यों में महिला मतदाताओं की अधिकता ]]>https://hindi.shethepeople.tv/news/ec-says-female-voters-out-number-mail-voters-in-12-state-4362155

Lok Sabha Election 2024 : भारतीय मुख्य चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने घोषणा की कि भारत में 12 राज्यों में पुरुषों से अधिक महिला मतदाता दर्ज किए गए हैं। आयोग ने 19 अप्रैल से सात चरणों में चुनाव आयोजित करने की घोषणा की है।

लोकसभा चुनाव 2024 की अनुसूची

भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अनुसूची की घोषणा की, कहते हुए कि चुनाव 19 अप्रैल से सात चरणों में होंगे और परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस साल के सामान्य चुनाव में मतदाताओं का लिंग अनुपात साझा किया, जिसमें 12 राज्यों में महिलाओं की संख्या पुरुषों की संख्या से अधिक है। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को "बहुत स्वस्थ संकेत" बताते हुए, कुमार ने देश में निगरानी रखी कि एक कुल 47.1 करोड़ महिलाएं निर्धारित रोल में दर्ज की गई हैं, जिससे देश में 1000 पुरुषों में 948 महिलाएं होती हैं।

महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक

प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाषण करते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "12 ऐसे राज्य हैं जहां लिंग अनुपात 1000 से अधिक है, जिसका मतलब है कि महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। यह एक बहुत स्वस्थ संकेत है कि महिलाएं हमारे चुनावों में भी बराबरी से भाग ले रही हैं।" हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कौन से 12 राज्य इन महत्वपूर्ण आंकड़ों को दिखा रहे हैं।

कुमार ने जोड़ा, "1.89 करोड़ नए मतदाता शामिल हो गए हैं। उनमें से 18–19 वर्षीय आयु समूह में 85.3 लाख महिला निर्वाचक हैं।" हाल ही में, भारतीय स्टेट बैंक की आर्थिक अनुसंधान विभाग (ईआरडी) की रिपोर्ट में यह संदेश दिया गया था कि 2029 तक महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों को पार कर सकती है। इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट ने 2047 में महिलाओं का मतदाता उत्तराधिकारी जनसंख्या का 55% तक बढ़सकता है। हालांकि, एसबीआई रिपोर्ट ने यह पूर्वानुमान किया कि 2047 तक पुरुष मतदाताओं की संख्या कम हो सकती है। 2019 के चुनाव में 91.2 करोड़ पात्र मतदाता थे, जिसमें लगभग 43.8 करोड़ महिला मतदाता और लगभग 47.3 करोड़ पुरुष मतदाता थे। महिला मतदाताओं का मतदान 67.18% था, जिसके मुकाबले पुरुषों का मतदान 67.01% था। ये आंकड़े एक अनदेखा रुख दिखाते हैं, जहां महिला मतदाता सक्रिय रूप से राष्ट्रनिर्माण में भाग ले रही हैं और लोकतंत्र की जिम्मेदारी को उठा रही हैं।

मतदान अनुसूची

चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि मतदान सात चरणों में आयोजित किया जाएगा: 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून। परिणाम 4 जून, 2024 को घोषित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में राज्य विधानसभा चुनाव 19 अप्रैल को और आंध्र प्रदेश में 13 मई को होंगे।

लोकसभा चुनाव 2024 के आगामी चरण के साथ, महिला मतदाताओं की भागीदारी में वृद्धि देश के लिए एक प्रशंसनीय और महत्वपूर्ण कदम है। यह दिखाता है कि देश की महिलाएं सक्रिय रूप से लोकतंत्र की रक्षा में भाग ले रही हैं और चुनावी प्रक्रिया में समान रूप से हिस्सा ले रही हैं। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, हमें समाज की समर्थन करते हुए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि हमारे लोकतंत्र की मूल आधारशिला को मजबूत किया जा सके।

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Vaishali GargMon, 18 Mar 2024 11:54:29 +053042828134282813
<![CDATA[इन Healthy Eating Myths को तुरंत बंद करें फॉलो करना ]]>https://hindi.shethepeople.tv/sehat/healthy-eating-myths-you-should-stop-following-4357580 ]]>Shruti Mon, 18 Mar 2024 11:40:38 +053042829254282925<![CDATA[Relationship Tips: क्या आप भी अपने पार्टनर के लिए हर चीज Sacrifice कर रहे हैं? ]]>https://hindi.shethepeople.tv/relationship/is-it-right-for-only-one-person-to-make-sacrifices-in-relationship-4357735

Is it right for only one person to make sacrifices in any relationship: रिलेशनशिप में सहयोग और समझौता अहम चीजें होती हैं, लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि दोनों व्यक्तियों में से एक व्यक्ति हमेशा बलिदान (Sacrifice) करता है। क्या किसी भी रिश्ते में सिर्फ एक ही व्यक्ति के द्वारा बलिदान दिया जाना सही है? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जिस पर विचार किया जाना चाहिए। पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि बलिदान का क्या अर्थ होता है। बलिदान एक रिश्ते में अपने स्वार्थ को छोड़ना होता है और दूसरे के लिए कुछ करने की ताकत होती है। यह अक्सर प्यार, समर्थन और सम्मान प्रकट करने का एक जरिया होता है। 

क्या केवल एक व्यक्ति का बलिदान (Sacrifice) करना सही है?

रिश्तों में बलिदान करना एक महत्वपूर्ण और सामाजिक गुण है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि केवल एक व्यक्ति को ही सभी तरह का बलिदान करना चाहिए। एक स्वस्थ रिश्ते में, बलिदान और समर्थन दोनों पक्षों द्वारा होता है। यदि केवल एक ही व्यक्ति बलिदान करता है और दूसरा व्यक्ति केवल लाभ के लिए रहता है, तो रिश्ता संतुलित और सच्चा नहीं है। 

बलिदान का निर्णय दोनों पक्षों द्वारा लिया जाना चाहिए। किसी भी रिश्ते में यह जरूरी होता है कि दोनों पार्टनर्स एक दूसरे की जरूरतों और इच्छाओं को समझें और उसके अनुसार एक दूसरे की खुशी के लिए बलिदान दें। बलिदान का निर्णय बातचीत और समझदारी के साथ लिया जाना चाहिए। किसी भी रिश्ते में अगर सिर्फ एक ही तरफ से एफर्ट्स या बलिदान होते हैं तो वह रिश्ता लंबा नहीं टिक पाता। 

कई बार लोग समझते हैं कि बलिदान करना सिर्फ एक ही व्यक्ति का कर्तव्य है, लेकिन यह समझना आवश्यक है कि रिश्तों में संतुलिन बलिदान ही वास्तव में मजबूती का निर्माण करता है। यह सोचना बिल्कुल गलत है कि, “अरे वह तो लड़की है वही करेगी सारे बलिदान” या फिर “अरे उस लड़के ने मुझे पसंद किया था तो मैं क्यों करू कोई बलिदान वही करेगा।” दोनों पक्षों के बीच सहयोग, समर्थन और समझदारी के बिना कोई रिश्ता सफल नहीं हो सकता। 

यह कहना गलत नहीं होगा कि किसी भी रिश्ते में केवल एक व्यक्ति के द्वारा बलिदान करना सही नहीं है। सच्चे प्यार और समर्थन के रिश्ते में, बलिदान और सहयोग दोनों पक्षों के द्वारा किया जाना चाहिए। इससे न केवल रिश्ता मजबूत होगा बल्कि दोनों के बीच प्यार और सम्मान भी बढ़ेगा। 

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Mon, 18 Mar 2024 11:20:38 +053042828884282888