कैसे मेनोपॉज़ के बाद महिलाओं की सेक्सुअल हैल्थ पर प्रभाव पड़ता है?

मेनोपॉज़ के बाद सेक्शूअल हेल्थ में बहुत सारे बदलाव आ जाते है। इसके बाद शरीर में भी काफ़ी बदलाव आ जाते है।आपकी बॉडी में एस्ट्रोजन बनना बंद हो जाता है।मेनपॉज़ से आपकी सेक्शूअल हेल्थ की चाहत और इच्छा असर पड़ता है-

डिप्रेशन

मेनोपॉज़ के कारण आपका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इससे महिलाएँ डिप्रेशन का शिकार हो जाती। इससे तनाव और मूड स्विंग्स होते जो सेक्स लाइफ़ पर असर डालते है।

नींद की कमी

मेनोपॉज़ के कारण शरीर बहुत सारे बदलाव से गुजरता है जिस कारण सोने के पैटर्न में बदलाव आ जाता है। इसके कारण इंटिमेसी की तरफ़ ध्यान कम हो जाता है।

मूड स्विंग्स

होर्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग्स भी होते है कभी ग़ुस्सा आता है दूसरे ही पल ख़ुशी हो जाती है। इसके अलावा चिड़चिड़ापन भी आ जाता है। ये सब चीज़ें सेक्स लाइफ़ पर असर डालती है।

पेनफ़ुल सेक्स

मेनोपॉज़ के बाद सेक्स करते समय बहुत दर्द होता है क्यूँकि वजाइना में काफ़ी बदलाव आ जाते है। इसके साथ एस्ट्रोजन में भी कमी आ जाती है।

सेक्स ड्राइव में कमी

मेनोपॉज़ का प्रभाव ये भी है इससे सेक्स ड्राइव में कमी आ जाती है। इसका कारण शरीर और मानसिक रुप में होने वाले बदलाव है।