प्रेग्नेंसी के बाद मां किन मानसिक परेशानियों का सामना करती है?

मां बनना महिलाओं के लिए एक बहुत ही सुखद अनुभव होता है। यह महिलाओं की शारीरिक और मानसिक जीवन को पूरी तरीके से बदल देता है और कभी-कभी मानसिक परेशानियों का सामना भी करती हैं। तो चलिए जानते हैं प्रेगनेंसी के बाद मां को किन मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है–

पोस्टपार्टम डिप्रेशन

अक्सर प्रेगनेंसी के बाद महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का सामना करती है इसमें मन अत्यधिक उदास, निराशा और थकान महसूस करती हैं। यह स्थिति कुछ हफ्तों से लेकर महीने तक रह सकती है।

भावनात्मक समर्थन

यदि परिवार या समाज से सपोर्ट ना मिले तो यह मानसिक दबाव को बढ़ा सकता है। मां को यह महसूस होता है कि वह अकेली है और उनकी समस्याएं कोई नहीं समझता। यह उनके मासिक स्वास्थ्य पर गलत असर डालती है।

बॉडी इमेज

प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं में शारीरिक बदलाव आते हैं जिसके कारण महिलाएं अपने लुक को लेकर बहुत असहाय महसूस करती हैं। उनके वजन में वृद्धि, स्ट्रेच मार्क्स और अन्य बदलाव देखने को मिलते हैं।

गिल्ट और असुरक्षा

मां अक्सर यह महसूस करती हैं कि वह अच्छी मन नहीं बन पा जिससे उसके अंदर गिल्ट की भावना पैदा हो सकती है। यह सुरक्षा की भावना उनके आत्म सम्मान को प्रभावित करती है और वह खुद पर शक करने लग जाती है।

बेबी ब्लूज

मां बनने के बाद बहुत सारे हार्मोनल बदलाव देखने को मिलते हैं जिसमें से 80% महिलाएं बेबी ब्लूज का अनुभव करती है। इसमें मां को बिना किसी कारण का रोना, मूड स्विंग और उदासी महसूस होती है।

चिंता

महिलाएं डिलीवरी के बाद अत्यधिक चिंता और डरी हुई रहती है। उन्हें अपने बच्चों की सेहत की जिम्मेदारी और परिवार की चिंता होती है। यह चिंता कभी-कभी इतनी बढ़ जाती है कि पैनिक अटैक का रूप ले लेती है।

नींद की समस्या

अपने बच्चों की देखभाल में मां इतनी व्यस्त हो जाती है कि वह अपनी नींद को पूरा नहीं कर पाती जिसके कारण उनकी मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे थकान बढ़ती है और डिप्रेशन भी हो सकता है।

Disclaimer

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