BREASTFEEDING Myths: स्तनपान से जुड़े मिथक

आज भी ब्रेस्टफीडिंग हमारे समाज में नॉर्मल नहीं है। महिलाएं इस दौरान झिझक रखती हैं और शर्मा जाती हैं क्योंकि समाज में अभी भी इसे लेकर सोच बहुत पछड़ी हुई है। आज हम इसके साथ जुड़ी अवधारणाएं साँझा करेंगे और उनका सच बताएंगे- (Image Credit- Freepik)

ब्रेस्टफीडिंग है बहुत आसान

नई माँ के लिए स्तनपान करना सहज नहीं होताl इसके लिए सही जगह और समय की जरूरत होती है। कई बार बच्चे ऐसी जगह फीड की मांग कर लेते हैं कि मदर के लिए मुश्किल हो जाता है। (Image Credit: Freepik)

बीमारी के समय नहीं कर सकती फीड

यह एक मिथ है कि महिलाएं बीमारी में बच्चे को फीड नहीं कर सकतीं लेकिन सच यह है कि छोटी-मोटी बीमारी का इस पर कोई असर नहीं पड़ता। माँ का दूध बच्चें के लिए पौष्टिक आहार हैl इससे बच्चे को बहुत सारे एंटी बॉडीज मिलते हैंl (Image Credit: Freepik)

बर्थ कंट्रोल में भूमिका

नियमित रूप से बच्चे को स्तनपान कराने से ऑव्यूलेशन होने की संभावना कम हो जाती है l गर्भधारण करने के लिए ऑव्यूलेशन का होना ज़रूरी होता है l इसके लिए यह भी ज़रूरी है कि शिशु की उम्र ६ महीनें से कम हो और वह सिर्फ़ माँ का दूध ही पी रहा हो l(Image Credit: Freepik)

ब्रेस्टफीडिंग में दर्द होता है

आमतौर पर ब्रेस्टफीडिंग में दर्द नहीं होता। यह एक नेचुरल प्रोसेस है जिसमें माँ को शुरुआत में थोड़ी बहुत परेशानी हो सकती है लेकिन कुछ दिनों में हल्की-फुलकी एडजस्टमेंट से यह भी ठीक हो जाना चाहिए l (Image Credit: Freepik)

नहीं करें किसी के सामने ब्रेस्टफीडिंग

खुले में ब्रेस्टफ़ीडिंग करना बहुत शर्म की बात माना जाता है लेकिन हम लोगों को यह बात समझ लेनी चाहिए कि यह एक नेचुरल प्रोसेस है और इसमें शर्माने या झिझकनें की कोई ज़रूरत नहीं है। (Image Credit: Freepik)

Disclaimer

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