Orgasm से जुड़ी मिथ्स की सच्चाई जानें

ऑर्गेज्म सेक्स के दौरान क्लाइमैक्स होता है जहां पर पहुंचना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। आईए जानते हैं इससे जुड़ी मिथकों की सच्चाई क्या है-

हर बार सेक्स के समय ऑर्गेज्म होना चाहिए

ऐसा जरूरी नहीं है कि महिला को हर बार सेक्स करते समय ऑर्गेज्म हो।

वजाइनल सेक्स, ऑर्गेज्म तक जाने का बढ़िया तरीका है

ऐसा जरूरी नहीं है कि हर महिला वजाइनल सेक्स से ही ऑर्गेज्म तक पहुंचे। कई बार अलग-अलग तरीके से स्टिमुलेशन करने की जरूरत पड़ती है।

ऑर्गेज्म सिर्फ फिजिकल तरीके से होता है

ऑर्गेज्म सिर्फ शारीरिक रूप से नहीं होता है। बहुत बार महिलाओं के लिए मानसिक रूप से शामिल होना भी जरूरी होता है।

सेक्स का गोल ऑर्गेज्म होता है

ऑर्गेज्म सेक्स का एक पार्ट है और ऑर्गेज्म के साथ-साथ इंटिमेसी, कनेक्शन और प्लेजर का होना जरूरी है।

महिलाओं को ऑर्गेज्म में परेशानी होती है

महिलाओं को ऑर्गेज्म तक पहुंचने में देरी लग सकती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें ऑर्गेज्म हो ही नहीं सकता है या कोई परेशानी है।

सेक्स हमेशा ऑर्गेज्म के साथ खत्म होना चाहिए

सेक्स हमेशा ऑर्गेज्म के साथ खत्म हो ऐसा जरूरी नहीं है और यह नॉर्मल है।

खुद से ऑर्गेज्म तक पहुंचना गलत है

बहुत सारी महिलाओं को ऑर्गेज्म पार्टनर्स से ज्यादा सोलो में होता है और यह पूरी तरह नॉर्मल है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

Disclaimer

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