मोइत्रा के समर्थन में कई नेता आगे आये हैं। विपक्षी नेताओं ने इसे प्रतिशोध की राजनीति, बिना चर्चा वाला कदम और अधूरी रिपोर्ट बताते हुए उनके निष्कासन के लिए सरकार और एथिक्स कमेटी की आलोचना की है।
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