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गुल पनाग आपने जैसी कई और महिलाओं को, जो उद्ययमी बनना चाहती हैं, वे यह सलाह देती हैं

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Swati Bundela
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गुल पनाग हमेशा से ही दौड़ना चाहती थी. ना केवल फिटनेस के लिए, बल्कि अपना खुद का बिज़्नेस भी. गुल पनाग ने इस साल की शुरुआत में बुसिनेस क्षत्र में कदम रखा, भारत की पहली हों-ग्रोन अप के साथ. उन्हे लगता हैं के डिजिटल दुनिया महिलाओं को अपने मन की  जोश पूर्वक करने का अवसर दे रही है. डिजिटल विमन अवॉर्ड्स के अवसर पर उन्होने कहा के डिजिटल रेवोल्यूशन के चलते, बाज़ार को देखने का हम लोगों आ नज़रिया बदल पुनर्भाषित हो चुका है, जिसमें पिछले पाँच वर्षों में कुच्छ पफमुख व्यवधान आए. डिजिटल ग्रोवत् कुच्छ ऐसी रफ़्तार से हो रही है, के कई लोगों के लिए इसकी गति के साथ गति बनाए रखना मुश्किल हो रहा है. उकिंकी मोबाइल अप्लिकेशन, FIRSTRUN, आंड्राय्ड पे डाउनलोड की जाने वाली सबसे मशहूर फिटनेस ऐप्प है.



डिजिटल प्लॅटफॉर्म की प्रशंसा में गुल अपना एक अनुभव बताती हैं जिसमें डिजिटल माध्यम के बिना कैसे एक नये, अद्वितीय उत्पाद को मार्केट में लाना उनके लिए मुश्किल था. कई मध्यस्थों के कारण, उत्पाद की कीमत भी कई गुना बढ़ जाती है. परंतु डिजिटल के आने से हम लोग अपने उत्पाद को ज़रूरतमंद ग्राहकों तक ना के कम दरों पे पहुँचा सकते हैं. वे यह भी कहती हैं के ना केवल आदययमी, बल्कि ग्राहक भी इस नये मंच के ज़रिए, मार्केट को देखने का अपना नज़रैया भी बदल रहे हैं, अधिक अवगत होकर.
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आपने जैसी कई और महिलाओं को, जो उद्ययमी बनना चाहती हैं, वे यह सलाह देती हैं:



अपने विश्वास से अडिग, जुड़े रहें. जब आप वह करते हो जो आपके व्यक्तित्व से मेल खाता है, तो आप बेहतर महसूस करते हैं और बहतर करते हैं. यह जीवन में हर चीज़ के लिए सत्य है. हमेशा कुच्छ अलग करने की कोशिश करें. मूल रूप से खुद प्र विश्वश अनिवार्य है, उस समय भी जब और कोई आप पर विश्वास नही करे. यह आस्था ही आपको जीवन में आगे ले जाती है.
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