Parenting Tips: पेरेंटिंग में कैसे रखे पॉजिटिव डिसिप्लिन

आज बच्चो में पॉजिटिव डिसिप्लीन की बहुत जरूरत है लेकिन उनको डाँटकर या मारकर ये संभव नहीं है ऐसे आज के बच्चो में माता पिता इसे लाने के लिए कुछ जरूरी टिप्स अपना सकते है।

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Simran Kumari
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paHow to maintain positive discipline in parenting: आज के इस मॉर्डन जमाने में कहीं न कहीं माता पिता अपने बच्चों को पॉजिटिव डिसिप्लिन सीखने में नाकाम सिद्ध हो रहे है। एक माता पिता होने के नाते आपका फर्ज है कि आप अपने बच्चे को सही अनुशासन सिखाए। लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है अगर माता पिता ज्यादा ढील दे तो बच्चा जिद्दी, गुस्सैल और चिड़चिड़ा हो जाता है। साथ ही अगर माता पिता ज्यादा स्ट्रिक्ट हो तो इसका असर बच्चे के मानसिक स्थिति पर नकारात्मक रूप से पड़ता है। एक गार्डियन होने के नाते बच्चे को मारने पीटने से हमेशा इसका गलत प्रभाव ही पड़ेगा। ऐसे में आज के समय में सही पेरेंटिंग के लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चों को घर के काम से लेकर बाहरी गतिविधियों में पॉजिटिव डिसिप्लिन सिखाए। ताकि आपका बच्चा अनुशासित रहे और आगे चलकर इसको अपने जीवन में लागू करे। आइए जानते है बच्चे को पॉजिटिव डिसिप्लिन सिखाने के कुछ जरूरी टिप्स क्या है।

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पेरेंटिंग में कैसे रखे पॉजिटिव डिसिप्लिन

1.खुद example बने

अगर आप अपने बच्चे में अनुशासन लाना चाहते है तो इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है आपका खुद इसको फॉलो करना। अगर आप गुस्से में चिल्लाते है, तो आपका बच्चा भी आपसे सीखेगा। ऐसे में बच्चे के लिए एक पॉजिटिव एग्जांपल सेट करे। जिससे आपका बच्चा भी आपको देखकर कुछ अच्छा सीखे।

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2.रूल्स बनाए

छोटे छोटे रूल्स बनाए और उन्हें बच्चे को बताए साथ ही खुद भी उसको फॉलो करे। उदाहरण के लिए खाना खाते समय ‘नो फोन रूल’, ‘खुद के बर्तन खुद सिंक में डालना’। ऐसे नियम से बच्चे अपने आप ही समझदार होते जायेंगे।

3.शाबाशी देना सीखे

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अगर आपका बच्चा कुछ अच्छी आदतें अपना रहा तो उसकी तारीफ करे उसे शाबाशी दे। इसके लिए आप उसे छोटी सी ट्रीट दे सकते है या कोई छोटा सा एप्रिसिएशन रिवॉर्ड। इससे बच्चा उस आदत को बनाए रखेगा।

4.गुस्से से बात बिगड़ सकती है

अगर आप अपने बच्चे की गलती पर उसे डांटते  मारते है या उसपे सख्ती करते है तो बच्चे पर इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है। इसकी जगह उसे समझाए और बताए कि वो अपनी गलती कैसे सुधार सकता है ताकि वो अपनी गलती न दोहराए। उसके दोस्त बनकर उसको अनुशासन समझाए

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5.जिम्मेदारियां दे

अगर आप अपने बच्चे को छोटी छोटी जिम्मेदारी देंगे तो कही न कही उनमें डिसिप्लिन आयेगा। जैसे अपने बिखरे हुए खिलौनों समेटना, किताबों को खुद से जमाना। इससे उन्हें जिम्मेदारी का अहसास होगा।

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