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Talk to Kids About Sex How to Talk to Children About Sex: सेक्स के बारे में बच्चों से बात करना एक संवेदनशील लेकिन अत्यंत आवश्यक विषय है। आज के समय में जहां बच्चे इंटरनेट टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से कई प्रकार की जानकारी से घिरे रहते हैं वहां उन्हें सही और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सेक्स शिक्षा देना बहुत जरूरी हो गया है। यह विषय न केवल उनके शारीरिक और मानसिक विकास से जुड़ा हुआ है बल्कि उनकी सुरक्षा और आत्मविश्वास के लिए भी महत्वपूर्ण है। माता पिता और अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों से खुलकर और सहजता से बात करें ताकि बच्चे सही जानकारी पा सकें और किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बच सकें।
सेक्स के बारे में बच्चों से कैसे बात करें
1. बच्चों से सेक्स पर बात करना क्यों जरूरी है
आज के डिजिटल युग में बच्चे बहुत जल्दी नई नई जानकारियों के संपर्क में आ जाते हैं। इनमें से कई बार उन्हें अधूरी या गलत जानकारी मिलती है जिससे भ्रम और डर पैदा हो सकता है। इसलिए माता पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों से सेक्स जैसे महत्वपूर्ण विषय पर खुलकर बात करें। यह न केवल उनके मानसिक विकास के लिए आवश्यक है बल्कि उन्हें सुरक्षित रहने और सही निर्णय लेने में भी मदद करता है।
2. सही उम्र और समय की पहचान करें
सेक्स पर बातचीत किसी एक निश्चित उम्र में ही शुरू नहीं होती बल्कि यह बच्चे की समझ और विकास के अनुसार धीरे धीरे की जानी चाहिए। छोटे बच्चों को उनके शरीर के अंगों के नाम और अच्छे बुरे स्पर्श के बारे में सिखाया जाना चाहिए। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे वैसे बातचीत को उनके आयु के अनुसार विस्तृत किया जा सकता है। जब बच्चा सवाल पूछे या जब आप महसूस करें कि वह कुछ नया सीख रहा है वह समय बातचीत शुरू करने का सही मौका होता है।
3. सहज और ईमानदार तरीके से बातचीत करें
बच्चों से सेक्स के बारे में बात करते समय भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए। जटिल या शर्मिंदा करने वाले शब्दों का प्रयोग न करें। बच्चों को यह महसूस होना चाहिए कि वे किसी भी विषय पर अपने माता पिता से खुलकर बात कर सकते हैं। ईमानदारी से जवाब देना बहुत जरूरी है अगर आपको किसी प्रश्न का उत्तर नहीं पता तो कहें कि आप जानकारी लेकर बताएंगे। इससे बच्चे का भरोसा आप पर और भी गहरा होगा।
4. नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारियों की बात करें
सेक्स शिक्षा केवल शारीरिक जानकारी देने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। बच्चों को यह भी सिखाना जरूरी है कि प्रेम संबंध जिम्मेदारी और सहमति क्या होती है। उन्हें यह समझाना जरूरी है कि हर व्यक्ति के शरीर की मर्यादा होती है और उसकी इज्जत करना कितना जरूरी है। साथ ही यह भी बताएं कि रिश्तों में भरोसे और समझ का होना बहुत जरूरी है।
5. संवाद को नियमित और निरंतर बनाएं
सेक्स पर बातचीत कोई एक बार की प्रक्रिया नहीं है। यह एक सतत संवाद है जो समय समय पर बच्चों की जिज्ञासाओं और उम्र के अनुसार चलता रहना चाहिए। बच्चों को यह एहसास दिलाएं कि वे जब चाहे तब आपसे इस विषय पर बात कर सकते हैं। खुला और भरोसेमंद वातावरण बच्चों को गलत जानकारी से दूर रखता है और उन्हें एक समझदार और जिम्मेदार व्यक्ति बनने में मदद करता है।