Girl Parents: क्या आपकी परवरिश बना रही है बेटी को आत्मनिर्भर या दबाव में जीने वाला?

पेरेंटिंग: आज के ज़माने में लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना बहुत ज़रूरी है। और यह ज़िम्मेदारी अभिभावकों की ही है की वे लड़कियों को आत्मनिर्भर बनायें।

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Anamika Jha
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Image Credit: Freepik

Is your upbringing making your daughter self-reliant: आत्मनिर्भरता कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे आपके बच्चे अपने आप हासिल कर सकते हैं। आपके बच्चे आत्मनिर्भरता आपसे ही सीख सकते हैं। यह आप, आपका नज़रिया और आपकी परवरिश तय करती है कि आपके बच्चे आत्मनिर्भर बनेंगे या नहीं। आप जितना उन्हें अपने ऊपर निर्भर बनाएंगे उतना ही वो आत्मनिर्भरता से दूर होते रहेंगे। इसलिए ज़रूरी है कि आप अपने बच्चों में आत्मनिर्भरता के गुण को विकसित करने का प्रयास करें। ख़ास कर बेटियों के मामले में इसका ज़्यादा ध्यान रखना चाहिए कि लड़कियां आत्मनिर्भर बनें। इससे वो कोई भी काम के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगी और आत्मविश्वास से जीवन जी सकेंगी। आइए जानते हैं कैसे आप अपनी बेटी को आत्मनिर्भर बना सकते हैं।

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क्या आपकी परवरिश बना रही है बेटी को आत्मनिर्भर या दबाव में जीने वाला?

1. सिखाएं सेल्फ केयर

बचपन से लड़कियों को यह सिखाया जाता है कि वो अपनी परवाह किए बिना ख़ुद से पहले दूसरों को, दूसरों की ज़रूरतों को रखें। अभिभावकों को अपनी बेटी को सिखाना चाहिए कि यह जेंडर्ड अवधारणा है और उन्हें अपनी परवाह करने का पूरा हक है और उन्हें अपनी परवाह करनी ही चाहिए। अपने बारे में सोचना कोई स्वार्थी होना नहीं होता।

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2.  सिखाएं अपने फैसले लेना

आज भी लड़कियों को अपने जीवन का निर्णय लेने का हक नहीं दिया जाता। उनकी कंडीशनिंग ऐसी होती है कि बचपन से ही उन्हें अपने निर्णय लेना नहीं सिखाया जाता और इस तरह वे दूसरों पर निर्भर हो जाती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्हें अपने जीवन के निर्णय अपने विवेक पर लेने का हक होना चाहिए और इसके लिए बचपन से उन्हें इसका अभ्यास कराने की ज़रूरत है।

3.  न बोलना सिखाएं

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यह एक बहुत ज़रूरी सीख है क्योंकि अक्सर हमारे समाज में लड़कियों की सहमति को कोई महत्त्व नहीं दिया जाता। बचपन से ही उन्हें ऐसा महसूस कराया जाता है कि उनकी सहमति का कोई महत्त्व नहीं। इसलिए हमें ख़ास तौर पर उन्हें न बोलना सिखाना चाहिए ताकि उन्हें यह मालूम हो सके कि उन्हें हक है अपने मन के अनुसार करने का। और जो वो नहीं करना चाहती उसके लिए वो मना कर सकती हैं।

4. आत्मसम्मान का महत्त्व 

अपनी बेटियों को उनके आत्मसम्मान और गरिमा को सबसे ऊपर रखने की सीख भी दें। उन्हें यह बताएं कि उन्हें किसी भी परिस्थिति में अपने आत्मसम्मान और गरिमा से समझौता नहीं करना चाहिए।

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5. शिक्षा का महत्त्व 

अपनी बेटी को यह बताएं कि आज के ज़माने में शिक्षा एक बहुत शक्तिशाली हथियार है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। यदि वह शिक्षित हो तो आर्थिक रूप से स्वतंत्र होगी, और उसे कोई भी परिस्थिति कमज़ोर नहीं कर सकेगी। 

 

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