Parenting Tips: जानिए कैसे पेरेंट्स के एक्शन तय करते हैं बच्चों का भविष्य

पैरेंट्स के शब्द, व्यवहार और रोज़मर्रा के actions बच्चों की सोच, आदतों और भविष्य को shape देते हैं। इसलिए बहुत ज़रूरी है कि parents अपने बच्चों के सामने वैसा ही बर्ताव करें जैसा वो अपने बच्चों से चाहते हैं।

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Deepika Aartthiya
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Pinterest Photograph: (via Business hub social media marketing)

बच्चे सबसे ज़्यादा वक्त अपने parents के साथ ही बिताते हैं और उन्हीं से सबसे ज़्यादा सीखते भी हैं। एक तरह से देखा जाए तो बच्चे अपने माँ-बाप का ही आईना होते हैं। पैरेंट्स के शब्द, व्यवहार और रोज़मर्रा के actions बच्चों की सोच, आदतों और भविष्य को shape देते हैं। इसलिए बहुत ज़रूरी है कि parents अपने बच्चों के सामने वैसा ही बर्ताव करें जैसा वो अपने बच्चों से चाहते हैं। Parenting सिर्फ बच्चों की देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि ये उनके चरित्र, आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य तक पर असर डालती है।

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Parenting Tips: जानिए कैसे पेरेंट्स के एक्शन तय करते हैं बच्चों का भविष्य

1. खुद उदाहरण बनें 

आज के पेरेंट्स के लिए ये समझना ज़रूरी है कि बच्चों को सिर्फ़ पढ़ाना ही काफी नहीं है, बल्कि अपने actions से उन्हें direction देना भी उतना ही ज़रूरी है। बच्चे अपने parents के behaviour को ही सही मानकर उसी को अपने जीवन में अपनाते हैं। अगर पैरेंट्स समय पर ईमानदारी से अपना काम पूरा करते हैं तो बच्चे भी वही सीखते हैं। Thank you या Sorry कहना, दूसरों की मदद करना या गुस्से को कंट्रोल करना—ये छोटे-छोटे gestures बच्चों की personality पर गहरा असर डालते हैं।

2. नियमों और आदतों में स्थिरता (Consistency)

बच्चों को consistency बहुत प्रभावित करती है। आप जो भी नियम बनाते हैं, उन्हें खुद भी follow करें। अगर आप कहते हैं “पहले Homework करो, फिर खेलो” और खुद अपने काम को टालते हैं, तो बच्चे भी उसे ignore कर देंगे। Parenting में स्थिरता आपके बच्चों के लिए discipline की सबसे बड़ी सीख है।

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3. प्रेरणा और सराहना (Positive reinforcement)

जब भी बच्चे अच्छा व्यवहार या मेहनत दिखाएँ, उन्हें appreciate करें। Praise और encouragement बच्चों के आत्मविश्वास को मज़बूत करते हैं। जैसे अगर बच्चा समय पर अपना task पूरा करता है, तो उसकी तारीफ़ करना या छोटा reward देना उसे बार-बार positive effort करने के लिए motivate करता है।

4. भावनाओं को समझना (Emotional intelligence)

Parents अपने actions से बच्चों को emotional balance भी सिखाते हैं। अगर आप किसी प्रॉब्लम को calmly हैंडल करते हैं तो बच्चा भी यही सीखता है। वहीं अगर आप हर बात पर चिल्लाते हैं, तो बच्चा भी धीरे-धीरे वही approach अपनाता है। Emotional stability parents की सबसे बड़ी विरासत हो सकती है।

5. बातचीत का तरीका (Communication)

Communication बच्चों की सोच को shape करता है। जब आप उनसे खुलकर बात करते हैं, अपनी feelings और decisions clearly explain करते हैं, तो उनमें critical thinking और decision-making जैसी स्किल्स develop होती हैं। बच्चे वही words और tone copy करते हैं जो वे अपने घर में सुनते हैं।

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6. रोज़मर्रा की आदतें (Daily habits)

Parents की daily habits बच्चों के लिए lifelong lessons बन जाती हैं। जैसे समय पर उठना, साफ-सफाई रखना, healthy eating करना और screen time को limit करना। ये आदतें बच्चों में discipline और self-care की importance समझाती हैं।

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