Motherhood Tips: पहली बार माँ बनने पर ध्यान देने योग्य बातें

माँ बनना हर महिला के जीवन का एक अनमोल और भावनात्मक अनुभव होता है। जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। सही जानकारी और देखभाल से इस यात्रा को आसान और सुखद बनाया जा सकता है।

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Sanya Pushkar
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Things to Keep in Mind for First Time Mothers: माँ बनना हर महिला के जीवन का एक अनमोल और भावनात्मक अनुभव होता है। जब कोई महिला पहली बार माँ बनती है, तो उसके मन में कई तरह की भावनाएँ और चिंताएँ होती हैं। यह सफर जितना खूबसूरत होता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। पहली बार माँ बनने पर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कई बदलाव आते हैं, जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। सही जानकारी और देखभाल से इस यात्रा को आसान और सुखद बनाया जा सकता है।

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Motherhood Tips: पहली बार माँ बनने पर ध्यान देने योग्य बातें

1. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें

गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। ऐसे में खुद का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। प्रसव के बाद शरीर को पर्याप्त आराम और पोषण की आवश्यकता होती है, इसलिए संतुलित आहार लेना चाहिए। हरी सब्जियाँ, फल, दूध, दालें, और सूखे मेवे भोजन में शामिल करें, ताकि शरीर को ऊर्जा मिले और कमजोरी महसूस न हो। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बहुत जरूरी है, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और स्तनपान कराने में कोई समस्या न हो। प्रसव के बाद कई महिलाओं को भावनात्मक उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ता है, जिसे "बेबी ब्लूज" या पोस्टपार्टम डिप्रेशन" कहा जाता है। अगर बार-बार उदासी महसूस हो, घबराहट हो, या किसी चीज़ में मन न लगे, तो परिवार के सदस्यों से बात करें और जरूरत पड़े तो डॉक्टर की सलाह लें। खुश रहने की कोशिश करें और अपने मनपसंद कामों में खुद को व्यस्त रखें।

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2. नवजात शिशु की देखभाल

नवजात शिशु बहुत नाजुक होता है और उसे विशेष देखभाल की जरूरत होती है। सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है स्तनपान। माँ का दूध बच्चे के लिए संपूर्ण आहार होता है, जो उसे सभी जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है। जन्म के पहले छह महीने तक केवल माँ का दूध ही देना चाहिए और ऊपर से पानी या कोई और चीज़ नहीं दी जानी चाहिए। बच्चे को हर दो तीन घंटे में दूध पिलाना जरूरी होता है, ताकि उसका उचित विकास हो सके। इसके अलावा, बच्चे की त्वचा बहुत कोमल होती है, इसलिए साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चे को गुनगुने पानी से नहलाएं और मुलायम तौलिए से पोंछें। उसके कपड़े हल्के और आरामदायक होने चाहिए। डायपर समय समय पर बदलते रहें, ताकि बच्चे को रैशेज न हो। बच्चे को लोरी गाकर या हल्की थपकी देकर सुलाने की आदत डालें, क्योंकि नवजात शिशु दिन में कई बार सोते और जागते हैं।

3. स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें

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नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को गोद में लेने या उसे छूने से पहले हाथ धोना चाहिए। घर का वातावरण साफ सुथरा और धूल-मिट्टी रहित होना चाहिए। शिशु के कमरे को अधिक ठंडा या अधिक गर्म न रखें, बल्कि एक आरामदायक तापमान बनाए रखें। बच्चे को धूप में हल्के समय के लिए रखें, ताकि उसे प्राकृतिक विटामिन डी मिल सके। बच्चे को भीड़भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से बचें, क्योंकि वहाँ संक्रमण का खतरा अधिक होता है। घर में अगर कोई बीमार है, तो उसे बच्चे के बहुत करीब न जाने दें। नवजात शिशु को अचानक होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए समय पर टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है।

4. भावनात्मक सहयोग और परिवार का समर्थन लें

माँ बनने के बाद महिला का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। शिशु की देखभाल में कई बार थकान महसूस होती है, लेकिन यह जरूरी है कि माँ खुद को अकेला न महसूस करे। अपने पति, परिवार के सदस्यों और दोस्तों से बातचीत करें और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद लें। माँ बनने के बाद महिला को प्यार, सम्मान और सहानुभूति की जरूरत होती है, इसलिए परिवार को भी सहयोगी बनना चाहिए। कई बार पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को संदेह होता है कि वे सही तरीके से बच्चे की देखभाल कर रही हैं या नहीं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि धीरे-धीरे सबकुछ समझ में आने लगता है। अनुभवी महिलाओं से सलाह लें और अपने अनुभवों से सीखें।

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5. नियमित रूप से डॉक्टर से सलाह लें

शिशु के जन्म के बाद नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना जरूरी होता है, ताकि उसके स्वास्थ्य की जांच हो सके। डॉक्टर से बच्चे की वृद्धि, वजन, पोषण और टीकाकरण के बारे में जानकारी लेते रहें। अगर बच्चे को बुखार हो, साँस लेने में दिक्कत हो, लगातार रो रहा हो, या दूध न पी रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। माँ के स्वास्थ्य की भी देखभाल जरूरी है, इसलिए नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लेते रहें। यदि किसी प्रकार की कमजोरी, दर्द या कोई अन्य समस्या हो रही हो, तो डॉक्टर से सलाह लेने में संकोच न करें।

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