Disadvantages Of Hair Straightening: बालों को स्ट्रेट करना एक फेमस फैशन स्टाइलिंग टेक्नीक है जिससे केमिकल्स या हीट के जरिए बालों की नेचुरल बनावट को चेंज करके बालों को चिकना और सीधा किया जाता है। हालाँकि यह कई बार आपके लुक्स को चेंज करने का एक कन्वीनिएंट तरीका हो सकता है, लेकिन इसमें कई प्रकार की कमियाँ या रिस्क भी शामिल होते हैं जिनके बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है। हीट से होने वाले नुकसान और फ्रिज़ीनेस से लेकर स्कैल्प में जलन और वॉल्यूम में कमी तक, बालों को स्ट्रेट करने के नुकसान शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनो तरह के इफेक्ट डालते हैं। बालों की केयर और स्टाइलिंग के बारे में कोई भी डिसीजन लेने के लिए उससे होने वाली इन कमियों को समझना और जानना भी बेहद जरूरी है। इस आर्टिकल में हम बालों को स्ट्रेट करने से होने वाली वाले नुकसान और उनसे जुड़ी प्रॉब्लम्स के बारे में जानेंगे।
जानिए हेयर स्ट्रेटनिंग से होने वाले नुकसान
1. बालों को नुकसान
फ्लैट आयरन या केमिकल ट्रीटमेंट जैसे हीट बेस्ड बालों को स्ट्रेट करने के तरीके बालों की सॉफ्टनेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे बालों में ड्रायनेस हो सकती है, साथ ही आपके बालों में टूटने और दोमुंहे बाल होने जैसी कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। बहुत ज्यादा हीट बालों की प्रोटीन स्ट्रक्चर को कमजोर कर सकती है, जिससे बालों के खराब होने के चांसेज काफी हद तक बढ़ जाते हैं।
2. घुंघरालेपन
स्ट्रेटनिंग के बाद कभी-कभी घुंघराले बाल हो सकते हैं, खासकर ह्यूमिड कंडिशंस में। ऐसा तब होता है जब बाल हवा से नमी सोख लेते हैं, जिससे वे अपनी नेचुअल बनावट में वापस आ जाते हैं या फिर ख़राब भी हो जाते हैं।
3. स्कैल्प में जलन
केमिकल स्ट्रेटनिंग ट्रैटमेंट जैसे, रिलैक्सर्स या केराटिन ट्रीटमेंट, कुछ लोगों में स्कैल्प में इचिनेस या एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इन ट्रीटमेंट्स में यूज किए जाने वाले हार्ष केमिकल्स से सिर पर रेडनेस, इचिनेस या जलन भी हो सकती है।
4. मेंटिनेंस
स्ट्रेट हेयर्स के स्टाइल को बनाए रखने और खराब होने से बचाने के लिए रेगुलर मेंटेनेंस की जरूरत होती है। इसमें हीट स्टाइलिंग टूल या केमिकल ट्रीटमेंट के साथ बार-बार टच-अप शामिल हो सकता है, जो की काफी टाइम टेकिंग और एक्सपेंसिव भी हो सकता है।
5. टेंपरेरी रिजल्ट्स
हेयर स्ट्रेटनिंग करने के ट्रीटमेंट्स केवल टेंपरेरी होते हैं। जैसे-जैसे नए बाल उगते हैं, बाल फिर से अपनी नेचुरल बनावट में आ जाते हैं जो कि स्ट्रेट किए गए बालों से बिल्कुल भी मैच नहीं होते हैं, जिससे जड़ों और बाकी बालों के बीच बनावट में अंतर दिखाई देने लगता है।
6. वॉल्यूम में कमी
स्ट्रेटनिंग के बाद बाल सपाट हो सकते हैं और उनका वॉल्यूम कम हो सकता है, खासकर नेचुरली से घुंघराले या लहराते बालों वालों के लिए। इससे बाल लूज़ और बेजान दिख सकते हैं, खासकर अगर उन्हें ठीक से स्टाइल न किया गया हो।
7. हीट स्टाइलिंग पर डिपेंड होना
जो लोग बार-बार अपने बालों को स्ट्रेट करते हैं, वे हीट स्टाइलिंग टूल्स पर डिपेंड हो सकते हैं, जो टाइम के साथ बालों को और नुकसान पहुंचा सकते हैं। बहुत अधिक हीट की वजह से बालों की बनावट खराब हो जाती है जिसकी वजह से आपके बाल काफी लंबे टाइम के लिए खराब भी हो सकते हैं।
8. बालों की बनावट में बदलाव
केमिकल स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट बालों की नेचुरल बनावट को हमेशा के लिए चेंज कर सकते हैं। हालांकि यह कुछ लोगों के लिए सही हो सकता है, दूसरों को लग सकता है कि उनके बाल बहुत स्ट्रेट सीधे हो गए हैं या अपनी नेचुरल ब्यूटी और शाइन खो चुके हैं।