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Hairfall (freepik)
How to control postpartum hairfall: पोस्टपार्टम हेयरफॉल एक आम समस्या है, जिससे ज्यादातर महिलाएं गुजरती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, खासकर एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ता है, जिससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल घने दिखने लगते हैं। लेकिन जैसे ही डिलीवरी होती है और हार्मोनल लेवल बराबर होने लगता है, बालों का झड़ना शुरू हो जाता है। यह चेंज अचानक होता है और कई बार महिलाओं को चिंता में डाल देता है। हालांकि ये ज़्यादा समय तक नहीं रहता है, लेकिन अगर सही देखभाल न की जाए तो यह ज्यादा समय तक चल सकती है और बालों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए जरूरी है कि इस फेस में सही पोषण, सही हेयरकेयर रूटीन और पेशेंस अपनाया जाए, ताकि बालों को फिर से मजबूत और घना बनाया जा सके। आइए जानते हैं कि डिलीवरी के बाद होने वाले हेयरफॉल को कैसे रोका जाए।
कैसे रोके डिलीवरी के बाद होने वाले हेयरफॉल को
1. पौष्टिक खाना खाएं
डिलीवरी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है जिसके कारण बाल झड़ने लगते हैं। इसके लिए अपने खाने के विटामिन्स और मिनरल्स वाली चीजें ज़रूर शामिल करें। प्रोटीन में अंडे, दालें, दूध, आयरन में पालक, गुड़, चुकंदर और विटामिन B-कॉम्प्लेक्स में बादाम, अखरोट और ओमेगा-3 फैटी एसिड में अलसी के बीज, मछली, अखरोट खाएं।
2. केमिकल फ्री हेयर केयर प्रोडक्ट चुने
अक्सर बालों की दशा को जल्दी ठीक करने के लिए कई महिलाएं केमिकल वाले प्रोडक्ट्स चुन लेती हैं जो बालों को और नुकसान पहुंचाते हैं। कोशिश करें नेचुरल और हैल्थी प्रॉडक्ट चुने बालों के टाइप के हिसाब से।
3. DIY हेयर मास्क लगाएं
घर पर आसानी से बनी चीजों का मार्केट बेस्ड प्रोडक्ट से कोई मुकाबला नहीं है। आप घर में कई तरह के हेयर मास्क बनके ट्राई कर सकते हैं जो अच्छे रिजल्ट्स देते हैं। जैसे कि दही, एलोवेरा जेल और केले का मास्क, मेथी दाना का पेस्ट और दही का मास्क।
4. बालों को प्यार से संभाले
गीले बालों में कंघी न करें क्योंकि वे उस समय सबसे ज़्यादा कमजोर होते हैं। बालों को जोर से न बांधें और रबर बैंड की जगह सॉफ्ट स्क्रंची का इस्तेमाल करें। बाल धोने के लिए हल्के हाथों का इस्तेमाल करें और ज्यादा गर्म पानी से सिर न धोएं।
5. डॉक्टर की मदद लें
अगर बालों का झड़ना 1 साल बाद भी जारी रहे, या स्कैल्प पर पतलेपन के साइन दिखें, तो डॉक्टर से मिलें। थायरॉइड, एनीमिया या हार्मोनल इंबैलेंस की जांच करवाना जरूरी हो सकता है ऐसे केस में।