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Trend of active ingredients in skincare products how beneficial is it: आजकल ब्यूटी मार्केट में एक्टिव इंग्रेडिएंट्स वाले skincare प्रोडक्ट्स का तूफान आया हुआ है। हाइलूरोनिक एसिड, नियासिनामाइड, रेटिनॉल और विटामिन सी जैसे तत्वों से भरपूर प्रोडक्ट्स हर ब्रांड की शेल्फ पर नजर आते हैं। लेकिन क्या ये एक्टिव इंग्रेडिएंट्स वाकई हमारी त्वचा के लिए फायदेमंद हैं? या सिर्फ मार्केटिंग का हिस्सा हैं? आइए समझते हैं इनकी असली ताकत और सीमाएं।
स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में एक्टिव इंग्रेडिएंट्स का चलन, कितना है फायदेमंद?
Active Ingredients क्या हैं और क्यों हैं ट्रेंड में?
एक्टिव इंग्रेडिएंट्स वे वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तत्व होते हैं जो सीधे त्वचा की समस्याओं पर काम करते हैं। ये केमिकल कंपाउंड्स या नेचुरल एक्सट्रैक्ट्स हो सकते हैं जिनकी प्रभावशीलता रिसर्च से साबित हो चुकी है। मसलन, हाइलूरोनिक एसिड त्वचा को hydrate करता है, नियासिनामाइड पिगमेंटेशन कम करता है और रेटिनॉल कोलेजन प्रोडक्शन बढ़ाता है। इनकी लोकप्रियता का कारण यह है कि ये सामान्य मॉइस्चराइजर्स या क्लींजर्स से ज्यादा टार्गेटेड तरीके से काम करते हैं।
किन एक्टिव इंग्रेडिएंट्स को चुनना है सही?
बाजार में मौजूद हर एक्टिव इंग्रेडिएंट हर त्वचा के लिए उपयुक्त नहीं होता। उदाहरण के लिए, विटामिन सी सेंसिटिव स्किन वालों को परेशान कर सकता है, वहीं रेटिनॉल का गलत इस्तेमाल त्वचा में जलन पैदा कर सकता है। ड्राई स्किन वालों के लिए हाइलूरोनिक एसिड और सेरामाइड्स बेहतर विकल्प हैं, जबकि ऑयली स्किन वाले सैलिसिलिक एसिड और नियासिनामाइड से फायदा उठा सकते हैं। किसी भी नए एक्टिव इंग्रेडिएंट को ट्राई करने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लेना चाहिए।
एक्टिव इंग्रेडिएंट्स के फायदे और नुकसान
इन तत्वों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये त्वचा की गहराई तक जाकर समस्याओं का समाधान करते हैं। मसलन, रेटिनॉल झुर्रियों को कम करने में मददगार है तो अजैलिक एसिड एक्ने और पिगमेंटेशन दोनों पर काम करता है। लेकिन इनका गलत इस्तेमाल नुकसानदायक भी हो सकता है। बहुत से एक्टिव इंग्रेडिएंट्स को एक साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा में इरिटेशन हो सकती है। कुछ तत्व जैसे रेटिनॉल और विटामिन सी को साथ में नहीं लगाना चाहिए। साथ ही, इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते समय सनस्क्रीन लगाना बेहद जरूरी होता है।
कैसे करें एक्टिव इंग्रेडिएंट्स का सही इस्तेमाल?
स्किनकेयर रूटीन में एक्टिव इंग्रेडिएंट्स को शामिल करते समय धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए। पहले हफ्ते में सप्ताह में दो बार इस्तेमाल करके देखें, फिर धीरे-धीरे फ्रीक्वेंसी बढ़ाएं। हमेशा एक समय में सिर्फ एक नया एक्टिव इंग्रेडिएंट ही ट्राई करें ताकि अगर कोई रिएक्शन हो तो पता चल सके। इन प्रोडक्ट्स को लगाने के बाद त्वचा को अच्छी तरह मॉइस्चराइज करना न भूलें। अगर त्वचा में जलन या लालिमा हो तो तुरंत इस्तेमाल बंद कर दें और डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें।
एक्टिव इंग्रेडिएंट्स वाले प्रोडक्ट्स निश्चित रूप से त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर किसी को इनकी आवश्यकता हो। बेसिक क्लींजिंग, मॉइस्चराइजिंग और सन प्रोटेक्शन के बाद ही इन्हें रूटीन में शामिल करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपनी त्वचा की जरूरतों को समझें और उसी के अनुसार प्रोडक्ट्स चुनें। कभी-कभी सिंपल रूटीन भी कमाल का नतीजा दे सकता है।