New Update
गर्भावस्था के दौरानमाँ और बच्चे की सेहत को लेकर घर के बड़े-बुजुगों से लेकर नई पीढ़ी तक तरह-तरह की मान्यताओं से बंधी है।गर्भावस्था के साथ बहुत सारी धारणाएं जुडी हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चे के लिए गर्भावस्था के दौरान जो धारणाएं बना लेते हैं, उनका कोई वैज्ञानिक आधार है या नहीं?
आइए जानें गर्भावस्था के दौरान बेहद आम पांच धारणाओं के बारे में जो सिर्फ आपका मिथ हैं और इनका कोई वैज्ञानिक आधार है ही नहीं।
घरों में अक्सर ऐसी बातें आपने अपने घर के बड़े-बूढ़ो के मुंह से सुनी होगी कि नीचे की ओर झुका हुआ पेट दिखे तो लड़का होगा और अगर ऊपर की ओर उठे तो लड़की होगी, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इसका कोई आधार नहीं है।गर्भ शरीर की बनावट के अनुसार कैसा भी दिख सकता है , इसका लड़का या लड़की से कोई लेना-देना नहीं है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आराम और देखभाल की बहुत जरूरत होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि महिलाएं रुटीन के काम भी न करे। बहुत अधिक आराम से भी प्रजनन में समस्याएं होती हैं। हालांकि महिलाओं को कितने आराम की जरूरत है इसका सही जज आपका डॉक्टर ही है।
आपने कई बार घर के बड़े-बुजुर्गों के मुंह से सुना होगा कि गर्भावस्था के बाद जिन महिलाओं के चेहरे पर अधिक ग्लो या चमक होती है उन्हें लड़की होगी। यह बिल्कुल निराधार है। गर्भावस्था के दौरान खानपान व हार्मोनल बदलाव की वजह से त्वचा और चेहरे में बदलाव दिख सकता है। चेहरे पर चमक दिखना हमारे स्वस्थ खान-पान की वजह से है।
अक्सर गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान केसर वाला दूध यह कहकर पिलाया जाता है कि इससे गर्भ में पल रहा शिशु गोरा होगा। असलियत में बच्चे की त्वचा के रंग का पता कोई भी नहीं बता सकता। ये सब कुदरती है।
अक्सर ऐसा कहा जाता हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अगर मुंहासे होते हैं तो उन्हें बेटी होगी। यह बिल्कुल निराधार है। गर्भावस्था के दौरान मुंहासे हार्मोनल बदलाव या ऑयली डाइट की वजह से हो सकते हैं पर इसका गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग से कोई संबंध नहीं है।
गर्भावस्था एक औरत के जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण लम्हा होता है , ऐसे समय में सबसे ज़्यादा ज़रूरी यह है की महिलाये ख़ूब खुश रहे और अपने स्वस्थ्य का धान रखे ना की इन बेकार की धारणाओं से अपने आपको आहत होने दे ।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चे के लिए गर्भावस्था के दौरान जो धारणाएं बना लेते हैं, उनका कोई वैज्ञानिक आधार है या नहीं?
आइए जानें गर्भावस्था के दौरान बेहद आम पांच धारणाओं के बारे में जो सिर्फ आपका मिथ हैं और इनका कोई वैज्ञानिक आधार है ही नहीं।
गर्भ को देखकर ही बच्चे का लिंग पता लगाया जा सकता है।
घरों में अक्सर ऐसी बातें आपने अपने घर के बड़े-बूढ़ो के मुंह से सुनी होगी कि नीचे की ओर झुका हुआ पेट दिखे तो लड़का होगा और अगर ऊपर की ओर उठे तो लड़की होगी, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इसका कोई आधार नहीं है।गर्भ शरीर की बनावट के अनुसार कैसा भी दिख सकता है , इसका लड़का या लड़की से कोई लेना-देना नहीं है।
गर्भावस्था के दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आराम और देखभाल की बहुत जरूरत होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि महिलाएं रुटीन के काम भी न करे। बहुत अधिक आराम से भी प्रजनन में समस्याएं होती हैं। हालांकि महिलाओं को कितने आराम की जरूरत है इसका सही जज आपका डॉक्टर ही है।
गर्भवती मां के चेहरे से पता पड़ सकता है बच्चे का लिंग।
आपने कई बार घर के बड़े-बुजुर्गों के मुंह से सुना होगा कि गर्भावस्था के बाद जिन महिलाओं के चेहरे पर अधिक ग्लो या चमक होती है उन्हें लड़की होगी। यह बिल्कुल निराधार है। गर्भावस्था के दौरान खानपान व हार्मोनल बदलाव की वजह से त्वचा और चेहरे में बदलाव दिख सकता है। चेहरे पर चमक दिखना हमारे स्वस्थ खान-पान की वजह से है।
दूध में केसर डालकर पीने बच्चा गोरा पैदा होगा।
अक्सर गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान केसर वाला दूध यह कहकर पिलाया जाता है कि इससे गर्भ में पल रहा शिशु गोरा होगा। असलियत में बच्चे की त्वचा के रंग का पता कोई भी नहीं बता सकता। ये सब कुदरती है।
गर्भावस्था में मुंहासों से बच्चे का लिंग पता चल सकता है।
अक्सर ऐसा कहा जाता हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अगर मुंहासे होते हैं तो उन्हें बेटी होगी। यह बिल्कुल निराधार है। गर्भावस्था के दौरान मुंहासे हार्मोनल बदलाव या ऑयली डाइट की वजह से हो सकते हैं पर इसका गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग से कोई संबंध नहीं है।
गर्भावस्था एक औरत के जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण लम्हा होता है , ऐसे समय में सबसे ज़्यादा ज़रूरी यह है की महिलाये ख़ूब खुश रहे और अपने स्वस्थ्य का धान रखे ना की इन बेकार की धारणाओं से अपने आपको आहत होने दे ।