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यदि आप एक बड़े शहर में रहती हैं, तो शायद ही नमुमक़िन होगा कि आप रेडियो आवाजों से अनजान हो. निजी रेडियो स्टेशन क्रांति, जो 2000 के बाद में भारतीय महानगरों में आयी है अब वह छोटे शहरों और कस्बों में भी पहुंच चुकी है. और इस जगह पर आप रेडियो जॉकी या आरजे को पायेंगे जिनकी अपनी अच्छी ख़ासी फैन फोलोइंग है. पुणे की लोकप्रिय रेडियो जॉकी से मिलें.
मॉडरेटर सुधा मेनन ने पुणे में राइटर्स फैस्ट में शहर की तीन प्रसिद्ध आवाजों से सामना कराया. आरजे स्मिता, आरजे शो शो शोनाली और आरजे टिया को उनकी आवाज़ से पहचाना जाता रहा है लेकिन उनके चेहरे से उन्हें जानना एक सुखद अनुभव था.
कई रेडियो श्रोताओं के लिए, ये आरजे सिर्फ मनोरंजन का साधन होने से भी ज्यादा हैं जो सुबह, दोपहर, शाम और रात को रेडियो के ज़रिये उनसे रुबरु होती है. जानिए श्रोताओं को उनके शो में क्या आकर्षित करता है?
आरजे शो शो शोनाली कहती हैं, "मेरे लिए दो कारण हैं. पहला मेरा कंटेट और दूसरा श्रोताओं के साथ मेरा संपर्क."
शोनाली को सोशल मीडिया पर फोलो करने वाले लोगों की बड़ी तादाद है और वह अपने सामाजिक पहल के लिए जानी जाती है. वह कहती है, "जो भी पहल मैं करती हूं, मेरे श्रोता मेरे साथ आ जाते है. इसने मेरे और उनके बीच एक संबंध बना दिया है."
जिसका अर्थ है कि जो भी वह कहती है वह उनके श्रोताओं के दिल तक पहुंचती है और इसी तरह जो वह कहते है वह उन तक पहुंचती है. "मेरे लिए मेरे सभी श्रोता बराबर हैं, चाहे वह किसी कंपनी का एमडी हो या टैक्सी ड्राइवर."
लेकिन दिन, महीनों और वर्षों तक श्रोताओं के साथ यह संबंध को बनायें रखना आसान नहीं है. यह कठिन होता है कि आप उत्साहित, सकारात्मक और सुखदायक लगे जबकि अंदर से आप इसके उल्टा महसूस कर रही हो.
आरजे टिया का कहना है, यह दिखता आसान है लेकिन कई बार ऐसा होता है जब आप की तबियत ठीक नही होती है या आप कमज़ोर महसूस कर रहे होते हैं. वह कहती है, "इतने सालों में, हमने शादी कर ली है, हमारे बच्चे हैं और हमें जीवन में कई अन्य समस्याएं हैं. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको क्या हुआ है, आपको स्टूडियो में तैयार होना और बैठना है और अपना शो करना है. आप रो रहे होंगे लेकिन आप को अपने आंसुओं को छुपाना है और अपना शो करना है क्योंकि आपके श्रोताओं के प्रति आपका कर्तव्य है."
आरजे स्मिता अपने उत्साह के पीछे का रहस्य साझा करती है. "आमतौर पर जब हम अपने शो करते हैं तो हम अकेले होते हैं और स्टूडियो में हमारे साथ कोई नहीं होता है. इसलिए हमें कल्पना करनी होती है कि एक व्यक्ति को क्या पसंद आयेंगा जो हम कहेंगे. हमें आमतौर पर अपने सामने हमारे सबसे अच्छे दोस्त की तस्वीर रखने की सलाह दी जाती है, जिससे हमें लगता रहे कि हम उनसे बात कर रहे हैं. तो अपने श्रोताओं को असली लगने के लिए, आपको यह महसूस करना होता है कि आप वास्तव में आपके सामने बैठे व्यक्ति में दिलचस्पी रखते है."
दूसरी तरफ, शोनाली का मानना है कि उसके पास श्रोताओं के साथ कुछ साझा करने का यह शानदार मौका है और उस वक़्त वह अपनी परेशानी क्यों साझा करना चाहेंगी? "अगर मैं उनके साथ एक निश्चित ऊर्जा साझा करती हूं, तो शायद यह उनके पास से मेरे पास वापस आ जाएगी."
मॉडरेटर सुधा मेनन ने पुणे में राइटर्स फैस्ट में शहर की तीन प्रसिद्ध आवाजों से सामना कराया. आरजे स्मिता, आरजे शो शो शोनाली और आरजे टिया को उनकी आवाज़ से पहचाना जाता रहा है लेकिन उनके चेहरे से उन्हें जानना एक सुखद अनुभव था.
उनके श्रोताओं के साथ एक लगाव है
कई रेडियो श्रोताओं के लिए, ये आरजे सिर्फ मनोरंजन का साधन होने से भी ज्यादा हैं जो सुबह, दोपहर, शाम और रात को रेडियो के ज़रिये उनसे रुबरु होती है. जानिए श्रोताओं को उनके शो में क्या आकर्षित करता है?
आरजे शो शो शोनाली कहती हैं, "मेरे लिए दो कारण हैं. पहला मेरा कंटेट और दूसरा श्रोताओं के साथ मेरा संपर्क."
शोनाली को सोशल मीडिया पर फोलो करने वाले लोगों की बड़ी तादाद है और वह अपने सामाजिक पहल के लिए जानी जाती है. वह कहती है, "जो भी पहल मैं करती हूं, मेरे श्रोता मेरे साथ आ जाते है. इसने मेरे और उनके बीच एक संबंध बना दिया है."
जिसका अर्थ है कि जो भी वह कहती है वह उनके श्रोताओं के दिल तक पहुंचती है और इसी तरह जो वह कहते है वह उन तक पहुंचती है. "मेरे लिए मेरे सभी श्रोता बराबर हैं, चाहे वह किसी कंपनी का एमडी हो या टैक्सी ड्राइवर."
मुझे नहीं पता था कि बात करने के अलावा क्या करना चाहिये मुझे. मैं हर जगह और हर समय बात कर सकती हूं. मैं कभी नहीं जानती थी कि मैं इसके ज़रिये करियर बनाने में सक्षम हूं - आर जे टिया
लेकिन दिन, महीनों और वर्षों तक श्रोताओं के साथ यह संबंध को बनायें रखना आसान नहीं है. यह कठिन होता है कि आप उत्साहित, सकारात्मक और सुखदायक लगे जबकि अंदर से आप इसके उल्टा महसूस कर रही हो.
आरजे टिया का कहना है, यह दिखता आसान है लेकिन कई बार ऐसा होता है जब आप की तबियत ठीक नही होती है या आप कमज़ोर महसूस कर रहे होते हैं. वह कहती है, "इतने सालों में, हमने शादी कर ली है, हमारे बच्चे हैं और हमें जीवन में कई अन्य समस्याएं हैं. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको क्या हुआ है, आपको स्टूडियो में तैयार होना और बैठना है और अपना शो करना है. आप रो रहे होंगे लेकिन आप को अपने आंसुओं को छुपाना है और अपना शो करना है क्योंकि आपके श्रोताओं के प्रति आपका कर्तव्य है."
"मेरे लिए मेरे सभी श्रोता बराबर हैं, चाहे वह किसी कंपनी का एमडी हो या टैक्सी ड्राइवर." - आर जे शोनाली
लेकिन आपके व्यक्तिगत संघर्षों और आपकी भावनाओं के वजन से आपकी आवाज को थरथाने से आप कैसे रोकते हैं ?
आरजे स्मिता अपने उत्साह के पीछे का रहस्य साझा करती है. "आमतौर पर जब हम अपने शो करते हैं तो हम अकेले होते हैं और स्टूडियो में हमारे साथ कोई नहीं होता है. इसलिए हमें कल्पना करनी होती है कि एक व्यक्ति को क्या पसंद आयेंगा जो हम कहेंगे. हमें आमतौर पर अपने सामने हमारे सबसे अच्छे दोस्त की तस्वीर रखने की सलाह दी जाती है, जिससे हमें लगता रहे कि हम उनसे बात कर रहे हैं. तो अपने श्रोताओं को असली लगने के लिए, आपको यह महसूस करना होता है कि आप वास्तव में आपके सामने बैठे व्यक्ति में दिलचस्पी रखते है."
दूसरी तरफ, शोनाली का मानना है कि उसके पास श्रोताओं के साथ कुछ साझा करने का यह शानदार मौका है और उस वक़्त वह अपनी परेशानी क्यों साझा करना चाहेंगी? "अगर मैं उनके साथ एक निश्चित ऊर्जा साझा करती हूं, तो शायद यह उनके पास से मेरे पास वापस आ जाएगी."