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भारत दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ रहे देशों में से एक है, आजादी के 70 साल से भी कम समय में भारत ने कई आर्थिक और सामाजिक बाधाओं का सामना करने के बावजूद बहुत कुछ हासिल कर लिया है. कई लोगों ने इस सफलता में आपना योगदान दिया है, महिलाओं का भी योगदान कम नही है. SheThePeople.TV ऐसी पांच महिलाओं की बात कर रही है जिन्होंने भारत को एक देश बना दिया है और जिन पर हम गर्व कर सकते है.
वह सूची के शीर्ष पर होने की हकदार है क्योंकि उन्होंने न सिर्फ 1947 में भारत की आजादी के लिये उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि वह एक कारण भी थी जिसकी वजह से इस देश का आज़ादी मिली. भारत की नाइटिंगेल के तौर पर जाने जानी वाली नायडू 1947 से 1949 तक आगरा और अवध के संयुक्त प्रांतों की पहले गवर्नर थी और किसी भी राज्य की गवर्नर बनने वाली पहली भारतीय महिला भी थी. भारत को अपने पैरों पर खड़ें करने की उनकी कोशिश ने पूरे देश की महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश करते हुये बताया कि महिलाएं सिर्फ खाना पकाने के लिये ही नही बल्कि वह बहुत कुछ करने में सक्षम है.
अमृता प्रीतम को पहली प्रमुख महिला पंजाबी कवि, उपन्यासकार और निबंधकार माना जाता है. उनकी सबसे लोकप्रिय 'पिंजार' नामक उपन्यास में पंजाब में विभाजन के बाद और उस वक़्त की महिलाओं की को बताया गया है. वह बहुत कम महिलाओं में से एक है जिन्होंने इस विषय पर अपना नारीवादी दृष्टिकोण पेश किया. कई उपलब्धियों के अलावा, प्रीतम ने भारत में हजारों महत्वाकांक्षी महिला लेखकों के लिए बाहरी दुनिया के दरवाजे खोल दियें.
इंदिरा गांधी को 21 वीं सदी की सबसे प्रमुख और शक्तिशाली महिला के तौर पर जाना जाता है. भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री और दुनिया की दूसरी; गांधी ने भारतीय अर्थव्यवस्था का चेहरा बदल दिया और समाज में सामाजिक सुधार लायें. माना जाता है कि दक्षिण एशिया में भारत को सरताज बनाने वाली वही थी. उनकी उपलब्धियां और उनके मजबूत नेतृत्व की कहानियां उनकी मृत्यु के 30 साल के बाद आज भी बताती है कि वह कितनी मज़बूत महिला थी. उन्हें आज भी देश के सबसे प्रभावशाली प्रधान मंत्री के रूप में याद किया जाता है.
मदर टेरेसा जन्म से भारतीय नहीं थीं लेकिन उन्होंने अपने जीवन को भारत के गरीबों की मदद और पोषण के लिए समर्पित किया. मिशनरी ऑफ चैरिटी की संस्थापक, वह एचआईवी / एड्स, कुष्ठ रोग और तपेदिक से पीड़ित लोगों की मदद करती थी और अपने पास रखती थी. नोबेल पुरस्कार विजेता ने सूप रसोई, अस्पताल और मोबाइल क्लीनिक चलायें और इसके अलावा वह अनाथालय और स्कूल भी चलाती रही है.
pic credits :NDTV
दीपा मेहता दुनिया भर के सबसे लोकप्रिय भारतीयों में से एक है. भारतीय महिलाओं पर आधारित उनकी फिल्में उन जगहों पर गईं जहां कोई अन्य भारतीय फिल्म निर्माता पहले नही पहुंच पाया. उनकी 'फायर' और 'वाटर' जैसी फिल्मों ने महिलाओं की कामुकता, समलैंगिकता और हमारे देश में विधवाओं की स्थिति जैसे संवेदनशील विषयों पर बात की. उन्हें धमकी दी गई है और उनकी संपत्ति को कट्टरपंथी धार्मिक "कार्यकर्ताओं" द्वारा नष्ट कर दिया गया है, लेकिन यह बात भी मेहता को रोक नही पाई और वह भारतीय महिलाओं की दबी हुई आवाज़ को सामने लाने में कामयाब हुई.
सरोजिनी नायडू, स्वतंत्रता सेनानी
वह सूची के शीर्ष पर होने की हकदार है क्योंकि उन्होंने न सिर्फ 1947 में भारत की आजादी के लिये उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि वह एक कारण भी थी जिसकी वजह से इस देश का आज़ादी मिली. भारत की नाइटिंगेल के तौर पर जाने जानी वाली नायडू 1947 से 1949 तक आगरा और अवध के संयुक्त प्रांतों की पहले गवर्नर थी और किसी भी राज्य की गवर्नर बनने वाली पहली भारतीय महिला भी थी. भारत को अपने पैरों पर खड़ें करने की उनकी कोशिश ने पूरे देश की महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश करते हुये बताया कि महिलाएं सिर्फ खाना पकाने के लिये ही नही बल्कि वह बहुत कुछ करने में सक्षम है.
अमृता प्रीतम , लेखक और कवि
अमृता प्रीतम को पहली प्रमुख महिला पंजाबी कवि, उपन्यासकार और निबंधकार माना जाता है. उनकी सबसे लोकप्रिय 'पिंजार' नामक उपन्यास में पंजाब में विभाजन के बाद और उस वक़्त की महिलाओं की को बताया गया है. वह बहुत कम महिलाओं में से एक है जिन्होंने इस विषय पर अपना नारीवादी दृष्टिकोण पेश किया. कई उपलब्धियों के अलावा, प्रीतम ने भारत में हजारों महत्वाकांक्षी महिला लेखकों के लिए बाहरी दुनिया के दरवाजे खोल दियें.
इंदिरा गांधी, राजनीतिज्ञ
इंदिरा गांधी को 21 वीं सदी की सबसे प्रमुख और शक्तिशाली महिला के तौर पर जाना जाता है. भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री और दुनिया की दूसरी; गांधी ने भारतीय अर्थव्यवस्था का चेहरा बदल दिया और समाज में सामाजिक सुधार लायें. माना जाता है कि दक्षिण एशिया में भारत को सरताज बनाने वाली वही थी. उनकी उपलब्धियां और उनके मजबूत नेतृत्व की कहानियां उनकी मृत्यु के 30 साल के बाद आज भी बताती है कि वह कितनी मज़बूत महिला थी. उन्हें आज भी देश के सबसे प्रभावशाली प्रधान मंत्री के रूप में याद किया जाता है.
मदर टेरेसा, सोशल एक्टिविस्ट
मदर टेरेसा जन्म से भारतीय नहीं थीं लेकिन उन्होंने अपने जीवन को भारत के गरीबों की मदद और पोषण के लिए समर्पित किया. मिशनरी ऑफ चैरिटी की संस्थापक, वह एचआईवी / एड्स, कुष्ठ रोग और तपेदिक से पीड़ित लोगों की मदद करती थी और अपने पास रखती थी. नोबेल पुरस्कार विजेता ने सूप रसोई, अस्पताल और मोबाइल क्लीनिक चलायें और इसके अलावा वह अनाथालय और स्कूल भी चलाती रही है.
दीपा मेहता, फिल्म निर्माता
दीपा मेहता दुनिया भर के सबसे लोकप्रिय भारतीयों में से एक है. भारतीय महिलाओं पर आधारित उनकी फिल्में उन जगहों पर गईं जहां कोई अन्य भारतीय फिल्म निर्माता पहले नही पहुंच पाया. उनकी 'फायर' और 'वाटर' जैसी फिल्मों ने महिलाओं की कामुकता, समलैंगिकता और हमारे देश में विधवाओं की स्थिति जैसे संवेदनशील विषयों पर बात की. उन्हें धमकी दी गई है और उनकी संपत्ति को कट्टरपंथी धार्मिक "कार्यकर्ताओं" द्वारा नष्ट कर दिया गया है, लेकिन यह बात भी मेहता को रोक नही पाई और वह भारतीय महिलाओं की दबी हुई आवाज़ को सामने लाने में कामयाब हुई.