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भारतीय महिलाओं को नहीं रहना चाहिए पुरुषों पर वित्तीय निर्णयों के लिए निर्भर - विशेषज्ञ

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Swati Bundela
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भारतीय महिलाओं को संगठित तरीके से निवेश या वित्तीय योजनाओं के बारे में जानकारी की काफी कमी है. हालांकि इसके लिए कई कारण हो सकते हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि उनके परिवार के पुरुष सदस्यों पर आत्म-अनिच्छा और निर्भरता महिलाओं के वित्तीय नियोजन को सीमित करती है.

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SheThePeople.TV की नई सीरीज, शी टॉक्स मनी में, हम देश के टीयर-टू शहरों में महिलाओं के बीच वित्तीय साक्षरता के बारे में जागरूकता पैदा करना चाहते हैं. वित्तीय नियोजन के विशेषज्ञ और शीर्ष महिलाओं ने वित्तीय योजनाओं के माध्यम से अपने बारे में बात की और बताया कि महिलायें अपने पैसों को बेहतर तरीके से कैसे निवेश कर सकती है और भविष्य के लिए कैसे बचा सकती हैं.



जयपुर में आर्क डिज़ाइन इंस्टीट्यूट की संस्थापक अर्चना सुराना ने निवेश के माध्यम से अपने जीवन के बारे में बात की और उन्होंने वह कैसे शुरु किया. "जब महिलाएं जानती हैं कि पैसा किसी और का है जैसे पिता या भाई का तो उनमें अनिच्छा हम देख सकते है. लेकिन जब यह आपका पैसा होता है, तो आप तब वित्तीय रूप से समझदारी भरा पहला कदम उठाते हैं. तो यह महत्वपूर्ण है कि हर कोई आत्मनिर्भर हो."
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लेकिन पारुल एडवाइसरी की निदेशक प्रतिमा खिचा, जिनके पास वित्त में 20 साल का अनुभव है, ने कहा कि जब महिलाओं के निवेश की बात आती है, तो सभी क्षमताओं में पैसे बचाती हैं. खिचा ने कहा, "महिलाएं देखती हैं कि सोने, संपत्ति के कपड़े ऐसे निवेश हैं जो वास्तविक हैं,  लेकिन स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश पेपर मनी है और ऐसा कुछ नहीं जो अल्पकालिक लाभ उत्पन्न करता है. म्यूचुअल फंड के साथ बहुत ज्यादा जोखिम नहीं हैं और समय के साथ महिलाओं को पेपर मनी में निवेश करने का सोचना चाहिये क्योंकि यह समय के साथ बढ़ता है.”

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पिछले कुछ वर्षों में, म्यूचुअल फंड और एसआईपी बेहद लोकप्रिय हो गए हैं. जबकि बहुत से लोग इस तरह की योजनाओं में निवेश करते हैं, महिलाओं की संख्या काफी कम है. वित्तीय नियोजन के बारे में महिलाओं के बीच शिक्षा और जागरूकता की कमी भी है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि समाज उन्हें संरक्षित वातावरण में रखता है.  महिलाएं आम तौर पर अपने पतियों, भाइयों या पिता को पैसे देती हैं.



चार्टर्ड एकाउंटेंट, आशीष मोदानी, ने बताया कि तीन से चार दशकों तक महिलाएं पुरुषों पर निर्भर थीं क्योंकि वे ज्यादातर घरेलू काम करती थी. मोदानी ने कहा, "जिस वक़्त महिलायें यह सोचना शुरू कर देती है कि वित्तीय नियोजन उनके बस का नही है और कोई और उनका चार्ज लेने के लिए तैयार है. आप उन्हें अपने पैसे का प्रबंधन करने का अधिकार दे देती हैं."
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जैसे ही आप अपने स्वास्थ्य में निवेश करने के लिए अपने रोज़मर्रा के समय से वक़्त निकाल लेती हैं ताकि आप लंबा जीवन जी सकें उसी तरह से आपको अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा निकाल लेना चाहिए जिसे आप दीर्घकालिक वित्तीय लाभ के लिए निवेश कर सकती है. निवेश बच्चों की तरह हैं. वे हर दिन नहीं बढ़ते हैं. वे कुछ समय में बढ़ते है आपके प्रयासों की वजह से.



सुराना, मोदानी के बात से सहमत थे और उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने संस्थान की स्थापना की, तो उन्होंने महसूस किया कि उनके लिए उनकी कंपनी का विकास उस समय महत्वपूर्ण था न कि उनके वित्त की योजना. उन्होंने "जब आप एक उद्यमी होते हैं, तो आप पहले व्यवसाय में निवेश करते हैं. आप नुक़सान सहते है और सीखते हैं. मैंने धैर्य और दृढ़ता बरकरार रखी है और उसी से मेरी मदद की. "
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महिलाओं के लिए मोडानी की टिप है, " जैसे ही आप अपने स्वास्थ्य में निवेश करने के लिए अपने रोज़मर्रा के समय से वक़्त निकाल लेती हैं ताकि आप लंबा जीवन जी सकें उसी तरह से आपको अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा निकाल लेना चाहिए जिसे आप दीर्घकालिक वित्तीय लाभ के लिए निवेश कर सकती है. निवेश बच्चों की तरह हैं. वे हर दिन नहीं बढ़ते हैं. वे कुछ समय में बढ़ते है आपके प्रयासों की वजह से."

खिचा का मानना ​​है कि महिलाओं को वित्तीय सलाह के लिए अपना दिमाग़ खोलना चाहिए. "वित्तीय दुनिया में क्या हो रहा है इसके बारे में जागरूक रहें और बिना किसी पूर्वाग्रह के विशेषज्ञों की सलाह लें. जानें कि हम कैसे निवेश कर सकते हैं."



आज, तकनीक के साथ, इंटरनेट पर सबकुछ उपलब्ध है और वित्तीय नियोजन शुरू करना आसान और सुविधाजनक है. एकमात्र चीज जो महिलाओं और समाज को करने की ज़रूरत है, वह है एक बेहतर भविष्य की योजना बनाने के लिए प्रोत्साहन और प्रेरणा.
She Talks Money निवेश वित्तीय सलाह सोना
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