Advertisment

हमें अपने जीना का तरीका बदलना चाहिए - आर्गेनिक फार्मर कल्पना मनिवान्नं

author-image
Swati Bundela
New Update




कल्पना एक हाई स्कूल अध्यापिका हैं। उन्होंने एक आर्गेनिक फार्मर बनने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। यह है उनकी कहानी.

कल्पना कहती हैं कि उनका चेन्नई के ऑउटस्कर्ट्स पे एक छोटा सा फार्म है जहाँ वो आर्गेनिक सब्ज़ियां उगाती हैं। 



उनका यह फार्म हाउस सोलर पावर से चलता है। "मैं अपने परिवार को साफ़ और पौष्टिक आहार देना चाहती थी और तब से खाना उगाना मेरा जूनून बन गया। मैं यह भी जानती थी कि आज कल बिक रहे खाने में बहुत मिलावट है और इस सच ने मेरे जूनून को बढ़ावा दिया।", उन्होंने कहा.



Advertisment


"मैं एक सेल्फ-सस्टेनेबल मॉडल की ओर काम कर रही हूँ। मैं अपने फार्म में रेनवाटर हार्वेस्टिंग भी लाना चाहती हूँ और बायोगैस प्लांट पर भी काम करना चाहती हूँ।", उन्होंने कहा।



उन्हें अपने परिवार के सदस्यों को केमिकल फ्री, आर्गेनिक और पौष्टिक भोजन खिलाना बहुत पसंद है। उनके अनुसार स्वयं उगाया जाने वाला खाना स्वास्थय के लिए सबसे अच्छा है। वह हाइब्रिड वेरायटीज के खिलाफ हैं.
Advertisment




Advertisment




उन्हें इस बात की बहुत तसल्ली है कि वह अपनी इच्छाओं के हिसाब से, अपनी देख रेख के अनुसार खाना उगाती हैं। उन्हें कहीं कोई चिंता करने वाली बात नहीं है.

Advertisment

उनका यह फार्म हाउस सोलर पावर से चलता है। "मैं अपने परिवार को साफ़ और पौष्टिक आहार देना चाहती थी और तब से खाना उगाना मेरा जूनून बन गया। मैं यह भी जानती थी कि आज कल बिक रहे खाने में बहुत मिलावट है और इस सच ने मेरे जूनून को बढ़ावा दिया।", उन्होंने कहा



उनके अनुसार अब समय है कि हम अपने जीने के तरीके में बदलाव लाये। हम प्रगति के नाम पर प्रकृति से दूर हो रहे हैं। इससे हमारा खाना ज़हर बन रहा है और हमारे इको - सिस्टम को ख़राब कर रहा है।

Advertisment


उनके अनुसार हमें फार्मिंग की ओर अपना नज़रिए बदलना चाहिए ताकि हमारे आने वाली पीड़िया इसे अपनाएं। "हम क्यों अपना खाना खुद नहीं बना सकते? ", व पूछती हैं।



वह साबुन, बॉडी बटर्स, देतेरगेंट्स, क्लीनिंग सोलूशन्स, पास्ता, सॉसेस आदि भी खुद बनाती हैं। वह अपनी ब्रेड भी खुद बेक करती हैं। अपने किचन वेस्ट को भी वो कम्पोस्ट करती हैं।
इंस्पिरेशन
Advertisment