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Working Women Rights: हर महिला कर्मचारी को पता होना चाहिए यह अधिकार

female-motivator/Blog: महिलाओं को यदि अपने हक के बारे में जानकारी होगी तो वह है अपने अधिकार के लिए स्टेप ले सकती हैं। आज हम बात करेंगे वर्किंग विमेंस के राइट के बारे में जिनको हर महिला कर्मचारी को पता होना चाहिए-

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Vaishali Garg
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Working Women Rights:

Working Women Rights: भारतीय समाज में देखा जाए तो महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। चाहे वह कोई कालोनी हो, वर्कप्लेस हो या आपका घर ही क्यों ना हो। महिलाओं की सुरक्षा का हमारे समाज में एक बड़ा मुद्दा बना रहा है। महिलाओं को लेकर अपराध व उनके अधिकारों को छीनने का मुद्दा हमेशा सामने आता रहा है। ऐसे में उनकी सुरक्षा कौन करेगा? इसका जवाब है महिलाएं खुद। महिलाओं के लिए भारतीय संविधान में कई ऐसे राइट्स बनाए गए हैं जिनकी मदद से वह अपना अधिकार हासिल कर सकती हैं। 

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जो महिलाएं घर से बाहर निकल कर काम करती हैं उनके लिए कानून द्वारा खास नियम प्रदान कराए गए हैं। महिलाओं को यदि अपने हक के बारे में जानकारी होगी तो वह है अपने अधिकार के लिए स्टेप ले सकती हैं। आज हम बात करेंगे वर्किंग विमेंस के राइट के बारे में जिनको हर महिला कर्मचारी को पता होना चाहिए।

3 Rights Every Working Women Should Know

1. मैटरनिटी अधिनियम

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जब एक महिला मां बनती है तो उससे अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी नौकरी छोड़ दे और अपने बच्चे की परवरिश पर ध्यान दें। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है यदि कोई महिला प्रेगनेंसी के बाद भी काम करना चाहती है तो भारतीय कानून ने उसके लिए लॉ बनाया है। यदि कोई महिला प्रेग्नेंट है तो किसी कंपनियां या सरकारी कार्यालय के द्वारा 26 सप्ताह की छुट्टी प्रदान की जा सकती है। इसके अलावा यदि महिला चाहे तो अपनी वर्कप्लेस की जगह से मेटरनिटी फंड के तहत बोनस भी प्राप्त कर सकती है।

2.  हैरेसमेंट अधिनियम

कई वर्कप्लेस और कार्यालयों में देखा गया है कि महिलाओं को हररस किया जाता है। महिलाओं को उनके वर्कप्लेस पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए हैरेसमेंट अधिनियम लॉ बनाया गया है, जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति महिला के पास आकर काम के बहाने उसे छूने की कोशिश करता है, पुरुष महिला से सेक्सुअल टोन में बात करता है या किसी भी तरह उसके करीब आने की कोशिश करता है इसके खिलाफ महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकती है।

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3. इक्वल रेम्युनिरेशन  

पुराने समय के अनुसार वर्कप्लेस पर महिलाओं को कम वेतन तथा उसी काम के लिए पुरुषों को अधिक वेतन दिया जाता था। जिसके खिलाफ इक्वल रेम्युनिरेशन लॉ बनाया गया है। इस लॉ के तहत महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन मिलेगा। यह उनका अधिकार है और ऐसा करने से जेंडर डिस्क्रिमिनेशन को खत्म किया जा सकता है। किसी महिला को यदि कम वेतन मिलता है तो वह इक्वल रेम्युनिरेशन लॉ के तहत अब आवाज उठा सकती है।

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