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बॉलीवुड की इन 4 फिल्मों ने फेमिनिज्म को बढ़ावा दिया

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Swati Bundela
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1. पीकू (Piku)


दीपिका पादुकोण ने इस फिल्म के जरिए समझाया कि औरत भी अपना और अपने परिवार का ख्याल रख सकती है। समाज में ऐसी धारणा बनी हुई की औरत का जिंदगी सफल तभी होता है जब वह
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शादी कर लेती है। लेकिन औरत बिना शादी किए भी खुश रह सकती है।

किसी भी व्यक्ति के लिए शादी जिंदगी का हिस्सा है पूरी जिंदगी नहीं है। इसीलिए किसी भी महिला को शादी के लिए जबरदस्ती करना गलत है। कोई भी महिला बिना शादी किए ‌ वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार का ध्यान रखने के काबिल है।
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2. द डर्टी पिक्चर (The Dirty picture)


बहुत से लोग द डर्टी पिक्चर को गंदी फिल्म समझते होंगे। लेकिन द डर्टी पिक्चर ने फिल्म के द्वारा यह दिखाया है कि अपने सपनों के लिए लड़ना और दुनिया की बिना परवाह किए उसे पूरा करना गलत नहीं है। इस फिल्म में विद्या बालन ने सिल्क के रूप में काम किया है जो अपने टैलेंट को दुनिया को दिखाना चाहती है और अपने सपने पूरे करना चाहती है।
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3. पिंक (pink)


तापसी पन्नू ने इस फिल्म के जरिए उन सारे स्टीरियोटाइप्स बातों को तोड़ा है, जो सिर्फ लड़कियों पर लागू होते हैं लड़कों पर नहीं। साथ ही यह समझाया है कि ना मतलब ना होता है। हालांकि कुछ मर्दों को यह चीज समझ में नहीं आती है। उन्हें लगता है की महिलाओं के ना में भी हां है और अगर लड़की ना कह दे तो इससे उनकी इगो भी हर्ट हो जाता है। जितना हक लड़कों का जिंदगी जीने का होता है उतना ही सम्मान अधिकार लड़कियों का भी होता है।
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4. राज़ी (Raazi)


आलिया भट्ट ने इस फिल्म के जरिए दिखाया कि लड़कियां किसी से भी कम नहीं है। इसमें उस सहमत के रूप में दिखती है जोकि स्पाई रहती है और अपने देश के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहती हैं। यह फिल्म उनके लिए करारा जवाब है जो लड़कियों को यह कहकर रोक देते हैं कि लड़कों का काम है तुम्हारा नहीं।
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बॉलीवुड फिल्म फेमिनिज्म
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