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समाज में बदलाव - पुराने जमाने में महिलाओं के प्रति यही सोच रखी जाती थी की महिलाएं रसोई घर के कामों के लिए बनी है। हालांकि यह विचारधारा 21वी सदी में भी जिंदा है। ऐसी सोच रखने वालों को लगता है कि महिलाएं आगे कैसे बढ़ सकती हैं। लेकिन अंतर इस बात का है इस पीढ़ी की महिलाएं अपने लिए खड़ा होना जानती है। सही गलत का फर्क पहचान कर अपना निर्णय खुद लेती हैं। जानिए कुछ ऐसे ही पांच बदलाव जो पीढ़ी की महिलाओं ने लाया है।
हमेशा से महिलाओं को सिखाया गया है कि अपने से पहले अपने पति अपने परिवार को देखना जरूरी है। लेकिन क्या महिलाओं को इससे खुद की खुशी मिल जाएगी ? जाहिर है कि नहीं, गलत विचारधारा के खिलाफ जाकर खुद को आगे रखने में कोई बुराई नहीं है। हर महिला के अपने सपने होते हैं, लेकिन समाज की छोटी सोच के कारण महिलाओं के सपने को दवा दिया जाता है।
हालांकि इस पीढ़ी की महिलाएं गलत के खिलाफ होकर अपने लिए खड़े होना अच्छे से जानती हैं। कई महिलाओंं के ऐसा निर्णय लेनेेेेे के कारण आज वह लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है।
समाज के लिए अभी भी लड़कियों का अपने घर से निकल कर अपने लिए कुछ करना गलत है। लड़कियों के लिए अपने बारे में सोच कर कंप्रिमाइज नहीं करना गलत है। जिसका जवाब इस पीढ़ी की महिलाएं सही तरीके से दे रही हैं। वही कोई महिला अगर समाज के हिसाब से नहीं चलती है तो समाज उनके बारे में नकारात्मक सोच बना लेती हैं। वहीं सोच में बदलाव नहीं लाया जा सकता है।
आज की महिलाएं शादी की बजाएं अपने करियर बढ़ाने में लगी है, अपने आप को शिक्षित करने में लगी है। हालांकि समाज इस फैसले को भी गलत मानता है। दरअसल सदियों से औरतों ने हाउसवाइफ बन कर घर का काम किया है। जिसके बदले उन्हें आज तक अधिकार या सम्मान नहीं मिला है, वह आज भी घरेलू शोषण का शिकार हो हैं। हालांकि इस बात का करियर वूमेन खंडन करती थी इसीलिए समाज को कैरियर वुमन रास नहीं आती हैं।
हमेशा से औरत अपने पति या पिता के पैसे पर निर्भर रहती थी और आज भी कई महिलाएं निर्भर हैं। हालांकि जितना हक पति और बेटे का होता है घर संभालने का, उतना ही पत्नी और बेटी का भी होता है। वही आज की महिला इस बात को समझ कर दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय खुद के पैरों पर खड़ी हो रही है। यहां तक कि अपने परिवार को भी बिना भाई और पति के संभाल रही है।
1. खुद को आगे रखना
हमेशा से महिलाओं को सिखाया गया है कि अपने से पहले अपने पति अपने परिवार को देखना जरूरी है। लेकिन क्या महिलाओं को इससे खुद की खुशी मिल जाएगी ? जाहिर है कि नहीं, गलत विचारधारा के खिलाफ जाकर खुद को आगे रखने में कोई बुराई नहीं है। हर महिला के अपने सपने होते हैं, लेकिन समाज की छोटी सोच के कारण महिलाओं के सपने को दवा दिया जाता है।
हालांकि इस पीढ़ी की महिलाएं गलत के खिलाफ होकर अपने लिए खड़े होना अच्छे से जानती हैं। कई महिलाओंं के ऐसा निर्णय लेनेेेेे के कारण आज वह लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है।
2. सैक्रिफाइस नहीं करना
समाज के लिए अभी भी लड़कियों का अपने घर से निकल कर अपने लिए कुछ करना गलत है। लड़कियों के लिए अपने बारे में सोच कर कंप्रिमाइज नहीं करना गलत है। जिसका जवाब इस पीढ़ी की महिलाएं सही तरीके से दे रही हैं। वही कोई महिला अगर समाज के हिसाब से नहीं चलती है तो समाज उनके बारे में नकारात्मक सोच बना लेती हैं। वहीं सोच में बदलाव नहीं लाया जा सकता है।
3. अपने सपनों के लिए जीना
आज की महिलाएं शादी की बजाएं अपने करियर बढ़ाने में लगी है, अपने आप को शिक्षित करने में लगी है। हालांकि समाज इस फैसले को भी गलत मानता है। दरअसल सदियों से औरतों ने हाउसवाइफ बन कर घर का काम किया है। जिसके बदले उन्हें आज तक अधिकार या सम्मान नहीं मिला है, वह आज भी घरेलू शोषण का शिकार हो हैं। हालांकि इस बात का करियर वूमेन खंडन करती थी इसीलिए समाज को कैरियर वुमन रास नहीं आती हैं।
4. आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर
हमेशा से औरत अपने पति या पिता के पैसे पर निर्भर रहती थी और आज भी कई महिलाएं निर्भर हैं। हालांकि जितना हक पति और बेटे का होता है घर संभालने का, उतना ही पत्नी और बेटी का भी होता है। वही आज की महिला इस बात को समझ कर दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय खुद के पैरों पर खड़ी हो रही है। यहां तक कि अपने परिवार को भी बिना भाई और पति के संभाल रही है।