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40 करोड़ लोगों के पास नहीं एंटी-बॉडीज, 4th ज़ीरो सर्वे के मुताबित

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Swati Bundela
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जून और जुलाई में एक 4th ज़ीरो सर्वे लांच किया गया था। इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के चीफ डॉक्टर भार्गव ने कहा कि टोटल पापुलेशन का एक तिहाही हिस्सा ऐसा है जिसके पास फिल्हाल कोरोना के खिलाफ एंटी-बॉडीज नहीं हैं। ये सर्वे कुल 70 डिस्ट्रिक्ट में किया गया था। इस से साफ़ साफ़ पता चलता है कि इंडिया के कितने लोग अभी सुरक्षित नहीं हैं।

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ICMR चीफ ने कोरोना 4th ज़ीरो सर्वे को लेकर क्या बोला है?



चीफ डॉक्टर बलराम ने कहा कि यह सर्वे में 6 से 17 साल के बच्चों को भी शामिल किया गया था। इस से सामने आया कि पापुलेशन एक तिहाई हिस्से को कोरोना का इन्फेक्शन हुआ है जो 6 साल से ऊपर के हैं। इस सर्वे में पाया कि मेल-फीमेल और गाओं-शहर के होने से कोरोना को कुछ फर्क नहीं पड़ता है।

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डॉक्टर भार्गव ने स्कूल खुलने को लेकर कहा कि फिल्हाल प्राइमरी स्कूल खोलना सही होगा और स्कूल का सारा स्टाफ जैसे कि टीचर्स, ड्राइवर और बाकि के स्टाफ का फुल्ली वक्सीनेटेड होना जरुरी होगा।

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कोरोना की तीसरी लहर कब आ सकती है ?



कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी ही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि तीसरी लहर नहीं आ सकती है। एक्सपर्ट्स का ऐसा कहना है कि तीसरी लहर आने का कारण कोरोना का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट भी हो सकता है।

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डेल्टा प्लस वेरिएंट खतरनाक क्यों है ?



पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कोरोनोवायरस वेरिएंट पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि 7 जून तक, डेल्टा प्लस वेरिएंट के भारत के 6 मामलों की पहचान की गई है। स्वास्थ्य एजेंसी ने डेल्टा वेरिएंट के K417N म्यूटेशन के साथ कुल 63 जीनोम की उपस्थिति की पुष्टि की है।



दिल्ली बेस्ट साइंटिस्ट विनोद स्कारिया ने अपने ट्वीट के जरिए बताया कि यह वायरस हमारे शरीर में जाकर हमारे ह्यूमन सेल्स को संक्रमित कर सकती है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि “इस समय भारत में K417N का वैरिएंट फ़्रीक्वेंसी अधिक नहीं है। ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका के हैं। ”
सेहत
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