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1. आपातकाल के समय में: आज हमारे जीवन में कुछ भी निश्चित नहीं है - चाहे वह नौकरी हो या जीवन हो. हमें समझना होगा कि अगर केवल पति ही कमाई करने वाला है, पत्नी और बच्चे उसके ऊपर निर्भर हैं, तो परिवार के लिए चिंता करने का कारण है. ऐसा इसलिए है क्योंकि, यदि पति अपना काम खो देता है या किसी कारण से काम करने में असमर्थ है, तो परिवार के लिये दिक्क़त हो जाती है. यदि घर की महिला भी वित्तीय रूप से स्वतंत्र है तो बहुत सी स्थितियों का सामना बिना किसी वित्तीय तनाव के किया जा सकता है.
2. जीवन की बढ़ती लागत को पूरा करने के लिए: मुद्रास्फीति, जैसा कि हम सभी जानते हैं, पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है. एक सामान्य परिवार के लिये जीवन जीना दिन ब दिन मुश्किल होता जा रहा है. इसलिए, यदि महिला आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं तो वे न केवल घर के दैनिक खर्चों में योगदान दे सकती हैं बल्कि परिवार के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद कर सकती हैं.
3. अपने आत्म-मनोबल को बढ़ाने के लिए: आर्थिक रूप से स्वतंत्र लोग अपने निर्णय लेने में सक्षम हैं और किसी पर भी निर्भर नहीं होते हैं. इससे उनका आत्म सम्मान बढ़ जाता है और जीवन में किसी भी तरह की स्थितियों का सामना करने के लिए उन्हें अधिक आत्मविश्वास मिल जाता है. इसके अलावा, महिलाओं की कुछ आकांक्षाएं और सपने हो सकते हैं, जिनकी पूर्ति के लिए उन्हें अपने माता-पिता या पति पर निर्भर रहना पड़ता है. वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने की स्थिति में वह अपनी इच्छायें ख़ुद ही पूरा कर सकती है.
एक महिला जो अपने पैरों पर खड़ी है और खुद की राय रखती है वह एक आदर्श मॉडल है और समाज में अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है
4. असहाय महसूस करना बंद करने के लिए: यह एक दुखद तथ्य है कि दुनिया में कई महिलाएं घरेलू हिंसा या उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पीड़ित रहती हैं. हालांकि, वित्तीय निर्भरता के कारण वो अन्याय और अपराध को सहन करना जारी रखती हैं. इसलिए, यह बेहद जरूरी है कि हर महिला आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो जाए ताकि वह जीवन में असहाय महसूस न करें.
5. एक आदर्श मॉडल बनने के लिए: एक महिला जो अपने पैरों पर खड़ी है और खुद की राय रखती है वह एक आदर्श मॉडल है और समाज में अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है. वह दूसरों को गरिमा के साथ खड़े होने के लिए प्रेरित करती है और हिंसा को नहीं सहती है. इसके अलावा, बच्चे जो देखते हैं उसी से सीखते हैं. अगर बच्चे देखते हैं कि उनकी मां आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं, तो वे पैसे के मूल्य को भी समझेंगे और बड़े होने पर जीवन में आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित होंगे.