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5 बॉलीवुड फीमेल कैरेक्टर्स जो आपका दिल छू लेंगे
1. शशि ( इंग्लिश विंग्लिश )
फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में श्रीदेवी ने शशि का किरदार निभाया था जो फिल्म का लीड प्ले करते दिखीं थीं। शशि एक होम मेकर थीं जिनकी अपनी कोई पहचान नहीं थी और इसलिए उन्होंने दुनिया के दूसरे हिस्सों में जाकर अपनी जिंदगी का नया मकसद ढूंढा, नए दोस्त बनाए और इंग्लिश सीखी।
शशि के किरदार ने हमें सिखाया कि कैसे आपको अपनी पहचान बनाने के लिए आपको कॉम्प्रोमाइज करने की बिल्कुल जरूरत नहीं होती।
2. नैना ( ये जवानी है दीवानी)
इस फिल्म को ज्यादा तर लोगों ने सेक्सिस्ट कहा और नैना के चश्मा उतरते ही उसके खूबसूरत बन जाने के मैसेज ने कहीं ना कहीं लोगों को ठेस पहुंचाई ।
लेकिन इसी फिल्म में गौर करने वाली एक और बात थी जब बन्नी नैना को पेरिस चलने की बात कहता है और नैना की जिंदगी को बोरिंग बताता है तब नैना खुद को अपने लिए निखारने और दूसरों के लिए ना बदलने का मैसेज देती है चाहें वे दूसरे हमारे करीबी और चहीते ही क्यों न हों।
3. पीकू ( फिल्म - पीकू )
पीकू फिल्म की मुख्य किरदार पीकू सादा जीवन जीने वाली साधारण सी लड़की थी। इस मूवी में आपको बेटों और बेटियों के रोल को redefine किया गया और एक महिला को अपने जीवन के फैसले अपने आप लेने पर जोर दिया गया।
जब पीकू अपने पापा का खयाल रखने के लिए दूसरों द्वारा शादी के प्रेसर को नेगलेक्ट करती है और एक को आग रखती है तो पीकू का किरदार हर लड़की को उसे पसंद करने पर मजबूर कर देता है।
फिल्म में पीकू के वर्जिन न होने, मल्टीपल पार्टनर्स और रिलेशनशिप होने, इंडिपेंडेंट होने और महिलाओं के ज़िंदगी के फैसले लेने को काफी नॉर्मलाइज किया गया है।
4. लैला ( जिन्दगी न मिलेगी दोबारा )
जिंदगी ना में दोबारा फिल्म लोगों में जिंदगी के बारे में सोचने का एक अलग ही जज़्बा भरती है और इसका सबसे बड़ा श्रेय जाता है इसकी मुख्य किरदार लैला को।
लैला को हर काम करती है जिस पर लड़कों वाले काम होने का टैबू लगा होता था। वो हर पल को अभी में जीने पर फोर्स करती है और खुद भी जीती है।
5. मीनल, फलक और एंड्रिया ( फ़िल्म - पिंक)
फिल्म पिंक का सबसे मशहूर डायलॉग है , " No means No"। ये फ़िल्म पूरी तरह से कंसेंट की वैल्यू और जरूरत को दिखाती है। चाहें काम कोई भी हो, जेंडर कोई भी हो पर कंसेंट सबके लिए ज़रूरी होता है।